बदहजमी/अम्ल/गैस
कारण
- खा
- चिंता ( anxiety )
- लगातार व्रत
- मसालों से भरा आहार ( food ) का ज्यादा सेवन
- पीड़ा निरोधक एंटीबायोटिक्स ( antibiotics ) अम्लता ( खट्टापन ) का कारण बन सकते हैं
लक्षण
- ऊपरी आमाशय में आकुलता ( बेचैनी )
- आमाशय पीड़ा और परिपूर्णता की मनोवृत्ति
- उल्टी
- मतली के एपिसोड
- स्वेलिंग की अनुभूति
Name | Baidyanath Hingwashtak Churna (60g) |
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Other Names | हिंगवास्तक चूर्ण, मंथन तक, हिंगस्तक चूर्ण |
Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 115 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), चूर्ण, अवलेहा और पाकी |
Sizes | 60 ग्राम |
Prescription Required | No |
Length | 5.9 सेंटिमीटर |
Width | 5.9 सेंटिमीटर |
Height | 10 सेंटिमीटर |
Weight | 82 ग्राम |
Diseases | बदहजमी/अम्ल/गैस |
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About Baidyanath Hingwashtak Churna
हिंगवाष्टक चूर्ण (Hinggastak Churna, Hingastak Churna) एक हर्बल पाउडर है जिसका इस्तेमाल बदहजमी के ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है। हिंगवाष्टक चूर्ण में प्रमुख रूप से बहुत ही सुरक्षित और कुशल हर्बल घटक होते हैं।
Features of Baidyanath Hingwashtak Churna
हिंगवास्तक चूर्ण की मटेरियल
- शुंठी (ज़िंगिबर ऑफ़िसिनेल)
- Saindhav lavan(Rock salt)
- कालीमरीचा (काली मिर्च)
- जीरा श्वेत (जीरा)
- पिप्पली (पाइपर लॉन्ग)
- काला जीरा (काला जीरा)
- अजवाइन (कैरम कॉटिकम)
- हिंगु (हींग राल)
हिंगवाष्टक चूर्ण का इशारा
- आमाशय फूलना
- बदहजमी
- उदरशूल
- कोष्ठबद्धता ( constipation )
- आंत्र में वायु का रुकना
- स्वाद ( taste ) की नुक्सान
Benefits of Baidyanath Hingwashtak Churna
- हिंगवाष्टक चूर्ण हाज़मा शक्ति में इम्प्रूवमेंट के लिए इस्तेमाल करता है।
- Hingvastak Churna का इस्तेमाल एनोरेक्सिया, बदहजमी आदि के ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है।
- हिंगवाष्टक चूर्ण का इस्तेमाल वात इम्बैलेंस ( असंतुलन ) और वात रिलेटिव बिमारियों जैसे स्वेलिंग, जॉइंट्स के बीमारी आदि के ट्रीटमेंट ( treatment ) में भी किया जाता है।
- हिंगवाष्टक चूर्ण रूमेटाइड आर्थराइटिस में एक बढ़िया भोजन अनुपूरक है।
बैद्यनाथ हिंगवाष्टक चूर्ण की डोज़ का साधारण रिपोर्ट
रोग के बुनियाद पर या डॉक्टर के निर्देशानुसार आहार ( food ) के पहले, साथ या बाद में 1 से 4 ग्राम लें।
precautions for Baidyanath Hingwashtak Churna
- कुछ पेशेन्ट्स ( patient ) में हिंगवास्तक चूर्ण से आमाशय में दाह हो सकती है।
- चूंकि इसमें लवण होता है, इसलिए हाई बी.पी. और गुर्दे रिलेटिव रोगों वाले लोगों को ध्यान रखना चाहिए।
- बिना डॉक्टरी परामर्श के हिंगवास्तक चूर्ण लेने की परामर्श नहीं दी जाती है।
- इसे मां के स्तनपान ( breastfeeding ) के दौरान दिया जा सकता है।
- यह शिशुओं को बहुत कम मात्रा ( quantity ) में दिया जा सकता है।