बदहजमी/अम्ल/गैस
कारण
- खा
- चिंता ( anxiety )
- लगातार व्रत
- मसालों से भरा आहार ( food ) का ज्यादा सेवन
- पीड़ा निरोधक एंटीबायोटिक्स ( antibiotics ) अम्लता ( खट्टापन ) का कारण बन सकते हैं
लक्षण
- ऊपरी आमाशय में आकुलता ( बेचैनी )
- आमाशय पीड़ा और परिपूर्णता की मनोवृत्ति
- उल्टी
- मतली के एपिसोड
- स्वेलिंग की अनुभूति
Name | Baidyanath Gaisantak Bati (100tab) |
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Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 120 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), औषधियां |
Sizes | 50टैब, 100टैब |
Prescription Required | No |
Length | 4.4 सेंटिमीटर |
Width | 4.4 सेंटिमीटर |
Height | 8.8 सेंटिमीटर |
Weight | 54 ग्राम |
Diseases | बदहजमी/अम्ल/गैस |
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About Baidyanath Gaisantak Bati
आमाशय का पीड़ा और गैसें संभवतया ह्यूमन ( human ) जाति में सबसे ज्यादा पाई जाने वाली रोग हैं। इसके लिए आयुर्वेदिक के नजदीक एक बेहतरीन इलाज है। ऐसी शिकायतों के लिए गायसंटक बाटी एक बेहतरीन फॉर्मूला है। यह एक एंटासिड और कार्मिनेटिव के रूप में काम करता है। यह शूल में इंगित किया गया है। भूख बढ़ाने वाला आमाशय फूलना आमाशय भरने जैसे लक्षणों को सुचारू रूप से ठीक करता है।
गैसंतक बाटी हिंग से बना है और वात के लिए एक नेचुरल हाज़मा सूत्र है, जिसे हींग के रूप में भी जाना जाता है, और आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के साथ मिलकर जठरांत्र रिलेटिव पथ के सही काम को बनाए रखने में सहायता करता है। यह प्रमुख रूप से अपान वायु के इम्बैलेंस ( असंतुलन ) के लिए उपयोग किया जाता है, जो बॉडी ( body ) की नीचे की ओर गतिमान एनर्जी है।
यह एक एंटासिड और कार्मिनेटिव के रूप में काम करता है। यह शूल में इंगित किया गया है। भूख बढ़ाता है और आमाशय की गैस को दूर करता है। परिपूर्णता, फूला हुआ सनसनी, आमाशय फूलना जैसे लक्षणों को सरलता से ठीक करें। वजनी आहार ( food ) के बाद आकुलता ( बेचैनी ) को रोकता है।
Baidyanath Gaisantak Bati Benefits:
- बढ़ती हुई भूख
- ऊर्जाओं में बैलेंस बनाना
- गैस्ट्रिक ( gastric ) आमाशय फूलना दूर करता है
Baidyanath Gaisantak Bati Features
- हर एक पैक में 100 गोली ( tablet ) होते हैं
- आयुर्वेदिक उत्पाद ( product )
Ingredients of Gaisantak Bati
- Lahsun
- Sonth
- अजोवन
- Lavan . में
- Nausadar
- हिंग
- Lehsun
जठरशोथ कारण
- मसालों से भरा और वजनी आहार ( food ) करने से आमाशय की दीवार बिगड़ हो जाती है, जिससे गैस्ट्राइटिस हो जाता है।
- रक्ताल्पता, स्पेशल रूप से घातक रक्ताल्पता से आमाशय की दीवार में स्वेलिंग आ जाती है।
- जठरशोथ के कारण गैस्ट्रिक ( gastric ) अल्सर ( ulcer ) भी उत्तरदायी होते हैं।
- वायरस और जीवाणु के कारण होने वाले इनफ़ेक्शन से भी गैस्ट्राइटिस हो जाता है।
- मदिरा के ज्यादा सेवन से गैस्ट्राइटिस हो जाता है।
- अस्वास्थ्यकर रहन-सहन का नेतृत्व करने से भी गैस्ट्र्रिटिस हो सकता है।
General Description for Dosage of Baidyanath Gaisantak Bati
- 2 दवाइयां दिन में तीन बार या डॉक्टर द्वारा कहें अनुरूप ( accordingly )