Basic Ayurveda Bhringarasava (450ml)

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Basic Ayurveda Bhringarasava (450ml)

बाल झड़ना

कारण

  • भावनात्मक और दैहिक तनाव
  • प्रोटीन, बायोटिन और विटामिन ( vitamin ) जैसे अनिवार्य पुष्टिकारक तत्वों की अभाव
  • स्मोकिंग की एडिक्शन ( लत )
  • अनुचित बाल सफ़ाई
  • हार्मोनल ( hormonal ) इम्बैलेंस ( असंतुलन )
  • थाइरोइड
  • कम हीमोग्लोबिन ( hemoglobin )
  • वंशानुगत और आनुवंशिक पूर्व स्वभाव
  • आयु बढ़ने
  • अनेक मेडिसिन और कीमो थेरेपी ( therapy )

लक्षण

  • गुच्छों में बालों ( hair ) का झड़ना
  • बालों ( hair ) का पतला होना
  • गंजापन या स्थानीय पैच के साथ धब्बे
  • कभी-कभी खारिश

कफ

कारण

  • विषाणुजनित इनफ़ेक्शन
  • प्रदूषकों के कांटेक्ट और एलर्जी ( allergy ) की रिएक्शन
  • फेफड़ों के जीर्ण बीमारी
  • दाह या कंठनली में इनफ़ेक्शन
  • शीत और फ्लू ( flu )
  • एलर्जिक राइनाइटिस और साइनोसाइटिस
  • हृदय से रिलेटेड वेंट्रिकल या वाल्व की समस्या

लक्षण

  • कफ, बलगम के साथ खाँसी ( cough ) या सूखी खाँसी ( cough )
  • खांसते अवधि ( समय ) छाती में पीड़ा
  • दाह के साथ कंठनली का लाल होना
  • सांस लेने में कष्ट
  • निरन्तर गला साफ करना
  • खांसने के कारण आमाशय में पीड़ा

Nameबेसिक आयुर्वेद ( ayurveda ) भृंगारसव (450ml)
Brandबुनियादी आयुर्वेद ( ayurveda )
MRP₹ 168
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), आसव अरिष्ट और कढाई
Sizes450 मिलीलीटर ( ml )
Prescription RequiredNo
Length0 सेंटिमीटर
Width0 सेंटिमीटर
Height0 सेंटिमीटर
Weight0 ग्राम
Diseasesबाल झड़ना, कफ

बेसिक आयुर्वेद ( ayurveda ) भृंगराजसव के बारे में

भृंगराजसव एक पॉलीहर्बल आयुर्वेदिक औषधि है जिसमें भृंगराज जूस (एक्लिप्टा अल्बा), चतुरजात, हरीतकी, पिप्पली, जातिफला और गुड़ शामिल हैं। चतुरजत चूर्ण दालचीनी (छाल सिनेमोनम ज़ेलेनिकम), इला (एलेटेरिया इलायची के बीज), तेजपत्ता (दालचीनी तमाला के पत्ते) और नागकेसर (मेसुआ फेरिया के फूल) के मिश्रण ( mixture ) से बनता है। परंपरागत रूप से चतुरजत को भूख में इम्प्रूवमेंट, हाज़मा को प्रोत्साहन देने, लीवर ( liver ) और गुर्दे के विकृतियों को ठीक करने के लिए अवधारित किया जाता है। यह रुक्ष, तीक्ष्ण, लघु और उष्ना वीर्य है।

बुनियादी आयुर्वेद ( ayurveda ) भृंगराजसव के इशारा

साधारण कमजोरी

भृंगराजसव में हाई आहार-पोषण कीमत होता है। इस औषधि में उपस्थित भिन्न-भिन्न जड़ी-बूटियाँ बॉडी ( body ) को विटामिन ( vitamin ), खनिज और एंटीऑक्सीडेंट से ज्यादा प्रोवाइड करती हैं। यह आदमी की आहार-पोषण स्थिति में इम्प्रूवमेंट करता है और साधारण कमजोरी से मुक्ति पाने में सहायता करता है। यह समस्त सेहत और फिटनेस को बढ़ाता है और सहनशक्ति और दैहिक शक्ति को बढ़ाता है। भृंगराजसव भार बढ़ाने को भी प्रोत्साहन देता है और इसलिए, इसे दुर्बल लोगों के लिए एक शक्तिशाली अनुपूरक माना जाता है। यह अस्थियों, मांसपेशियों ( muscles ) और तंत्रिकाओं के सेहत को बनाए रखता है और आदमी की दैहिक गतिविधियों को करने की योग्यता को बढ़ाता है। इन जड़ी बूटियों की विटामिन ( vitamin ) बी मटेरियल नर्व प्रॉब्लम्स को रोकती है। भृंगराजसव में आयरन की मात्रा ( quantity ) खून की कमी को रोकने में सहायता करती है। इस औषधि के नित्य इस्तेमाल से थकान दूर होती है और आदमी ऊर्जावान महसूस करता है।

श्वसन ( respiration ) रिलेटिव डिसऑर्डर

भृंगराजसव का इस्तेमाल दमा, ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ ) और फेफड़ों के इनफ़ेक्शन जैसी श्वसन ( respiration ) परिस्थितियों के उपचार के लिए किया जा सकता है। यह एलर्जी ( allergy ) से होने वाले हानि से वायु पथ की बचाव करके सांस लेने को सरल बनाता है और इस तरह, सांस फूलने के आक्रमणों को रोकता है। यह निमोनिया ( pneumonia ) जैसे फेफड़ों के इनफ़ेक्शन के कारण होने वाली कफ को भी कम करता है और जीवाणु और वायरस को बरबाद करके श्वसन ( respiration ) पथ में श्लेष्मा के उत्पत्ति को कम करता है। इसका इस्तेमाल फेफड़ों के कार्यों को विनियमित करने और इसकी योग्यता को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।

भृंगराजसव में उपस्थित एंटीऑक्सिडेंट विमुक्त कणों और वायु प्रदूषण से होने वाले हानि के विरुद्ध फुफ्फुसीय ऊतक की बचाव करने में मददगार होते हैं। यह फेफड़ों के टिशू की संरचनात्मक अखंडता को बनाए रखता है और विमुक्त कणों को साधारण कोशिकाओं के डीएनए में परिवर्तन करने से रोकता है। यह फेफड़ों के कर्कट ( cancer ) की बचाव में सहायता करता है। भृंगराजसवम की एंटीऑक्सीडेंट चाल-चलन फेफड़ों के जीर्ण बिमारियों जैसे वातस्फीति, क्रॉनिक ( chronic ) ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज ( disease ) और पुराने ( chronic ) ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ ) के उन्नति को भी रोकती है। इसका इस्तेमाल साधारण शीत और फ्लू ( flu ) के उपचार के लिए भी किया जा सकता है। यह शीत के लक्षणों जैसे नाक बंद, नाक बहना और सरदर्द को कम करता है। यह फ्लू ( flu ) से जुड़े ज्वर को भी कम करता है।

यह एक नेचुरल एक्सपेक्टोरेंट के रूप में काम करता है और वायु पथ में जमा श्लेष्मा को बाहर निकालने में सहायता करता है। भृंगराजसव की expectorant संपत्ति पूरी तरह से विषहरण और बॉडी ( body ) की सफाई निश्चित रूप से करती है।

हाज़मा खराबी

भृंगराजसव हाज़मा तंत्र के कार्यों में प्रयाप्त हद तक इम्प्रूवमेंट करता पाया गया है। यह आहार ( food ) के टूटने, समावेश और आत्मसात करने की सुगमता प्रोवाइड करता है। इसका इस्तेमाल आमाशय में पीड़ा, उल्टी, मतली, स्वेलिंग, कोष्ठबद्धता ( constipation ), डायरिया, आमाशय फूलना, नाराज़गी, एसिड भाटा और बदहजमी जैसी हाज़मा प्रॉब्लम्स से जुड़े साधारण लक्षणों के उपचार में किया जा सकता है। यह एक हेपेटो-सुरक्षात्मक एजेंट के रूप में काम करता है और हेपेटाइटिस, फैटी ( fatty ) जिगर ( liver ) बीमारी और सिरोसिस जैसे अनेक लीवर ( liver ) विकृतियों के उपचार में सहायता करता है। यह जिगर ( liver ) में एंजाइम और पित्त के डिस्चार्ज को नियंत्रित करता है और इस तरह, पित्त पथरी और पित्तवाहिनीशोथ को रोकने में सहायता करता है। इसका इस्तेमाल लीवर ( liver ) और प्लीहा के इज़ाफ़ा के प्रबंधन में एक अनुपूरक के रूप में किया जा सकता है। यह आदमी की भूख पर भी अनुकूल प्रभाव ( effect ) डालता है।

पुरुष ( male ) रिप्रोडक्शन तंत्र

भृंगराजसव एक नेचुरल कामोद्दीपक के रूप में काम करता है और वयस्क पुरुषों में लैंगिक ( genital ) चाह को बढ़ाता है। यह उनके लैंगिक ( genital ) प्रदर्शन में भी इम्प्रूवमेंट करता है।

बेसिक आयुर्वेद ( ayurveda ) भृंगराजसव की मटेरियल

  • Bhringraj 
  • हरीतकी
  • Pippali 
  • Jatiphala 
  • लवंगा
  • ट्वाकी
  • क्या यह वहां है
  • Tamalapatra
  • नागकेसरा
  • गुडा

बेसिक आयुर्वेद ( ayurveda ) भृंगराजसव की डोज़

  • 12-24 मिली जल के साथ आहार ( food ) के बाद दिन में दो बार या डॉक्टर के निर्देशानुसार बराबर मात्रा ( quantity ) में जल के साथ।

बेसिक आयुर्वेद ( ayurveda ) भृंगराजसव का उपयोग करते अवधि ( समय ) बरती जाने वाली सतर्कता

  • जो मरीज और औषधियों का सेवन कर रहे हैं, उन्हें भृंगराजसव और और औषधियों के सेवन के बीच आधे घंटे का भेद रखना चाहिए।
  • इसमें 5-10% स्व-निर्मित शराब होता है।
  • यह भार बढ़ाता है।
  • औषधि के कोई ज्ञात दुष्प्रभाव ( side effect ) नहीं हैं।
  • इस औषधि को रिकमंडेड डोज़ में लेना पूरी तरह से सुरक्षित है।
  • इसे स्तनपान ( breastfeeding ) के दौरान सुरक्षित रूप से लिया जा सकता है।
  • यह शक्ति में उष्ण होता है। बड़ी डोज़ से दाह हो सकती है।
  • प्रेग्नेंसी ( pregnency ) के दौरान चिकित्सक की परामर्श के बिना कोई भी औषधि न लें।
  • इसमें गुड़/गुड़ होता है और इसलिए यह डायबिटीज पेशेन्ट्स ( patient ) के लिए उचित नहीं है।