डायबिटीज
कारण
- डायबिटीज का पारिवारिक हिस्ट्री
- ज्यादा भार या मोटापा
- अग्नाशयशोथ
- आनुवंशिक कारक
- पॉलीसिस्टिक अंडाशय बिमारियों वाली स्त्रियों में हार्मोनल ( hormonal ) इम्बैलेंस ( असंतुलन )
लक्षण
- बढ़ी हुई भूख और तृष्णा
- मूत्र करने की बेकाबू चाह
- थकान और धुंधली नजर
- टांगों या हाथों में सुन्नपन / सनसनाहट
- थकान और निर्बलता
- ज़ख्म जो सरलता से नहीं भरते
Name | धूतपापेश्वर त्रिवंग भस्म (60टैब) |
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Brand | Dhootapapeshwar |
MRP | ₹ 236 |
Category | लैंगिक ( genital ) कल्याण, लैंगिक ( genital ) अनुपूरक |
Sizes | 10 ग्राम, 60tab |
Prescription Required | No |
Length | 0 सेंटिमीटर |
Width | 0 सेंटिमीटर |
Height | 0 सेंटिमीटर |
Weight | 0 ग्राम |
Diseases | डायबिटीज |
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धूतपापेश्वर त्रिवंग भस्म के बारे में
त्रिवंग भस्म हर्बल और धातु मटेरियल के साथ एक आयुर्वेदिक औषधि है। यह वयस्क पुरुषों की निर्बलता, गर्भाशय की निर्बलता, पेशाब पथ के बिमारियों आदि में सहायक है। यह औषधि केवल औषधीय निगरानी में ही लेनी चाहिए
धूतपापेश्वर त्रिवंग भस्म की मटेरियल
- शुद्ध ( pure ) नागा-शुद्ध ( pure ) लेड
- शुद्ध ( pure ) वंगा-शुद्ध ( pure ) तिन
- शुद्ध ( pure ) यशदा-शुद्ध ( pure ) जिंक
- भांग चूर्ण-कैनबिस सतीव का पाउडर
- अहिफेना-पावर सोमनिफरम का पाउडर
धूतपापेश्वर त्रिवंग भस्म के इशारा
- त्रिवंग भस्म के सबसे आम इस्तेमाल में रात्रि का उत्सर्जन शामिल है।
- त्रिवंग भस्म निशाचर उत्सर्जन (गीले सपने) की पुनरावृत्ति को कम कर सकती है। ऐसे केस में इसका इस्तेमाल आंवला मुरब्बा और इसबगोल (Psyllium Husk) के साथ किया जाता है।
- त्रिवंग भस्म में कामोद्दीपक क्रिया होती है, जो इरेक्शन ( erection ) को बनाए रखने में सहायता कर सकती है और शिश्न के टिशू को शक्ति प्रोवाइड कर सकती है। दुर्बल इरेक्शन ( erection ) की प्रॉब्लम ( problem ) के लिए इसे गाय के घी और मिल्क के साथ उपयोग करना चाहिए। साथ ही अश्वगंधा, कौंच पाक, मूसली पाक आदि का भी उपयोग करना चाहिए।
- अश्वगंधा चूर्ण और मिल्क के साथ त्रिवंग भस्म अच्छी तरह से काम करती है। यह गर्भाशय को ताकतवर कर सकता है।
- यह ओव्यूलेशन को प्रेरित कर सकता है और एनोव्यूलेशन वाली स्त्रियों के लिए लाभदायक हो सकता है।
धूतपापेश्वर त्रिवंग भस्म की डोज़
- वयस्क-65 से 250 मिलीग्राम ( mg )
धूतपेश्वर त्रिवंग भस्म की सतर्कता
यह औषधि केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही ली जानी चाहिए।
इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है।
ओवरडोज से संजीदा दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं।
प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इसका बहुत एहतियात से इस्तेमाल किया जाना चाहिए, केवल तभी जब अवधारित डॉक्टर द्वारा बहुत अनिवार्य पाया गया हो।
इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।