Name | Baidyanath Shilajitwadi Bati (Swarna Yukta) (5tab) |
---|---|
Other Names | Shilajitwadi Bati (Swarn Yukt) |
Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 530 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), वटी, गुटिका और गुग्गुलु |
Sizes | 5टैब |
Prescription Required | No |
Length | 3.2 सेंटिमीटर |
Width | 3.2 सेंटिमीटर |
Height | 2.5 सेंटिमीटर |
Weight | 25 ग्राम |
You might also like:
Shilajitwadi Vati . के बारे में
बैद्यनाथ आधुनिक विज्ञान के उपकरणों का इस्तेमाल फार्मास्युटिकल-श्रेणी आयुर्वेद ( ayurveda ) और यूनानी प्रोडक्ट्स को बनाने के लिए करता है। आज, इन प्रोडक्ट्स को ट्रीटमेंट ( treatment ) बिरादरी के साथ स्वीकृति मिली है और वैश्विक बाजारों में उपभोक्ताओं की सेहत और निजी देखरेख की जरूरतों को पूरा करते हैं।
शिलाजीतवाड़ी बाटी एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसमें हर्बल और खनिज मूल तत्व होते हैं जो ब्लड ग्लूकोज के स्तर और लैंगिक ( genital ) विकृतियों के प्रबंधन के लिए सहायक होते हैं। इस गोली ( tablet ) के अनेक वर्जन हैं। यह एक स्वर्ण युक्त है - जिसका मतलब है कि इसमें स्वर्ण भस्म (सोना कैल्स) शामिल है। यह एक एंटीसेप्टिक के रूप में हल्के शैली से काम करता है और इसमें शीतलन गुण होते हैं। यह अति अम्लता ( खट्टापन ), अल्सर ( ulcer ) आदि के ट्रीटमेंट ( treatment ) में सहायक है। यह कसैला है और मूत्रवर्धक, पेशाब बढ़ाने वाला के रूप में भी सहायक है।
घटक
शिलाजीत - यह जीवन शक्ति को नवीनीकृत करने में प्रभावशाली है। यह अमृत के समान काम करता है। इसमें शक्तिशाली एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं और जिससे आयु बढ़ने में देरी होती है। यह गुर्दे की रोगों, यकृत ( liver ) की रोगों, हाज़मा विकृतियों, दिमाग़ी रोग आदि के उपचार में सहायक है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी ( inflammatory ) और एंटी-माइक्रोबियल गुण भी होते हैं। यह बॉडी ( body ) की बहुत गरमी को कम करने में भी सहायता करता है। यह जिगर ( liver ) को साधारण रूप से काम करने में सहायता करता है इसलिए बॉडी ( body ) में सही चयापचय के लिए जरूरी सब के सब रसों और एंजाइमों के सही डिस्चार्ज में सहायता करता है। अपने लघु (प्रकाश) और रूक्ष (सूखा) प्रकृति के कारण, यह डायबिटीज के उपचार में भी सहायक है। यह किसी की इम्युनिटी और दैहिक शक्ति में इम्प्रूवमेंट करने में भी प्रभावशाली है।
अभ्रक भस्म - यह स्किन के बिमारियों और दुर्बल और दुर्बल लोगों को ठीक करने में मददगार है। यह लीवर ( liver ) विकृतियों और प्लीहा के बढ़ने के ट्रीटमेंट ( treatment ) में प्रभावशाली है। यह खून की कमी को दूर करने में सहायक है। यह एक ज्वरनाशक के रूप में भी काम करता है और कमजोरी, स्त्री बीमारी रिलेटिव विकृतियों और खून की कमी, ब्लीडिंग विकृतियों आदि को ठीक करने में सहायक है। यह हाज़मा उत्तेजक और वायुनाशक के रूप में काम करता है और इसलिए यह भूख न लगना, अति अम्लता ( खट्टापन ), दाह आदि जैसी परिस्थितियों में भी सहायक है। यह एक बहुत बढ़िया कायाकल्प है और यह अनेक फायदा प्रोवाइड करता है।
हेमा - यह एक उत्कृष्ट कायाकल्प है और जीवन शक्ति और शक्ति को बढ़ाती है। यह पांचों इंद्रियों का कायाकल्प भी करता है और पूरे बॉडी ( body ) का आहार-पोषण करता है। यह मन की स्पष्टता लाता है और बॉडी ( body ) की चमक और चमक में इम्प्रूवमेंट करता है। यह कमजोरी, दिमाग़ी विकृतियों, मिरगी ( epilepsy ) और नपुंसकता को भी ठीक करता है। यह दैहिक और दिमाग़ी शक्ति में प्रयाप्त इम्प्रूवमेंट करता है और इम्युनिटी शक्ति में भी इम्प्रूवमेंट करता है।
लोहा भस्म - एक शक्तिशाली रक्तवर्धक, मूत्रवर्धक, पेशाब बढ़ाने वाला के रूप में काम करता है और भिन्न-भिन्न लीवर ( liver ) विकृतियों, रक्ताल्पता और जॉन्डिस के ट्रीटमेंट ( treatment ) में सहायक है। शुद्ध ( pure ) भस्म सरलता से पचने योग्य होती है और लीवर ( liver ) के कार्यों को बढ़ाती है। यह स्वेलिंग, स्वेलिंग आदि को कम करने में भी सहायक है।
यह नेचुरल तरीके से ब्लड की गिनती में इम्प्रूवमेंट करने और साधारण कमजोरी के लिए बढ़िया करने में भी मददगार है।
गुग्गुलु - यह पित्त में रूपान्तरित करके कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) से मुक्ति पाने में सहायता करता है। कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) चयापचय को विनियमित करने की अपनी संपत्ति के कारण यह अनवांटेड चिकनाई को रिमूव और कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) के स्तर को बैलेंस्ड करने के लिए एक प्रभावशाली इलाज है। यह स्वेलिंग-रोधी के रूप में काम करता है और बदहजमी और जॉन्डिस के उपचार में भी सहायक है।
टंकाना - यह एक एंटीसेप्टिक के रूप में हल्के शैली से काम करता है और इसमें शीतलन गुण होते हैं। यह अति अम्लता ( खट्टापन ), अल्सर ( ulcer ) आदि के ट्रीटमेंट ( treatment ) में सहायक है। यह कसैला है और मूत्रवर्धक, पेशाब बढ़ाने वाला के रूप में भी सहायक है।
केशराजा - भृंगराज - एक्लिप्टा अल्बास
इशारा
प्रमेह - डायबिटीज, पेशाब पथ के विकार।
शुक्रमेह - वीर्यपात, धात सिंड्रोम ( syndrome ), वीर्य का मूत्र के साथ निकलना इत्यादि
यह उत्पाद ( product ) लोहे के नेचुरल साधन के रूप में भी काम करता है।
मात्रा ( quantity ) बनाने की पद्धति
आहार ( food ) के बाद जल के साथ डोज़ प्रति दिन 1 - 2 टैबलेट ( tablet ) है।
एहतियात
1. शिशुओं, प्रेग्नेंट और स्तनपान ( breastfeeding ) कराने वाली माताओं में इस औषधि से बचना अच्छा है।
2. यह औषधि केवल औषधीय निगरानी में ही लेनी चाहिए।
3. औषधि को सीधी धूप से दूर रखें।
4. शिशुओं की पहुंच से दूर रखें।