साइटिका
कारण
- कटिस्नायुशूल नर्व का संपीड़न
- काठ का स्पोंडिलोसिस नर्व दबाव ( चाप ) का कारण बनता है
- अंदरूनी ब्लीडिंग जो स्थानीय दबाव ( चाप ) का कारण बनता है
- स्लिप डिस्क के कारण दबाव ( चाप )
- पोस्ट ऑपरेटिव शिकायतें
लक्षण
- निचली कटि ( कमर ) का पीड़ा
- टांगों में सुन्नपन और सनसनाहट
- बछड़े की मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता के साथ टाँगों में पीड़ा
- पांव और पांव की अंगुली की मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता
- प्रभावित पांव में निरन्तर पीड़ा
- चलते अवधि ( समय ) पीड़ा
Name | Dhootapapeshwar Swarna Mahayoga (Premium) (10tab) |
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Brand | Dhootapapeshwar |
MRP | ₹ 545 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), रास और सिंदूर |
Sizes | 10टैब |
Prescription Required | No |
Length | 0 सेंटिमीटर |
Width | 0 सेंटिमीटर |
Height | 0 सेंटिमीटर |
Weight | 0 ग्राम |
Diseases | साइटिका |
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About Dhootapapeshwar Swarna Mahayoga (Premium)
स्वर्णमहायोग, एक प्रभावशाली सुवर्ण कल्प अत्यंत जीर्ण वात विकृतियों में सहायक है। सुवर्णा, रजत, लोहा, अभ्रक, मंडुरा, वंगा, नागा के भस्म जैसी मटेरियल बॉडी ( body ) को स्पेशल रूप से अस्थियों और शिराओं को पर्याप्त मात्रा ( quantity ) में आहार-पोषण प्रोवाइड करती है। यह केमिकल, बाल्य, ओजोवर्धन के रूप में काम करता है और धातुक्षयजन्य डिसऑर्डर में अत्यंत लाभकारी है।
Ingredients of Dhootapapeshwar Swarna Mahayoga (Premium)
हर एक टैबलेट ( tablet ) में सुवर्ण (स्वर्ण) भस्म 1.000 मिलीग्राम ( mg ), रजत भस्म 17.247 मिलीग्राम ( mg ), लोहा भस्म 17.247 मिलीग्राम ( mg ), अभ्रक भस्म 17.247 मिलीग्राम ( mg ), मंडुरा भस्म 17.247 मिलीग्राम ( mg ), वंगा भस्म 17.247 मिलीग्राम ( mg ), नागा भस्म 17.247 मिलीग्राम ( mg ), जूस सिंदूर 17.247 मिलीग्राम ( mg ), पिप्पल 1.0 मिलीग्राम ( mg ) मिलीग्राम ( mg ), छव्य, चित्रक हर एक 1.078 मिलीग्राम ( mg ), शुंथि 1.078 मिलीग्राम ( mg ), हिंगु, जीरक (कृष्ण) हर एक 1.078 मिलीग्राम ( mg ), अजमोदा, जीरक (श्वेता) हर एक 1.078 मिलीग्राम ( mg ), सरशपा, रेणुका बीज हर एक 1.078 मिलीग्राम ( mg ), पाठ, इंद्रायव हर एक 1.078 मिलीग्राम ( mg ), विदंगा, कटुका हर एक 1.078 मिलीग्राम ( mg ), गजपिप्पली, अतिविशा हर एक 1.078 मिलीग्राम ( mg ), भारंगी, वाचा, मुरवा हर एक 1.078 मिलीग्राम ( mg ), हरीतकी, बिभीतक, अमलकी हर एक 14.010 मिलीग्राम ( mg ), शुद्ध ( pure ) गुग्गुलु 64.681 मिलीग्राम ( mg ) (दशमूल स्पेशल शोधित)
धूतपापेश्वर स्वर्ण महायोग (प्रीमियम) के इशारा
स्पेशल रूप से अस्थियों और तंत्रिकाओं के आहार-पोषण के लिए इशारा दिया गया है। अमावता की जरीनवस्थ, संधिगत वात की जरीनवस्थ, धातुक्षयजन्य संधिगत वात, सरवाइकल स्पॉन्डिलाइटिस ( spondylitis ), पक्षाघाट, बीमारी की पुनरागमन को रोकने के लिए वटविकार में सहायक है।
Dosage of Dhootapapeshwar Swarna Mahayoga (Premium)
1 - 2 टैबलेट ( tablet ) दिन में दो या तीन बार दशमूलारिष्ट, अश्वगंधारिष्ट, महारसनदी कड़ा, गोडुग्धा या बीमारी की स्थिति के अनुरूप ( accordingly ) लें।