Dhootapapeshwar Praval Pishti (5g)

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Dhootapapeshwar Praval Pishti (5g)

रक्त की अभाव

कारण

  • आयरन की पुष्टिकारक तत्वों की अभाव
  • आयरन का बुरा समावेश
  • वजनी औषधि पर आदमी
  • माहवार धर्म और बहुत ब्लीडिंग डिसऑर्डर
  • खून की कमी का पारिवारिक हिस्ट्री

लक्षण

  • निर्बलता और सुस्ती महसूस होना
  • हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) का निम्न स्तर
  • भूख में अभाव
  • बालों ( hair ) का झड़ना
  • पीलापन और भंगुर नाखून ( nails )
  • सरलता से थक जाता है
  • सहनशक्ति की अभाव
  • अनियमित ( irregular ) हृदय की हार्टबीट के साथ सरदर्द

NameDhootapapeshwar Praval Pishti (5g)
BrandDhootapapeshwar
MRP₹ 178
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), Bhasm & Pishti
Sizes5जी, 10 ग्राम
Prescription RequiredNo
Length0 सेंटिमीटर
Width0 सेंटिमीटर
Height0 सेंटिमीटर
Weight0 ग्राम
Diseasesरक्त की अभाव

धूतपापेश्वर प्रवाल पिष्टी के बारे में

प्रवाल पिष्टी एक आयुर्वेदिक दवा है, जिसे मूंगे से तैयार किया जाता है। प्रवाल पिष्टी (कोरल कैल्शियम ( calcium )) ब्लीडिंग विकृतियों, कैल्शियम ( calcium ) की अभाव, अनुत्पादक कफ, साधारण कमजोरी, दाह के साथ सरदर्द, एसिडिटी ( acidity ), गैस्ट्राइटिस, अल्सर ( ulcer ), अल्सरेटिव कोलाइटिस, हेपेटाइटिस या के लिए लाभदायक है। जॉन्डिस, खट्टी ( sour ) मतली, नेत्रश्लेष्मलाशोथ (आँखें लाल होना) और मूत्र में जलन। यह औषधि केवल औषधीय निगरानी में ही लेनी चाहिए।

आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट ( treatment ) में इसके इलाज फायदों और मेडिसिनल महत्व के लिए मूंगा कैल्शियम ( calcium ) का विस्तृत रूप से इस्तेमाल किया जाता है। प्रवाल हिंदी और आयुर्वेद ( ayurveda ) में मूंगा को दिया गया नाम है। यद्यपि, आयुर्वेद ( ayurveda ) में कोरल कैल्शियम ( calcium ) पाउडर का सीधे तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाता है। मूंगा कैल्शियम ( calcium ) पाउडर को खाने योग्य गुलाब जल के साथ संसाधित किया जाता है और माइक्रो-फाइन पाउडर बनाने के लिए इसे पीस लिया जाता है। मूंगा कैल्शियम ( calcium ) पाउडर को गुलाब जल से संसाधित किया जाता है जिसे प्रवाल पिष्टी के रूप में जाना जाता है।

Ingredients of Dhootapapeshwar Praval Pishti

  • शुद्ध ( pure ) प्रवाल - शुद्ध ( pure ) मूंगा
  • गुलाब जल - पर्याप्त मात्रा ( quantity ) में।

Therapeutic Indications of Dhootapapeshwar Praval Pishti

प्रवाल पिष्टी (कोरल कैल्शियम ( calcium )) निम्नलिखित सेहत परिस्थितियों में मददगार है।

  • ज्वर
  • साधारण कमजोरी
  • कैल्शियम ( calcium ) की अभाव
  • डिप्रेशन
  • आकुलता ( बेचैनी ) और चिंता ( anxiety ) के साथ चिंता ( anxiety )
  • हृदय की घबराहट या बेचैनी
  • tachycardia
  • अनुत्पादक कफ
  • दमा के साथ कफ, बलगम कफ में मुसीबत
  • आमाशय की गैस
  • व्रण
  • नासूर के साथ बड़ी आंत्र में स्वेलिंग
  • गुदा में दरार
  • ब्लीडिंग पाइल्स
  • कैल्शियम ( calcium ) सप्लीमेंट
  • जीर्ण ऑस्टियोआर्थराइटिस ( osteoarthritis )
  • ऑस्टियोपोरोसिस ( osteoporosis )
  • कम हड्डी खनिज घनत्व
  • बालों ( hair ) का अवधि ( समय ) से पहले श्वेत होना
  • बाल झड़ना
  • स्किन में दाह या गरमी का अहसास
  • धूप में निकलने के बाद स्किन में चुभन महसूस होना
  • धूप की कालिमा
  • रजोनिवृत्ति के बाद ऑस्टियोपोरोसिस ( osteoporosis )
  • बहुत गर्भाशय ब्लीडिंग
  • वजनी माहवार धर्म ब्लीडिंग
  • कष्टदायक अवधि (स्पेशल रूप से झिल्लीदार कष्टार्तव)
  • ब्रेस्ट मृदुता
  • ओलिगोस्पर्मिया (यदि आदमी भी अम्लता ( खट्टापन ) और गरमी की अनुभूति से दुःखित है, वरना यह काम नहीं करेगा।

Health Benefits of Dhootapapeshwar Praval Pishti

प्रवाल पिष्टी या मूंगा कैल्शियम ( calcium ) उन बिमारियों में सहायक होता है जिनमें लोगों को बॉडी ( body ) के किसी भी हिस्से में या पूरे बॉडी ( body ) में गरमी या दाह का अनुभव होता है। यह बॉडी ( body ) में गरमी को कम करता है और ज्वर में बॉडी ( body ) के ऊंचे टेंपेरेचर ( temperature ) को कम करता है। ज्वर में यह उसी तरह काम करता है जैसे एसिटामिनोफेन काम करता है। यह ब्रेन में टेंपेरेचर ( temperature ) केंद्र पर काम करके और बॉडी ( body ) में ठंडक पैदा करके ज्वर को कम करता है। इसकी अंदरूनी प्रकृति ठंडी होती है, यानी इसे खाने के बाद यह बॉडी ( body ) में ठंडक लाती है। इसका खाना पकाने के प्रभाव ( effect ) इसके सेवन के 2 से 3 घंटे बाद अनुभव किए जा सकते हैं।

उपरोक्त इलाज इशारा शीर्षक में वर्णित सेहत परिस्थितियों के अनुरूप ( accordingly ), यह इन सब के सब बिमारियों और लक्षणों में लाभकारी है। यह ज्वर, ब्लीडिंग, खाँसी ( cough ) को कम करता है और हड्डी खनिज घनत्व, दैहिक शक्ति को बढ़ाता है और मन को शांत करता है। आइए अब आयुर्वेद ( ayurveda ) के अनुरूप ( accordingly ) प्रवाल पिष्टी के प्रमुख मेडिसिनल उपयोगों पर चर्चा करें।

ज्वर

आयुर्वेद ( ayurveda ) में, प्रवल पिष्टी केवल शक्तिशाली ज्वरनाशक दवा है। गोदंती भस्म की तुलना ( comparison ) में बॉडी ( body ) के टेंपेरेचर ( temperature ) को कम करने में इसके अच्छा नतीजा हैं। इलाज डोज़ में इसके सेवन के करीब-करीब एक घंटे बाद इसका प्रभाव ( effect ) दिखाई देता है।

एसिटामिनोफेन लेने वाले लोग बॉडी ( body ) के टेंपेरेचर ( temperature ) को कम कर सकते हैं, लेकिन वे अभी भी निर्बलता, आकुलता ( बेचैनी ), रुचि की अभाव और ताकत की अभाव महसूस करते हैं। प्रवाल पिष्टी के साथ ऐसा नहीं होता है। यह ज्वर के साथ-साथ गरमी या दाह, बहुत तृष्णा, बहुत पसीना ( sweat ), अनिद्रा ( insomnia ), घुमेरी ( dizziness ), आकुलता ( बेचैनी ), ताकत और निर्बलता के साथ ज्वर के लक्षणों को कम करता है। साधारण ज्वर में, यह बिना किसी और औषधि के अकेले काम कर सकता है।

अधिकतर स्थितियों में, लोग क्रोनिक रोग या इनफ़ेक्शन के बाद थकान और थकान का अनुभव करते हैं। इस स्थिति को औषधीय रूप से पोस्ट इंफेक्शन थकान सिंड्रोम ( syndrome ) कहा जाता है। इस तरह की थकान और थकान को कम करने के लिए प्रवाल पिष्टी बेहद लाभदायक होती है। यह बॉडी ( body ) में पीड़ा और इनफ़ेक्शन के बाद होने वाली साधारण निर्बलता से भी निपटता है।

डोज़ की धूतपापेश्वर प्रवाल पिष्टी

प्रवाल पिष्टी (कोरल कैल्शियम ( calcium )) की डोज़ 125 मिलीग्राम ( mg ) से 500 मिलीग्राम ( mg ) दिन में दो या तीन बार है। प्रवाल पिष्टी की ज़्यादा से ज़्यादा डोज़ प्रति दिन 2500 मिलीग्राम ( mg ) से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

Precautions of Dhootapapeshwar Praval Pishti

  • यह औषधि केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही ली जानी चाहिए।
  • इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है।
  • इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
  • शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
  • सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।