Name | डॉ वैद्यस हर्बोकोल्ड पाउडर (50g, Pack of 2) |
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Brand | डॉ वैद्यसी |
MRP | ₹ 300 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), औषधियां |
Sizes | 2x50g |
Prescription Required | No |
Length | 0 सेंटिमीटर |
Width | 0 सेंटिमीटर |
Height | 0 सेंटिमीटर |
Weight | 0 ग्राम |
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हर्बोकोल्ड पाउडर के बारे में
हर्बोकोल्ड एक शीत और कफ के लिए आयुर्वेदिक औषधि है , जो आपको फ़ौरन आराम प्रोवाइड करने के लिए 6 विश्वसनीय जड़ी-बूटियों के ट्रीटमेंट ( treatment ) गुणों को जोड़ती है। आयुर्वेद ( ayurveda ) के प्राचीन इंडियन ट्रीटमेंट ( treatment ) विज्ञान के अनुरूप ( accordingly ), जब हम अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों का सेवन करते हैं या अनियमित ( irregular ) खाने का प्रोग्राम डिवेलप करते हैं, तो तीन त्रुटि, कफ, बलगम, वात और पित्त असंतुलित हो जाते हैं। इससे हमें कफ और प्रतिश्याय ( जुकाम ) जैसे इनफ़ेक्शन हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त, वायुमंडलीय टेंपेरेचर ( temperature ) में कमी भी बॉडी ( body ) की इम्युनिटी शक्ति को कम कर सकती है, जिससे वायरस के लिए बॉडी ( body ) पर अटैक करना सरल हो जाता है। हर्बोकोल्ड बॉडी ( body ) की इम्युनिटी पद्धति को बढ़ाने के साथ-साथ तीन दोषों को बैलेंस्ड करने में भी सहायता करता है। जब रिकमंडेड डोज़ में, मधु ( honey ) के साथ, या डॉ वैद्य के हफ'एन'कफ, बलगम के सम्मिश्रण में लिया जाता है, तो यह कफ और शीत की औषधि आपको इन रोगों से बहुत आवश्यक आराम प्रोवाइड करने के लिए नियत है।
हर्बोकोल्ड पाउडर के इशारा
शीत, श्वसन ( respiration ) रिलेटिव रोगों (दमा), पुराने ( chronic ) ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ ), ब्रोन्कियल दमा से आराम प्रोवाइड करने में सहायता करता है
हर्बोकोल्ड पाउडर की मटेरियल
खादी सक्कर पलमायरा को रॉक कैंडी के रूप में भी जाना जाता है, हथेली के जूस से प्राप्त यह जड़ी बूटी कफ और शीत के साथ-साथ कंठनली की दाह से आराम दिलाने में सहायता करती है। यह भार संयम में मदद के साथ-साथ नाक से रक्त बहने, आमाशय पीड़ा और गुर्दे की पथरी के ट्रीटमेंट ( treatment ) में भी सहायता करता है। कपूर बांस को कांटेदार बांस के रूप में भी जाना जाता है, यह जड़ी बूटी स्किन रिलेटिव रोगों के उपचार में प्रयाप्त प्रभावशाली साबित होती है। यह बॉडी ( body ) में निर्जलीकरण ( dehydration ) को भी रोकता है जिससे जल के सही समावेश में सहायता मिलती है। पिपर जिसे बाली मिर्च भी कहा जाता है, इसका इस्तेमाल लंबे अवधि ( समय ) से इंडियन और एशियाई खाद्य पदार्थों में एक गुप्त मटेरियल के रूप में किया जाता रहा है। और अवयवों के प्रभाव ( effect ) को बढ़ाते हुए इम्युनिटी पद्धति को ताकतवर करने के लिए जाना जाता है, यह हर्बोकोल्ड का एक प्रधान घटक है। इलायची अनिवार्य ( mandatory ) रूप से इलायची या 'मसालों का राजा' के रूप में जाना जाता है, इलायची फेफड़ों और और फेफड़े ( lungs ) के बिमारियों की जनसमूह में अत्यंत लाभप्रद साबित होता है। ताज ताज एक प्रधान आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जो धुंधली नजर, रक्त की अभाव, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, स्तंभन ( इरेक्शन ) त्रुटि, आमाशय फूलना और गुर्दे के विकृतियों के उपचार में सहायता करती है। जेष्टीमधु यह जड़ी बूटी फेफड़ों के टोनर के रूप में काम करती है और एलर्जी ( allergy ) से लड़ने में जरूरी योगदान निभाती है जो क्रोनिक शीत पैदा करती है। यह फेफड़ों के कार्यों में इम्प्रूवमेंट करने में सहायता करता है, बॉडी ( body ) के चैनलों को साफ करता है और नाक की एलर्जी ( allergy ) को नियंत्रित करने में सहायता करता है। यह श्वसन ( respiration ) पद्धति को टोन करके ऊपरी श्वसन ( respiration ) पथ में एक डीकॉन्गेस्टेंट प्रभाव ( effect ) भी पैदा करता है।
हर्बोकोल्ड पाउडर की डोज़
15-70 की आयु के लिए: 1 इलाज (4 ग्राम) दिन में तीन बार लिया जाना चाहिए, विशेषतः मधु ( honey ) या डॉ. वैद्य के हफ'एन'कफ, बलगम के साथ। 15 साल से कम आयु के शिशुओं और 70 साल से ज्यादा आयु के वयस्कों के लिए: ½ माप (2 ग्राम) दिन में तीन बार लिया जाना चाहिए, विशेषतः मधु ( honey ) या डॉ वैद्य के हफ'एन'कफ, बलगम के साथ। न्यूनतम कोर्स ( course ): 3 माह
हर्बोकोल्ड पाउडर की सतर्कता
- इस औषधि की स्व-औषधि की परामर्श नहीं दी जाती है।
- ज्यादा डोज़ विपरीत प्रभाव ( effect ) पैदा कर सकता है।
- चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) इस औषधि को सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
- शिशुओं की पहुंच से दूर रखें।
- प्रेग्नेंट और स्तनपान ( breastfeeding ) कराने वाली मां को इस औषधि को लेने से पहले सलाह लेना चाहिए।