बदहजमी/अम्ल/गैस
कारण
- खा
- चिंता ( anxiety )
- लगातार व्रत
- मसालों से भरा आहार ( food ) का ज्यादा सेवन
- पीड़ा निरोधक एंटीबायोटिक्स ( antibiotics ) अम्लता ( खट्टापन ) का कारण बन सकते हैं
लक्षण
- ऊपरी आमाशय में आकुलता ( बेचैनी )
- आमाशय पीड़ा और परिपूर्णता की मनोवृत्ति
- उल्टी
- मतली के एपिसोड
- स्वेलिंग की अनुभूति
Name | Baidyanath Pratap Lankeshwar Ras (20tab) |
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Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 68 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), रास और सिंदूर |
Sizes | 20टैब |
Prescription Required | No |
Length | 3 सेंटिमीटर |
Width | 3 सेंटिमीटर |
Height | 5.5 सेंटिमीटर |
Weight | 20 ग्राम |
Diseases | बदहजमी/अम्ल/गैस |
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प्रताप लंकेश्वर रासी के बारे में
प्रताप लंकेश्वर जूस आयुर्वेदिक दवा से तैयार खनिज और जड़ी-बूटी है। यह औषधि प्रसव के बाद ज्वर, इनफ़ेक्शन और और विकृतियों में स्पेशल रूप से प्रभावशाली है। प्रताप लंकेश्वर जूस में परिवर्तनकारी, स्फूर्तिदायक और मूत्रवर्धक, पेशाब बढ़ाने वाला क्रियाएँ हैं।
प्रताप लंकेश्वर जूस की मटेरियल
- Shudh (purified) Parad
- Shudh Gandhak
- अब्रख भस्म
- Shudh Vatsanabh
- चित्रक
- लोह भस्म |
- शंख भस्म
- Vanyapal Bhasma
- भृंगराज स्वरासो
प्रताप लंकेश्वर रासी के इशारा
- इसका इस्तेमाल वात इम्बैलेंस ( असंतुलन ), दांतों के विकृतियों के कारण होने वाले यौवन रिलेटिव विकृतियों के आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है।
- वात-कफ, बलगम विकृतियों और पाईल्स ( बवासीर ) में इसे गुग्गुलु, त्रिफला कषाय या गुडुची के जूस के साथ दिया जाता है।
- अतिसार, पेचिश, कुअवशोषण सिंड्रोम ( syndrome ) और ज्वर में इसे ताजा जिंजर ( ginger ) के जूस के साथ दिया जाता है।
प्रताप लंकेश्वर रसो की डोज़
- एक या दो टेबलेट्स ( tablets ), दिन में एक या दो बार, आहार ( food ) से पहले या बाद में या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार। इसे मधु ( honey ) और घी के साथ लेने की परामर्श दी जाती है।
प्रताप लंकेश्वर रासी की सतर्कता
- इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है, क्योंकि इसमें वजनी धातु मटेरियल होती है।
- इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
- ज्यादा डोज़ से संजीदा जहरीला प्रभाव ( effect ) हो सकता है।
- प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इससे बचना सबसे बढ़िया है।
- शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें। सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।