फ्लू ( flu ) और ज्वर
कारण
- विषाणु इनफ़ेक्शन
- बैक्टीरिया इनफ़ेक्शन
- यकायक ठंडी सूखा हवाओं के कांटेक्ट में आना
- कम इम्युनिटी
लक्षण
- बॉडी ( body ) में पीड़ा और शीत लगना
- बहुत थकान/निर्बलता
- भूख में अभाव
- घुमेरी ( dizziness ) आना
- मांसपेशियों ( muscles ) और जॉइंट्स का पीड़ा
- कफ, बलगम के साथ कफ
- कंठनली में खरास
- सरदर्द
कफ
कारण
- विषाणुजनित इनफ़ेक्शन
- प्रदूषकों के कांटेक्ट और एलर्जी ( allergy ) की रिएक्शन
- फेफड़ों के जीर्ण बीमारी
- दाह या कंठनली में इनफ़ेक्शन
- शीत और फ्लू ( flu )
- एलर्जिक राइनाइटिस और साइनोसाइटिस
- हृदय से रिलेटेड वेंट्रिकल या वाल्व की समस्या
लक्षण
- कफ, बलगम के साथ खाँसी ( cough ) या सूखी खाँसी ( cough )
- खांसते अवधि ( समय ) छाती में पीड़ा
- दाह के साथ कंठनली का लाल होना
- सांस लेने में कष्ट
- निरन्तर गला साफ करना
- खांसने के कारण आमाशय में पीड़ा
Name | बेसिक आयुर्वेद ( ayurveda ) बंशलोचन (40 ग्राम) |
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Brand | बुनियादी आयुर्वेद ( ayurveda ) |
MRP | ₹ 140 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), औषधियां |
Sizes | 40 ग्राम |
Prescription Required | No |
Length | 0 सेंटिमीटर |
Width | 0 सेंटिमीटर |
Height | 0 सेंटिमीटर |
Weight | 0 ग्राम |
Diseases | फ्लू ( flu ) और ज्वर, कफ |
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बेसिक आयुर्वेद ( ayurveda ) बंशलोचन के बारे में
बेसिक आयुर्वेद ( ayurveda ) बंशलोचन दुर्बल अस्थियों, आमवात, झुर्रियाँ, रूखे बाल, रूखी स्किन, मरोड़, दुर्बल नाखून ( nails ) और और परिस्थितियों में सहायक है। यह नेचुरल बांस सिलिका का एक बढ़िया साधन है। बंशलोचन में अल्सर ( ulcer ) हीलिंग गुण होते हैं। यह अल्सर ( ulcer ) और अल्सरेटिव कोलाइटिस के उपचार के लिए भी सहायक है।
बेसिक आयुर्वेद ( ayurveda ) बंशलोचन के फायदा/इस्तेमाल
- यह दमा जैसी परिस्थितियों से निपटने में सहायक है।
- इसका इस्तेमाल कफ, मुँह के छालों और ज्वर में किया जाता है।
- यह ब्लीडिंग विकृतियों और अल्सरेटिव कोलाइटिस में सहायक है।
- यह गैस्ट्राइटिस के साथ-साथ पेप्टिक और डुओडेनल अल्सर ( ulcer ) में सहायक है।
- यह जिओफैगिया (पृथ्वी, मिट्टी, चाक खाने) की लत ( habit ) का उपचार करने में मददगार है।
- इसका इस्तेमाल ऑस्टियोपोरोसिस ( osteoporosis ) के ट्रीटमेंट ( treatment ) में मदद के लिए किया जाता है।
- यह उन लोगों के लिए लाभदायक है जो बाल झड़ने की प्रॉब्लम ( problem ) से चिंतित हैं।
- यह नाखूनों ( fingernails ) को नीरोग और ताकतवर रखता है।
बेसिक आयुर्वेद ( ayurveda ) बंशलोचन की मटेरियल
- बंसलोचन (बांस सिलिका)।
बेसिक आयुर्वेद ( ayurveda ) बंशलोचन की डोज़
- वयस्कों के लिए- 1/2-1 ग्राम दिन में दो बार या अपने डॉक्टर के निर्देशानुसार।
बेसिक आयुर्वेद ( ayurveda ) बंशलोचन का उपयोग करते अवधि ( समय ) बरती जाने वाली सतर्कता
- इस्तेमाल करने से पहले लेबल को ध्यान से अध्ययन करें
- परामर्श डी गयी डोज़ से ज्यादा न करें
- शिशुओं की पहुंच से दूर रखें
- 25 डिग्री सेल्सियस से कम टेंपेरेचर ( temperature ) और ठंडी और सूखी जगह में 40% आर्द्रता पर स्टोर ( store ) करें
- सीधी रोशनी से बचाना चाहिए