Baidyanath Yogendra Ras (Swarna Moti Yukta) (5tab)

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Baidyanath Yogendra Ras (Swarna Moti Yukta) (5tab)

डायबिटीज

कारण

  • डायबिटीज का पारिवारिक हिस्ट्री
  • ज्यादा भार या मोटापा
  • अग्नाशयशोथ
  • आनुवंशिक कारक
  • पॉलीसिस्टिक अंडाशय बिमारियों वाली स्त्रियों में हार्मोनल ( hormonal ) इम्बैलेंस ( असंतुलन )

लक्षण

  • बढ़ी हुई भूख और तृष्णा
  • मूत्र करने की बेकाबू चाह
  • थकान और धुंधली नजर
  • टांगों या हाथों में सुन्नपन / सनसनाहट
  • थकान और निर्बलता
  • ज़ख्म जो सरलता से नहीं भरते

आमवात और आमवात

कारण

  • पुष्टिकारक तत्वों की अभाव (कैल्शियम। विटामिन ( vitamin ) डी)
  • रजोनिवृत्ति
  • आयु बढ़ने
  • ज्यादा भार
  • आमवात का पारिवारिक हिस्ट्री

लक्षण

  • जॉइंट्स के पीड़ा के साथ थकान
  • जॉइंट्स की लालिमा और स्वेलिंग
  • जॉइंट्स का अकड़ना
  • कठिन चलना
  • मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता

NameBaidyanath Yogendra Ras (Swarna Moti Yukta) (5tab)
Other NamesYogender Ras (Swarn Moti Yukt)
BrandBaidyanath
MRP₹ 858
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), रास और सिंदूर
Sizes5टैब, 10टैब, 25 टैब
Prescription RequiredNo
Length2.5 सेंटिमीटर
Width2.5 सेंटिमीटर
Height6.5 सेंटिमीटर
Weight10 ग्राम
Diseasesडायबिटीज, आमवात और आमवात

योगेंद्र रास (स्वर्ण मोती युक्ता) के बारे में

योगेंद्र जूस एक आयुर्वेदिक दवा है जिसका इस्तेमाल भिन्न-भिन्न तरह की रोगों से निपटने के लिए किया जाता है। यह वात-डिसऑर्डर, प्रमेह (पेशाब डिसऑर्डर), हार्ट बीमारी (हार्ट की निर्बलता, हाई ब्लड प्रेशर) और नर्व विकृतियों में स्पेशल रूप से सहायक है। यह पुष्टिकारक, लकवा रोधी और हार्ट टॉनिक है। यह औषधि याददाश्त में इम्प्रूवमेंट करती है और हार्ट और ब्रेन के भिन्न-भिन्न बिमारियों से निपटती है। यह रोग के बाद होने वाली निर्बलता को दूर करने में भी सहायता करता है। यदि तनाव, तनाव, चिंता ( anxiety ) के कारण दैहिक और दिमाग़ी निर्बलता महसूस हो रही हो तो इस दवा का उपयोग करना चाहिए

योगेंद्र रास स्वर्ण-कल्प है। स्वर्ण-कल्प वे आयुर्वेदिक मेडिसिन हैं जिनमें स्वर्ण भस्म होती है। स्वर्ण भस्म याददाश्त, दिमाग और पूरे बॉडी ( body ) के लिए अच्छी होती है।

योगेंद्र जूस में, स्वर्ण भस्म एक घटक है। यह एक स्वर्णकल्प है।

योगेंद्र रसो की मटेरियल

  • सिंदूर का स्वाद ( taste ) (परदा)
  • Svarna bhasma 
  • Kantaloha bhasma (Lauha) 
  • अभ्रा (अभ्रका) बासो
  • Mauktika (Mukta) bhasma
  • वंगा भस्म:
  • Kumari ras
  • यह हृदय को ताकत देता है।
  • यह प्रमेह समेत अनेक तरह के बिमारियों को दूर करता है।
  • यह शिराओं को शक्ति देता है, और शुक्राणु डिसऑर्डर, रात्रि का गिरना, शुक्राणुओं का पतला होना, शीघ्रपतन को दूर करता है।
  • यह एक टॉनिक है जो शक्ति और रिप्रोडक्शन योग्यता को बढ़ाता है।
  • यह हाज़मा में इम्प्रूवमेंट करता है।
  • यह वात-पित्त त्रुटि के कारण होने वाले पक्षाघात में स्पेशल रूप से सहायक है।

योगेंद्र जूस के जरूरी इस्तेमाल

  • बहुमूत्र (पोल्यूरिया), प्रमेह (पेशाब डिसऑर्डर)
  • वातरोग (वात त्रुटि के कारण होने वाला बीमारी)
  • अपस्मार (मिरगी ( epilepsy )), हिस्टीरिया (बहुत या बेकाबू मनोवृत्ति)
  • घुमेरी ( dizziness ) आना (घुमेरी ( dizziness ) आना ऐसा महसूस होना जैसे सब कुछ घूम रहा हो या घूम रहा हो)
  • Paraplegia (बॉडी ( body ) के निम्न आधे हिस्से का पक्षाघात)
  • भगंदरा (फिस्टुला-इनानो), अर्शा (पाईल्स ( बवासीर ))
  • वातपित्त बीमारी (वात त्रुटि और पित्त त्रुटि के कारण होने वाला बीमारी)
  • Mutraghata (पेशाब रुकावट)
  • गुडा रोगा (एनोरेक्टल बीमारी)
  • मुर्चा (सिंकोप)
  • उन्मादा (उन्माद / मनोविकृति)
  • यक्ष्मा (क्षय बीमारी)
  • Kshin indriya (Impaired senses)
  • कोलिकी पीड़ा, अमलपिट्टा (बदहजमी)
  • कोरोनरी आर्टरी डिजीज ( disease ), हृदय की निर्बलता को दूर करता है, धड़कनें
  • सब के सब तरह की नर्व रिलेटिव कमजोरी, जॉइंट्स के बीमारी

योगेंद्र रसो की डोज़

  • 1-2 टैबलेट ( tablet ) दिन में एक या दो बार आहार ( food ) से पहले या बाद में या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार।
  • यह औषधि पारंपरिक रूप से त्रिफला कषाय (काढ़े), मिल्क या थोड़ी शुगर के साथ जल के साथ दी जाती है।

योगेंद्र रासो की सतर्कता

  • यह औषधि केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही ली जानी चाहिए।
  • इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है।
  • शिशुओं और प्रेग्नेंसी ( pregnency ) में इससे बचना है
  • ओवरडोज से थरथराहट, घुमेरी ( dizziness ) आना आदि जैसे दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं।