Dhootapapeshwar Kaphakuthar Ras (25tab)

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Dhootapapeshwar Kaphakuthar Ras (25tab)

एलर्जी ( allergy ) रिनिथिस

कारण

  • वसंत और पतझड़ के ऋतु में मौसमी एलर्जी ( allergy )
  • पराग की तरह बाहरी एलर्जेंस
  • दमा या एटोपिक एक्जिमा या दाद होने से आपका ख़तरा बढ़ जाता है
  • सिगरेट के धुएं के केमिकल
  • शीतल टेंपेरेचर ( temperature ) आर्द्र वायु
  • प्रदूषण और ताकतवर इत्र स्मेल

लक्षण

  • छींक ( sneeze ) आना
  • बहती नाक
  • बंद नाक
  • बेचैन नाक
  • कंठनली में खराश या खरोंच वाली खाँसी ( cough )
  • नेत्रों के नीचे काले घेरे के साथ खारिश वाली जल वाली आंखें
  • बार-बार सरदर्द
  • बहुत थकान

फ्लू ( flu ) और ज्वर

कारण

  • विषाणु इनफ़ेक्शन
  • बैक्टीरिया इनफ़ेक्शन
  • यकायक ठंडी सूखा हवाओं के कांटेक्ट में आना
  • कम इम्युनिटी

लक्षण

  • बॉडी ( body ) में पीड़ा और शीत लगना
  • बहुत थकान/निर्बलता
  • भूख में अभाव
  • घुमेरी ( dizziness ) आना
  • मांसपेशियों ( muscles ) और जॉइंट्स का पीड़ा
  • कफ, बलगम के साथ कफ
  • कंठनली में खरास
  • सरदर्द

कफ

कारण

  • विषाणुजनित इनफ़ेक्शन
  • प्रदूषकों के कांटेक्ट और एलर्जी ( allergy ) की रिएक्शन
  • फेफड़ों के जीर्ण बीमारी
  • दाह या कंठनली में इनफ़ेक्शन
  • शीत और फ्लू ( flu )
  • एलर्जिक राइनाइटिस और साइनोसाइटिस
  • हृदय से रिलेटेड वेंट्रिकल या वाल्व की समस्या

लक्षण

  • कफ, बलगम के साथ खाँसी ( cough ) या सूखी खाँसी ( cough )
  • खांसते अवधि ( समय ) छाती में पीड़ा
  • दाह के साथ कंठनली का लाल होना
  • सांस लेने में कष्ट
  • निरन्तर गला साफ करना
  • खांसने के कारण आमाशय में पीड़ा

दमा

कारण

  • एक एलर्जेन, अड़चन के कांटेक्ट में। वायु में प्रदूषक
  • तनाव
  • बार-बार प्रतिश्याय ( जुकाम ) जो छाती में बस जाता है
  • बारम्बार होनेवाला शीत और कफ का हिस्ट्री एलर्जिक राइनाइटिस
  • आनुवंशिक पूर्व स्वभाव के साथ पारिवारिक हिस्ट्री

लक्षण

  • कसरत के दौरान लेटते अवधि ( समय ) या हंसते अवधि ( समय ) रात्रि में खाँसी ( cough )
  • छाती में अकड़न के साथ सांस लेने में कष्ट
  • साँसों की अभाव
  • सांस लेते अवधि ( समय ) आवाज के साथ घरघराहट
  • कफ, बलगम के साथ सूखी या खाँसी ( cough )

Nameधूतपापेश्वर कपाकुथर जूस (25 टैब)
BrandDhootapapeshwar
MRP₹ 118
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), रास और सिंदूर
Sizes25 टैब
Prescription RequiredNo
Length0 सेंटिमीटर
Width0 सेंटिमीटर
Height0 सेंटिमीटर
Weight0 ग्राम
Diseasesएलर्जी ( allergy ) रिनिथिस, फ्लू ( flu ) और ज्वर, कफ, दमा

Kafkuthar Ras के बारे में

काफ्कुथर जूस जड़ी-बूटी की आयुर्वेदिक दवा है। यह कफ, बलगम, श्वसन ( respiration ) इनफ़ेक्शन के ट्रीटमेंट ( treatment ) में सहायक है। इस दवा में लौहा और ताम्र भस्म होती है जो कफ को कम करती है और सरलता से बाहर निकालने में सहायता करती है। इस औषधि को तैयार करने में इस्तेमाल की जाने वाली और मेडिसिनल जड़ी-बूटियाँ हैं पिप्पली, मारीच और सोंठ (जिसे त्रिकटु के नाम से जाना जाता है)। कफ, बलगम कुठार जूस एक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसमें गोली ( tablet ) के रूप में हर्बल और खनिज मूल तत्व होते हैं। बॉडी ( body ) में भारीपन के साथ कफ, बलगम तरह के ज्वर में इसका उपयोग किया जाता है

कफकुथर रसो की मटेरियल

पारादा - शुद्ध ( pure ) और संसाधित पारा - इम्युनिटी पद्धति को प्रोत्साहन देने के लिए, शक्ति में इम्प्रूवमेंट के लिए, हार्ट बिमारियों में, आमाशय का पीड़ा, पेशाब पथ से रिलेटेड बीमारी, एनो में फिस्टुला, स्वेलिंग की स्थिति, तपेदिक, क्रोनिक सांस की स्थिति, दमा, खून की कमी, मोटापा, गैर में इस्तेमाल किया जाता है। ज़ख्म भरने, और हाज़मा समस्याओं।

गंधक - शुद्ध ( pure ) और संसाधित सल्फर - यह हर्बल मटेरियल में शुद्ध ( pure ) सल्फर को संसाधित करके तैयार किया जाता है। सल्फर/सल्फर को संस्कृत और हिंदी में गंधक के रूप में जाना जाता है, क्योंकि इसकी तेज अजीबोगरीब सड़े हुए अंडे जैसी स्मेल होती है। यह प्रकृति में पाया जाने वाला एक अधात्विक मूल तत्व है। सल्फर की चार किस्में होती हैं। लाल, पीला, श्वेत और काला। इनमें से लाल और काला अब उपलब्ध नहीं हैं। पीली किस्म का इस्तेमाल अंदरूनी इस्तेमाल के लिए किया जाता है और श्वेत कलर का इस्तेमाल सामयिक अनुप्रयोग के लिए किया जाता है।

 व्योशा - काली मिर्च, लंबी काली मिर्च और जिंजर ( ginger )

ताम्र भस्म - ताम्र भस्म - यह स्किन के कलर, हाज़मा शक्ति, बॉडी ( body ) की शक्ति और इम्युनिटी, बुद्धि में इम्प्रूवमेंट करता है। यह एक उत्कृष्ट कायाकल्प, आयु बढ़ने की औषधि है। यह दाह से आराम देता है, स्मरणशक्ति नुक्सान, घुमेरी ( dizziness ) आना, बहुत तृष्णा, डायबिटीज के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है। कैशेक्सिया, ऊतक बर्बादी, पेशाब डिसऑर्डर, मद्यपान, जहर, ज्वर, गर्भाशय डिसऑर्डर, मिरगी

आयास भस्म - लौह भस्म - यह पौष्टिक, मीठा, खट्टा और स्वाद ( taste ) में कड़वा होता है। यह प्रकृति में शीतलक और पचने में वजनी होता है। इसमें स्क्रैपिंग गुण होता है, इसलिए यह हार्ट बिमारियों में सहायक होता है। यह शक्ति, इम्युनिटी, स्किन की बनावट, कलर में इम्प्रूवमेंट करता है। स्मरणशक्ति, बुद्धि, हाज़मा शक्ति और नेचुरल कामोद्दीपक के रूप में काम करता है। यह गैस्ट्रिक ( gastric ) शिकायतों, स्किन बिमारियों, आँख विकृतियों, स्वेलिंग, स्प्लेनोमेगाली, कृमि बीमारी, मोटापा, डायबिटीज, मतली, दमा, ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ ), फंगल इन्फेक्शन, आमाशय के पीड़ा, क्रोनिक श्वसन ( respiration ) रिलेटिव विकृतियों में सहायक है। यकृत ( liver ) के डिसऑर्डर, पाईल्स ( बवासीर ), भगंदर, जीर्ण बीमारी, क्षीणता, मांसपेशियों ( muscles ) की बर्बादी, घुमेरी ( dizziness ) आना, भ्रम। उपरोक्त मटेरियल के साथ जमीन है

  • कांटाकारी जूस (सोलनम ज़ैंथोकार्पम का जूस निकालने)
  • धतूरा जूस (धतूरा मेटेल का जूस निकालने)
  • कटुकी जूस (पिक्रोरिजा कुरोआ का जूस निकालने)

कफकुथर रसो के इशारा

  • खाँसना
  • कफ, बलगम
  • ब्रीथिंग लेने में मुसीबत
  • कफ और श्वसन ( respiration ) इनफ़ेक्शन के कारण ज्वर

कफकुथर रसो की डोज़

1-2 टैबलेट ( tablet ) दिन में एक या दो बार आहार ( food ) से पहले या बाद में या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार।

कफकुथर रसो की सतर्कता

  • यह औषधि केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही ली जानी चाहिए।
  • इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है।
  • शिशुओं और प्रेग्नेंट स्त्रियों को इससे बचना चाहिए।
  • ज्यादा मात्रा ( quantity ) में गैस्ट्र्रिटिस के साथ अनेक दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं।
  • इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
  • इस औषधि में वजनी धातुएं होती हैं और इसे बी.पी. और डायबिटीज के मरीज को एहतियात के साथ लेना चाहिए।