Name | Dabur Chandra prabha Vati (40tab) |
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Brand | डाबर |
MRP | ₹ 70 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), वटी, गुटिका और गुग्गुलु |
Sizes | 40टैब, 80tab, 1000टैब |
Prescription Required | No |
Length | 3 सेंटिमीटर |
Width | 3 सेंटिमीटर |
Height | 7 सेंटिमीटर |
Weight | 21 ग्राम |
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डाबर चंद्रप्रभा वाटिक के बारे में
चंद्रप्रभा वटी (जिसे चंद्रप्रभा गुलिका और चंद्रप्रभा वाटिका भी कहा जाता है) एक आयुर्वेदिक शास्त्रीय औषधि है जिसका इस्तेमाल गुर्दे, यूरिनरी ब्लैडर, पेशाब पथ, पेनक्रियाज, अस्थियों, जॉइंट्स और थायराइड ग्रंथि के बिमारियों के ट्रीटमेंट ( treatment ) के लिए किया जाता है। डायबिटीज, वयस्क पुरुषों की प्रॉब्लम्स, स्त्रियों की प्रॉब्लम्स और दिमाग़ी विकृतियों के प्रबंधन में भी इसकी सिफारिश की जाती है चंद्रप्रभा वटी मूत्र में मुसीबत, गुर्दे की पथरी, बार-बार मूत्र आना, पेशाब असंयम, प्रोस्टेट वृद्धि, पुरुष ( male ) बांझपन, नपुंसकता, रात्रि का आना, डायबिटीज, कष्टदायक अवधियों में लाभकारी है। (कष्टार्तव), ओलिगोमेनोरिया, एमेनोरिया, पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि बीमारी, चिंता ( anxiety ), दिमाग़ी तनाव और अवसाद।
Indications of Dabur Chandraprabha Vati
- साधारण कमजोरी
- दैहिक निर्बलता
- थकान
- सामान्यीकृत थकान सिंड्रोम ( syndrome )
- बेचैन पांव सिंड्रोम ( syndrome )
- टांगों या हथेलियों में दाह या गरमी महसूस होना
- सेहत टॉनिक
- काम के ज्यादा बोझ से दिमाग़ी तनाव
- निष्क्रिय ( inactive ) लक्षणों के साथ डिप्रेशन
- छात्रों में स्मरणशक्ति नुक्सान
- छात्रों में दिमाग़ी थकान
- हाई ब्लड प्रेशर (हल्के उच्चरक्तचापरोधी प्रभाव ( effect ))
- तचीकार्डिया या हार्टबीट
- हार्ट टॉनिक
- कोष्ठबद्धता ( constipation )
- गाउट
- एडी का पीड़ा
- एड़ी में सॉफ्टनेस
- कम पीठ ( back ) पीड़ा
- घुटने ( knee ) के जीर्ण ऑस्टियोआर्थराइटिस ( osteoarthritis ) (अश्वगंधा के अर्क के साथ उपयोग किया जाता है)
- थकान से जुड़ा मांसपेशियों ( muscles ) में पीड़ा
- एमेनोरिया (अनुपस्थित माहवार धर्म)
- कष्टार्तव (कष्टदायक माहवार धर्म) कष्टार्तव
- ओलिगोमेनोरिया
- बहुत गर्भाशय ब्लीडिंग
- गर्भाशय पॉलीप (कचनार गुग्गुल के साथ)
- पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि बीमारी
- असंतुलित स्त्री हॉर्मोन
- आदतन गर्भपात
- प्रोस्टेट इज़ाफ़ा (वरुण/क्रेटेवा नूरवाला के साथ उपयोग किया जाता है)
- अल्पशुक्राणुता
- Impotency (with ashwagandhaand Konch pak)
- स्तंभन ( इरेक्शन ) त्रुटि (अश्वगंधा के साथ)
- निरन्तर मूत्र आना
- पेशाब असंयम
- ग्लाइकोसुरिया (पेशाब में ग्लूकोज)
- एल्बुमिनुरिया या प्रोटीनुरिया
- पुराने ( chronic ) रीनल (गुर्दे) की विफलता ( failure )
- नेफ्रैटिस
- नेफ्रोटिक सिंड्रोम ( syndrome ) (नेफ्रोसिस)
- पथरी
- पॉलीसिस्टिक गुर्दे बीमारी (पीकेडी)
Ingredients of Dabur Chandraprabha Vati
- एकोनिटम हेटरोफिलम-अतिविषा
- एकोरस कैलमस-स्वीट फ्लैग या कैलमस या वाचा
- एंड्रोग्राफिस पैनिकुलता-भुनिम्बा
- बर्बेरिस अरिस्टाटा-ट्री हल्दी
- देवदारु देवदरा-हिमालयी देवदार की छाल, देवदरु
- धनिया सतीवम-धनिया बीज
- हल्दी लोंगा-हल्दी, हल्दी
- दालचीनी कैम्फोरा-कपूर (कपूर)
- साइपरस रोटंडस-अखरोट घास (जड़) या मुस्तकी
- एंबेलिया रिब्स-झूठी काली मिर्च (विदांग)
- Emblica officinalis-इंडियन आंवला फल (आंवला)
- पाइपर चाबा सीड्स-जावा लॉन्ग पेपर, छव्य
- मुरलीवाला चाबा फल-जावा लंबी मिर्च फल, गजपिपली
- Piper Longum-Long pepper (Pippali)
- पाइपर लोंगम-लॉन्ग पेपर रूट (पिपलमूल)
- मुरलीवाला नाइग्रम-काली मिर्च (काली मिर्च)
- प्लंबैगो ज़ेलेनिका-लीड वोर्ट (जड़), चित्रक
- टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया (गुडुची) -गिलोय
- टर्मिनालिया चेबुला-चेबुलिक मायरोबलन, हरीताकी
- टर्मिनलिया बेल्लिरिका-बेलिरिक मायरोबलन, विभीतकी
- ज़िंगिबर ऑफ़िसिनेल-जिंजर ( ginger ), शुंटी
- बालियोस्पर्मम मोंटानम-दंतिमूल
- बांस बांस-बांस मन्ना, बांसलोचन
- Cinnamomum tamala-Patra
- सिनामोमम ज़ेलेनिकम-दालचीनी
- एलेटेरिया इलायची-इलायची के बीज
- ऑपरकुलिना टरपेथम-त्रिवृत
- कमिफोरा मुकुल-शुद्ध ( pure ) गुग्गुलु
डाबर चंद्रप्रभा वाटिक के मेडिसिनल गुण
- एंटासिड (हल्के प्रभाव ( effect ))
- एन्टी भड़काऊ (नरम टिशू और मांसपेशियों ( muscles ) के लिए शक्तिशाली एन्टी भड़काऊ)
- आमवात रोधी (स्पेशल रूप से मेरुदंड के लिए और कम पीठ ( back ) पीड़ा में प्रभाव ( effect ) दिखाई देता है)
- हाज़मा उत्तेजक (हल्का प्रभाव ( effect ) - इसका प्रभाव ( effect ) एनोरेक्सिया नर्वोसा वाले मरीज में या काम के ज्यादा बोझ के कारण दिमाग़ी तनाव में दिखाई देता है)
- इमेनगॉग (हल्के प्रभाव ( effect ) - लेकिन यह स्त्री रिप्रोडक्शन पद्धति को ताकतवर करके माहवार धर्म फ्लो में सामंजस्य आधारित करता है)
- हेमेटिनिक (हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) के स्तर को बढ़ाता है - लोहा भस्म (आयरन कैल्क्स) की मौजूदगी के कारण)
- हेमटोजेनिक (लाल ब्लड कोशिकाओं के गठन में सहायता करता है)
- बिलीरुबिन को कम करता है (हल्के प्रभाव ( effect ) - और लीवर ( liver ) औषधियों की भी जरूरत होती है)
- फैट बर्नर (शिलाजीत और लोहा भस्म के कारण)
- आमवात रोधी (यह यूरिक एसिड के पेशाब उत्सर्जन को बढ़ाता है)
- एनाल्जेसिक (गाउट और ऑस्टियोआर्थराइटिस ( osteoarthritis ) में)
- मांसपेशियों ( muscles ) को आराम देने वाला (पीड़ा के दौरान गर्भाशय की मांसपेशियों ( muscles ) पर इसका प्रभाव ( effect ) दिखाई देता है)
- कृमिनाशक (विदंगा के कारण)
- हल्का उच्चरक्तचापरोधी
डाबर चंद्रप्रभा वाटिक की डोज़
- (500 मिलीग्राम ( mg ) गोली ( tablet )) - 1 - 2 टेबलेट्स ( tablets ) दिन में 1 - 2 बार, आहार ( food ) से पहले या बाद में या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार।
डाबर चंद्रप्रभा वटी की सतर्कता
- हाई बी.पी. वाले लोगों को इस औषधि को केवल औषधीय निगरानी में ही लेना चाहिए, क्योंकि इस औषधि में लवण होता है।
- ज्यादा डोज़ से आमाशय में हल्की दाह हो सकती है।
- शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
- ठंडी, सूखी जगह पर रखें।