टॉन्सिलाइटिस और कंठनली में पीड़ा
कारण
- बैक्टीरियल ( bacterial ) और वायरल ( viral ) इनफ़ेक्शन
- ऊपरी श्वसन ( respiration ) पथ के इनफ़ेक्शन
- भीड़भाड़ के साथ साइनोसाइटिस
लक्षण
- टॉन्सिल की लालिमा के साथ कंठनली में खराश
- गर्दन ( neck ) प्रदेश में सॉफ्टनेस या पीड़ा
- आहार ( food ) गटकने ( निगलने ) में मुसीबत
- शीत लगना और कान ( ear ) में पीड़ा
- श्वेत धब्बे वाले टॉन्सिल से आवाज कर्कश हो जाती है
ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ )
कारण
- स्मोकिंग
- वायु प्रदूषकों की ब्रीथिंग लेना (धूल या जहरीली गैसें)
- फेफड़ों का इनफ़ेक्शन
- कम इम्युनिटी
- ताकतवर एसिड के लिए व्यावसायिक ख़तरा
लक्षण
- कफ, बलगम के साथ कफ
- साँसों की अभाव
- हल्का ज्वर और शीत लगना
- हल्का सरदर्द या बॉडी ( body ) में पीड़ा
- उत्पादक कफ जो महीनों ( कई माह ) तक रहती है
- थकान और छाती में कष्ट
दमा
कारण
- एक एलर्जेन, अड़चन के कांटेक्ट में। वायु में प्रदूषक
- तनाव
- बार-बार प्रतिश्याय ( जुकाम ) जो छाती में बस जाता है
- बारम्बार होनेवाला शीत और कफ का हिस्ट्री एलर्जिक राइनाइटिस
- आनुवंशिक पूर्व स्वभाव के साथ पारिवारिक हिस्ट्री
लक्षण
- कसरत के दौरान लेटते अवधि ( समय ) या हंसते अवधि ( समय ) रात्रि में खाँसी ( cough )
- छाती में अकड़न के साथ सांस लेने में कष्ट
- साँसों की अभाव
- सांस लेते अवधि ( समय ) आवाज के साथ घरघराहट
- कफ, बलगम के साथ सूखी या खाँसी ( cough )
डायबिटीज
कारण
- डायबिटीज का पारिवारिक हिस्ट्री
- ज्यादा भार या मोटापा
- अग्नाशयशोथ
- आनुवंशिक कारक
- पॉलीसिस्टिक अंडाशय बिमारियों वाली स्त्रियों में हार्मोनल ( hormonal ) इम्बैलेंस ( असंतुलन )
लक्षण
- बढ़ी हुई भूख और तृष्णा
- मूत्र करने की बेकाबू चाह
- थकान और धुंधली नजर
- टांगों या हाथों में सुन्नपन / सनसनाहट
- थकान और निर्बलता
- ज़ख्म जो सरलता से नहीं भरते
Name | Baidyanath Abhrak Bhasm (5g) |
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Other Names | Abhrak Bhasm |
Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 66 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), Bhasm & Pishti |
Sizes | 2.5 ग्राम, 5जी, 10 ग्राम |
Prescription Required | No |
Length | 1 सेंटिमीटर |
Width | 1 सेंटिमीटर |
Height | 4 सेंटिमीटर |
Weight | 12 ग्राम |
Diseases | टॉन्सिलाइटिस और कंठनली में पीड़ा, ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ ), दमा, डायबिटीज |
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About Baidyanath Abhrak Bhasma
अभ्रक भस्म खनिज, अभ्रक का निस्तापन है। यह आयुर्वेद ( ayurveda ) का एक आधारित केमिकल (कायाकल्प करने वाला टॉनिक, सब के सब धातुओं को आहार-पोषण देता है और ओजस बनाता है, आयु बढ़ने को रोककर और बॉडी ( body ) को फिर से युवा बनाकर) दीर्घायु को प्रोत्साहन देता है।
अभ्रक भस्म हमारे बॉडी ( body ) और भिन्न-भिन्न सूक्ष्म-टिशू में अपनी पैठ और फैलाने वाली संपत्ति के लिए जाना जाता है, जिसके कारण यह ऊतक बहाली में सहायता करता है। यह औषधि शुद्धिकरण, दाह और चूर्णीकरण जैसी प्रक्रियाओं को शामिल करके अभ्रक को जड़ी-बूटियों की गिनती के साथ मिलाकर तैयार की जाती है। औषधि में आयरन, कैल्शियम ( calcium ), मैग्नीशियम, पोटेशियम ( potassium ) और एल्युमिनियम की मात्रा ( quantity ) भी होती है।
अभ्रक भस्म भिन्न-भिन्न बिमारियों में इसके उपचारात्मक गुणों के कारण यह एक अद्भुत दवा है।
Ingredient Of Baidyanath Abhrak Bhasma
- Abhrak (Biotite/black mica)
- लोहा
- मैगनीशियम
- पोटैशियम
- कैल्शियम ( calcium )
- एल्युमिनियम (निशान में)
- संयंत्र एल्कलॉइड (निशान में)
इशारा
बॉडी ( body ) प्रणालियों के अनुरूप ( accordingly ) अभ्रक भस्म इशारा नीचे दिए गए हैं
नर्व तंत्र
- पुराना सरदर्द
- अधकपारी
- स्मरण
- मस्तिष्क का घुमेरी ( dizziness )
मानसिक रोग विशेषज्ञ बीमारी
- दिमाग़ी निर्बलता के साथ चिंता ( anxiety )
- अनिद्रा ( insomnia ) या निद्रा न आना
- आत्मघात की प्रवृत्ति के साथ डिप्रेशन
- चिड़चिड़ाहट (मुक्ता पिस्ती के साथ)
- सिजोफ्रेनिया ( schizophrenia ) (रजत भस्म के साथ)
- दिमाग़ी तनाव
- ध्यान आभाव सक्रियता डिसऑर्डर
आमाशय के बीमारी (लीवर ( liver ) और आमाशय)
- आमाशय की गैस
- आमाशय में दाह
- व्रण
- यकृत ( liver ) इज़ाफ़ा
- जॉन्डिस
- प्लीहा इज़ाफ़ा
- सेंसिटिव आंत्र की रोग
श्वसन ( respiration ) बीमारी (फेफड़े ( lungs ))
- ब्रीथिंग लेने में मुसीबत
- दमा
- कफ
- क्रोनिक कफ
- काली कफ
हृदय और रक्त
- हृदय की निर्बलता
- घबराहट या बेचैनी
- रक्ताल्पता
- हृदय की असाधारण वृद्धि
वयस्क पुरुषों के बीमारी
- बांझपन
- नपुंसकता
- अल्पशुक्राणुता
स्त्रियों के बीमारी
- प्रसवोत्तर डिप्रेशन
- रजोनिवृत्ति के लक्षण ( symptom )
जरूरी इलाज इस्तेमाल
- अग्निमांड्या (हाज़मा त्रुटि)
- ग्रहानी (Malabsorption syndrome)
- प्लिहा (प्लीहा बीमारी)
- उदारा (आमाशय के बीमारी/आमाशय का बढ़ना)
- क्रिमी (हेलमिंथियासिस/कृमि इनफ़ेक्शन)
- यकृत ( liver ) के बीमारी
- Kapharoga (Disease due to Kapha dosha)
- कासा (कफ)
- श्वासा (दमा/दमा)
- ज्वरा (ज्वर)
- रक्तपित्त (ब्लीडिंग डिसऑर्डर)
- प्रमेह (पेशाब डिसऑर्डर)
- मूत्र में दाह
- पेशाब धारण
- गुर्दे के बीमारी
- पांडु (खून की कमी)
- केशा पटाना (बालों ( hair ) का झड़ना)
- तवाग्रोगा (स्किन बीमारी)
- जरा (बुढ़ापा/प्रोजेरियासिस)
- Napunsakata (Impotency)
- वीर्यपात
- कम शुक्राणुओं की गिनती
- रिप्रोडक्शन योग्यता और ताक़त में इम्प्रूवमेंट
- लैंगिक ( genital ) निर्बलता
- कुष्ठ (स्किन के बीमारी)
- ग्रंथी (सिस्ट), विशा
मात्रा ( quantity ) बनाने की पद्धति
अभ्रक भस्म की डोज़ वयस्कों में प्रति दिन 750 मिलीग्राम ( mg ) और 10 साल से कम आयु के शिशुओं में 250 मिलीग्राम ( mg ) प्रति दिन से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
- 0 से 1 साल की उम्र के बच्चे - 15 मिलीग्राम ( mg ) से 30 मिलीग्राम ( mg ) दिन में दो बार
- उम्र वर्ग 1 से 10 साल-30 मिलीग्राम ( mg ) से 125 मिलीग्राम ( mg ) दिन में दो बार
- वयस्कों में डोज़-125 मिलीग्राम ( mg ) से 250 मिलीग्राम ( mg ) दिन में दो बार या दिन में तीन बार
Precautions with Baidyanath Abhrak Bhasma
यह औषधि केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही ली जानी चाहिए।
इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है।
ओवरडोज से संजीदा दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं।
प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इसका बहुत एहतियात से इस्तेमाल किया जाना चाहिए, केवल तभी जब अवधारित डॉक्टर द्वारा बहुत अनिवार्य पाया गया हो।
इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें। सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।