रक्त की अभाव
कारण
- आयरन की पुष्टिकारक तत्वों की अभाव
- आयरन का बुरा समावेश
- वजनी औषधि पर आदमी
- माहवार धर्म और बहुत ब्लीडिंग डिसऑर्डर
- खून की कमी का पारिवारिक हिस्ट्री
लक्षण
- निर्बलता और सुस्ती महसूस होना
- हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) का निम्न स्तर
- भूख में अभाव
- बालों ( hair ) का झड़ना
- पीलापन और भंगुर नाखून ( nails )
- सरलता से थक जाता है
- सहनशक्ति की अभाव
- अनियमित ( irregular ) हृदय की हार्टबीट के साथ सरदर्द
Name | Baidyanath Swarna Makshik Bhasma (10g) |
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Other Names | स्वर्णमाक्षिक भस्म |
Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 142 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), Bhasm & Pishti |
Sizes | 5जी, 10 ग्राम |
Prescription Required | No |
Length | 3.6 सेंटिमीटर |
Width | 3.6 सेंटिमीटर |
Height | 6.8 सेंटिमीटर |
Weight | 46 ग्राम |
Diseases | रक्त की अभाव |
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स्वर्ण मक्षिक भस्म के बारे में
स्वर्ण मक्षिक भस्म (स्वर्णमाक्षिक भस्म) एक आयुर्वेदिक औषधि है, जो कॉपर और आयरन पाइराइट के अयस्क से तैयार की जाती है। ये पुष्टिकारक मूल तत्व बॉडी ( body ) में अनेक ऑर्गनिक कार्यों के लिए अनिवार्य हैं। कॉपर और आयरन दोनों लाल ब्लड कोशिकाओं, हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) के गठन के लिए अनिवार्य हैं। इसके अतिरिक्त, यह पाईल्स ( बवासीर ), स्किन बीमारी, खून की कमी, जॉन्डिस, अनिद्रा ( insomnia ), जीर्ण निम्न श्रेणी के ज्वर, नेत्रों में दाह, नाराज़गी के ट्रीटमेंट ( treatment ) में भी जरूरी है। मूत्र में दाह, पाईल्स ( बवासीर ) से रक्त बहना, जी मिचलाना, मतली, हार्टबीट के साथ सरदर्द या दाह या गरमी, खारिश, प्रदर और आमाशय के और रोग। यह औषधि केवल औषधीय निगरानी में ही लेनी चाहिए।
स्वर्ण मक्षिक भस्म की मटेरियल
- Swarn Makshika
- जल
- Sendha Namak
स्वर्ण मक्षिक भस्म के इशारा
- रक्ताल्पता में स्वर्ण मक्षिका लाभकारी होती है।
- यह जॉन्डिस में भी लाभकारी पाया गया है।
- कफ, बलगम और पित्त बीमारी में भी स्वर्ण मक्षिका लाभकारी पाई गई है।
- इससे लाल ब्लड कोशिकाओं की गिनती में वृद्धि होती है।
- अनिद्रा ( insomnia ) में भी स्वर्ण मक्षिका लाभकारी होती है।
- यह निरन्तर आग्रह या बिस्तर ( bed ) गीला करने की लत ( habit ) से चिंतित होने पर शिशुओं को अच्छी निद्रा लेने में सहायता करता है।
- भिन्न-भिन्न तरह के पित्त बीमारी में भी स्वर्ण मक्षिका लाभकारी पाई गई है।
- यह भिन्न-भिन्न तरह के जीर्ण के साथ-साथ तेज़ सरदर्द में भी लाभकारी पाया गया है।
- एनोरेक्सिया में भी स्वर्ण मक्षिका लाभकारी होती है।
- भिन्न-भिन्न तरह के आँख विकृतियों में भी स्वर्ण मक्षिका लाभकारी होती है।
- ब्लड वाहिकाओं में बहुत लिपिड और कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) की मात्रा ( quantity ) को कम करने में सहायता करता है। इस तरह हार्ट से पूरे बॉडी ( body ) में ब्लड का संचार बढ़ता है।
- स्वर्ण मक्षिका मतली में भी लाभकारी होती है।
- यह बॉडी ( body ) और दिमाग से बहुत गरमी को भी कम करता है जिससे शांत प्रभाव ( effect ) पैदा करने में सहायता मिलती है।
- आमाशय में पेप्टिक अल्सर ( ulcer ) की घटना को भी कम करता है।
- चूंकि यह एनोरेक्सिया में सहायता करता है इसलिए यह भूख बढ़ाने में सहायता करता है।
- भिन्न-भिन्न तरह के ज्वरों में भी स्वर्ण मक्षिका लाभकारी होती है।
- मदिरा के उपचार में स्वर्ण मक्षिका मददगार है।
- यह हार्ट की मांसपेशियों ( muscles ) को ताकतवर करने में भी लाभदायक है। इस तरह हार्ट चाल में वृद्धि। इस तरह यह कार्डियक आउटपुट को बढ़ाता है।
- स्वर्ण मक्षिका कष्टदायक मूत्र और भिन्न-भिन्न तरह के पेशाब विकृतियों में भी लाभकारी है चाहे वह इनफ़ेक्शन के कारण हो या किसी रुकावट के कारण हो।
- स्वर्ण मक्षिका में कायाकल्प करने वाली संपत्ति पाई जाती है।
- शुक्राणुओं की गिनती बढ़ाता है। इस तरह नपुंसकता, शीघ्रपतन और भिन्न-भिन्न तरह के लैंगिक ( genital ) विकृतियों में भी लाभकारी है।
- यह अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए भी जाना जाता है।
- आयु बढ़ने से रोकता है और बॉडी ( body ) में विमुक्त कणों के उत्पत्ति को रोकता है।
स्वर्ण मक्षिक भस्म की डोज़
- वयस्क (19 से 60 साल) -125 से 375 मिलीग्राम ( mg )
- जराचिकित्सा (60 साल से ऊपर) -125 से 375 मिलीग्राम ( mg )
स्वर्ण मक्षिक भस्म की सतर्कता
- इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा हो सकती है।
- चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) इस औषधि को सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लेना चाहिए।
- प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) के दौरान और शिशुओं में इस औषधि से बचें।
- शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
- सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।