Dhootapapeshwar Brahmi Vati (Swarna Yukt) (Premium) (10tab)

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Dhootapapeshwar Brahmi Vati (Swarna Yukt) (Premium) (10tab)

चिंता ( anxiety ) और डिप्रेशन

कारण

  • ज्यादा काम और तनाव
  • अपनों को खोने के कारण दुख और झटका या आघात
  • लंबे अवधि ( समय ) तक पीड़ा या विगत में बीमारी
  • मदिरा या बहुत सारी औषधियों का दुरुपयोग
  • सेहत समस्याएं या पुराना पीड़ा
  • अकेलापन या आर्थिक संकट
  • बेरोजगारी और आत्मविश्वास ( self-confidence ) की नुक्सान

लक्षण

  • आकुलता ( बेचैनी ) और चिड़चिड़ाहट
  • सरदर्द और हाज़मा डिसऑर्डर और बिना किसी कारण के पीड़ा
  • डेथ या आत्मघात के कल्पना
  • कम भूख और भार घटाने
  • निरन्तर निगेटिव कल्पना, बात करने की चाह न होना
  • कन्फ्यूज्ड मन से निर्णय नहीं ले सकते
  • उदासी की निरन्तर मनोवृत्ति
  • थकान और निर्बलता

सरदर्द और अधकपारी

कारण

  • सूर्य के कांटेक्ट में
  • तनाव
  • स्त्रियों में हार्मोनल ( hormonal ) परिवर्तन
  • निद्रा का पैटर्न है बदलाव
  • फैमिली के हिस्ट्री
  • पर्यावरणीय स्थितिओं में परिवर्तन
  • रहन-सहन में बदलाव
  • मसालों से भरा/जंक फूड का ज्यादा सेवन और मदिरा का सेवन

लक्षण

  • धुंधली नजर के साथ उल्टी और मतली
  • माथे या मस्तिष्क के प्रदेश में आंशिक पीड़ा
  • भूख में अभाव
  • आमाशय बुरा
  • निर्बलता के साथ गर्दन ( neck ) में अकड़न
  • शोर, ध्वनि और स्मेल के प्रति संवेदनशीलता ( sensitivity )
  • सुन्नता ( numbness ) के साथ सरदर्द और काम करने की चाह न होना

NameDhootapapeshwar Brahmi Vati (Swarna Yukt) (Premium) (10tab)
BrandDhootapapeshwar
MRP₹ 530
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), वटी, गुटिका और गुग्गुलु
Sizes10टैब, 30टैब
Prescription RequiredNo
Length0 सेंटिमीटर
Width0 सेंटिमीटर
Height0 सेंटिमीटर
Weight0 ग्राम
Diseasesचिंता ( anxiety ) और डिप्रेशन, सरदर्द और अधकपारी

About Brahmi Vati (Buddhi Vardhak)

धूप्तपेश्वर की स्थापना स्वतंत्रता पूर्व महाराष्ट्र राज्य में हुई थी। इसने स्वत: को आयुर्वेद ( ayurveda ) मार्किट में एक अद्वितीय उत्पाद ( product ) के रूप में आधारित किया है। गठन के हर एक पड़ाव में उन्नत फार्मास्युटिकल प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के साधन से बैच से बैच प्रदर्शन और पूर्ण शुद्धता और सुरक्षा का आश्वासन दिया जाता है। हर्बल सेहत देखरेख प्रोडक्ट्स के डिजाइन, गठन और विपणन के लिए आईएसओ 9001: 2000 प्रमाणन प्रोवाइड किया गया। धूप्तपेश्वर फार्मास्युटिकल-श्रेणी आयुर्वेद ( ayurveda ) उत्पाद ( product ) बनाने के लिए आधुनिक विज्ञान के उपकरणों का इस्तेमाल करता है। आज, इन प्रोडक्ट्स को ट्रीटमेंट ( treatment ) बिरादरी के साथ स्वीकृति मिली है और वैश्विक बाजारों में उपभोक्ताओं की सेहत और निजी देखरेख की जरूरतों को पूरा करते हैं।

ब्राह्मी ब्रेन के कुछ रसायनों को बढ़ाने में सहायता करती है जो सोच, सीखने और याददाश्त में शामिल होते हैं। यह दिमाग को खोलने और साफ़ करने, स्मरणशक्ति और बुद्धि को ताकतवर करने, ध्यान और कंसंट्रेशन का समर्थन ( support ) करने, बैलेंस्ड भावनात्मक स्थिति को प्रोत्साहित करने, दिन की एनर्जी को प्रोत्साहन देने और दूसरों के साथ रात्रि की निद्रा को प्रोत्साहन देने में भी सहायता करता है। ब्राह्मी वटी गोली ( tablet ) के रूप में एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसका इस्तेमाल डिप्रेशन, ब्लड प्रेशर आदि के ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है। इस औषधि को केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही लेना चाहिए। उत्तर इंडियन आयुर्वेदिक प्रशिक्षण में इस औषधि का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।

Ingredients of Brahmi Vati (Buddhi Vardhak)

  • ब्राह्मी (सेंटेला एशियाटिक) पाउडर
  • शंखपुष्पी (Convolvulus Pluricaulis)
  • वाचा (एकोरस कैलमस)
  • काली मिर्च (काली मिर्च)
  • Gavajava
  • स्वर्ण मक्षिक भस्म
  • रास सिंदूर
  • जटामांसी काढ़ा

Indications of Brahmi Vati (Buddhi Vardhak)

इसका इस्तेमाल डिप्रेशन, दिमाग़ी स्थिति, निद्रा न आना, एमडीपी, जीर्ण ज्वर, हाथों और टांगों में कांपना, चिंता ( anxiety ) के आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है।

Dosage of Brahmi Vati (Buddhi Vardhak)

  • डोज़ 1 से 2 टेबलेट्स ( tablets ) दिन में दो बार है।
  • ब्राह्मी वटी (स्मरणशक्ति बढ़ाने वाला) की ज़्यादा से ज़्यादा डेली डोज़ 1500 मिलीग्राम ( mg ) से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

Precautions of Brahmi Vati (Buddhi Vardhak)

  • इस औषधि के साथ स्व-औषधि की परामर्श नहीं दी जाती है।
  • इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
  • ज्यादा डोज़ गैस्ट्र्रिटिस जैसे विपरीत प्रभाव ( effect ) पैदा कर सकता है।
  • प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इससे बचना सबसे बढ़िया है।
  • शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
  • सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।
  • इस बीमारी के दौरान मसालों से भरा और खट्टे ( sour ) आहार ( food ) से मिताहार करें, ध्यान और भ्रामरी प्राणायाम करें।