बदहजमी/अम्ल/गैस
कारण
- खा
- चिंता ( anxiety )
- लगातार व्रत
- मसालों से भरा आहार ( food ) का ज्यादा सेवन
- पीड़ा निरोधक एंटीबायोटिक्स ( antibiotics ) अम्लता ( खट्टापन ) का कारण बन सकते हैं
लक्षण
- ऊपरी आमाशय में आकुलता ( बेचैनी )
- आमाशय पीड़ा और परिपूर्णता की मनोवृत्ति
- उल्टी
- मतली के एपिसोड
- स्वेलिंग की अनुभूति
Name | हमदर्द जवारिश मस्तीगी बनुखा कलां (60 ग्राम) |
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Brand | Hamdard |
MRP | ₹ 71 |
Category | यूनानी ट्रीटमेंट ( treatment ), माजुन और जवारीशो |
Sizes | 60 ग्राम |
Prescription Required | No |
Length | 4 सेंटिमीटर |
Width | 4 सेंटिमीटर |
Height | 6 सेंटिमीटर |
Weight | 80 ग्राम |
Diseases | बदहजमी/अम्ल/गैस |
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हमदर्द जवारिश मस्तगी के बारे में
हमदर्द जवारिश मस्तगी का नाम इसकी प्रमुख मटेरियल मस्तगी के कारण रखा गया है। जवारिश एक यूनानी अर्ध ठोस तैयारी है जिसे स्पेशल रूप से गैस्ट्रिक ( gastric ) प्रॉब्लम्स के लिए डिज़ाइन किया गया है। जवारिश मस्तगी बदहजमी और भूख न लगने में लाभकारी होती है। जवारिश मस्तगी गैस को बाहर निकालती है और आमाशय की दूरी में भी मददगार है। यह मरोड़ पीड़ा और आमाशय फूलना से आराम देता है।
हमदर्द जवारिश मस्तगी के इशारा
- आमाशय की निर्बलता और स्पेशल रूप से डायरिया के उपचार में एक प्रसिद्ध उपाय।
हमदर्द जवारिश मस्तगी की मटेरियल
- मस्तगी रूमी: मैस्टिक गम (जिसे मस्तगी रूमी भी कहा जाता है) पिस्ता लेंटिसस के तने से निकलने वाला पौधा राल (सैप) है। में आयुर्वेद ( ayurveda ) और यूनानी ट्रीटमेंट ( treatment ), यह विस्तृत रूप इसकी अल्सर ( ulcer ) ट्रीटमेंट ( treatment ), antispasmodic और कामोद्दीपक अनुयोजन के लिए उपयोग किया जाता है। यह माहवार धर्म के पीड़ा और मांसपेशियों ( muscles ) के पीड़ा को कम करता है। यह नाराज़गी, जठरशोथ, अल्सर ( ulcer ) और बदहजमी के ट्रीटमेंट ( treatment ) के लिए सहायक है। मैस्टिक गम आमाशय और आंतों को शक्ति प्रोवाइड करता है। यह आमाशय के अस्तर पर एक सुरक्षात्मक परत बनाता है, जो अति अम्लता ( खट्टापन ) से बचाता है। भूख बढ़ाने वाली क्रिया से भूख बढ़ती है। कार्मिनेटिव क्रिया आमाशय फूलने और आमाशय के फैलाव से आराम देती है।
- अर्क गुलाब: ऐसा माना जाता है कि इसके अनेक मेडिसिनल फायदा हैं और इसका इस्तेमाल एनाल्जेसिक, ब्रोन्कोडायलेटर, एंटी-मरोड़, एंटी-माइक्रोबियल और एक एन्टी भड़काऊ के रूप में किया गया है। इसका इस्तेमाल कफ, बलगम सिरप के रूप में, भाटा के उपचार के लिए, रेचक के रूप में और ब्लड ग्लूकोज को कम करने के लिए भी किया जाता है।
- शुगर सफ़ैद
हमदर्द जवारिश मस्तगी की डोज़
- 5-10 ग्राम प्रातः अर्क बदन या जल के साथ ही लेना चाहिए।
Precautions of Hamdard Jawarish Mastagi
- शिशुओं की पहुंच से दूर रखें।
- स्व-औषधि की सिफारिश नहीं की जाती है।
- सूखी और ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।
- हर इस्तेमाल के बाद औषधि की टोपी को कसकर बंद कर दें।
- औषधि को मूल पैकेज और पात्र ( container ) में रखें