Baidyanath Pradarantak Lauh (20tab)

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Baidyanath Pradarantak Lauh (20tab)

रक्त की अभाव

कारण

  • आयरन की पुष्टिकारक तत्वों की अभाव
  • आयरन का बुरा समावेश
  • वजनी औषधि पर आदमी
  • माहवार धर्म और बहुत ब्लीडिंग डिसऑर्डर
  • खून की कमी का पारिवारिक हिस्ट्री

लक्षण

  • निर्बलता और सुस्ती महसूस होना
  • हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) का निम्न स्तर
  • भूख में अभाव
  • बालों ( hair ) का झड़ना
  • पीलापन और भंगुर नाखून ( nails )
  • सरलता से थक जाता है
  • सहनशक्ति की अभाव
  • अनियमित ( irregular ) हृदय की हार्टबीट के साथ सरदर्द

NameBaidyanath Pradarantak Lauh (20tab)
Other Namesप्रद्रंतक लौहू
BrandBaidyanath
MRP₹ 39
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), लोहा और मंडूरी
Sizes20टैब, 40टैब
Prescription RequiredNo
Length5 सेंटिमीटर
Width7 सेंटिमीटर
Height1 सेंटिमीटर
Weight5 ग्राम
Diseasesरक्त की अभाव

 About Pradarantak Lauh

प्रदरेंटक लौह गोली ( tablet ) या पाउडर के रूप में एक आयुर्वेदिक औषधि है। यह आयुर्वेद ( ayurveda ) का लौहा कल्प है। लौह कल्प को और औषधियों में जोड़े जाने वाले प्रमुख घटक के रूप में लौहा भस्म की तैयारी के रूप में परिभाषित किया गया है। लौह कपल और मटेरियल के पाउडर को लौहा भस्म में मिलाकर तैयार किया जाता है। इसका इस्तेमाल प्रमुख रूप से मेनोरेजिया, मेट्रोरहागिया, ल्यूकोरिया आदि के ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है। उत्तर इंडियन आयुर्वेदिक प्रशिक्षण में इस औषधि का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इसमें वजनी धातु मूल तत्व होते हैं, इसलिए इसे केवल औषधीय निगरानी में ही लेना चाहिए।

फायदा

  • यह स्त्री विकृतियों और रक्ताल्पता को ठीक करता है।
  • यह गर्भाशय और अंडाशय को ताकत देता है।
  • यह वजाइना से असाधारण डिस्चार्ज, कम भूख, हाज़मा त्रुटि, वजाइना में पीड़ा, पीठ ( back ) के निम्न हिस्से और श्रोणि में आराम देता है।
  • इसमें त्रिफला (आंवला + हरड़ + बहेड़ा) और त्रिकटु (सोंठ + काली मिर्च + पिप्पली) होता है जिसके कारण यह हाज़मा और श्वसन ( respiration ) रिलेटिव विकृतियों में प्रभावशाली होता है।

इस्तेमाल

  • इसका इस्तेमाल आयरन के साधन के रूप में किया जा सकता है, क्योंकि इसमें आयरन कैलक्स (भस्म) घटक के रूप में होता है।
  • इसका इस्तेमाल मेनोरेजिया, मेट्रोरेजिया, ल्यूकोरिया, पीठ ( back ) के निम्न हिस्से में पीड़ा, लम्बर स्पोंडिलोसिस, डिसमेनोरिया के ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है।
  • यह बदहजमी, रक्ताल्पता, दमा, कफ को दूर करने में सहायक है।
  • यह प्रकृति में पौष्टिक है और शक्ति और इम्युनिटी में इम्प्रूवमेंट करता है।
  • प्रदरांतक लौहा भिन्न-भिन्न तरह के बिमारियों के ट्रीटमेंट ( treatment ) के लिए इशारा दिया गया है। इसका प्रधान इशारा प्रदार है।

प्रभाव ( effect )

  • शेष वात
  • पित्त
  • कफ, बलगम

मात्रा ( quantity ) बनाने की पद्धति

250 मिलीग्राम ( mg ) - 500 मिलीग्राम ( mg ) दिन में एक या दो बार आहार ( food ) से पहले या बाद में या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार। यह आमतौर पर शुगर, मधु ( honey ) और घी के साथ दिया जाता है।

कब तक उपयोग करें

इस औषधि को 2-4 माह तक सुरक्षित रूप से लिया जा सकता है।

दुष्प्रभाव ( side effect )

इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है। शिशुओं में आकस्मिक ओवरडोज से जहरीला प्रभाव ( effect ) हो सकता है। इस औषधि को सटीक ( exact ) डोज़ में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए, चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) लें। ज्यादा डोज़ से आमाशय में दाह जैसे दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं। प्रेग्नेंट स्त्रियों, स्तनपान ( breastfeeding ) कराने वाली माताओं और शिशुओं को इस औषधि को औषधीय निगरानी में सख्ती से लेना चाहिए। शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें। सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।