Name | जीवा आयुर्वेद ( ayurveda ) सत्त्व पोस्ट नेटल हेल्थ केयर पैक (1सेट) |
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Brand | जीवा आयुर्वेद ( ayurveda ) |
MRP | ₹ 1100 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), औषधियां |
Sizes | 1 सेट |
Prescription Required | No |
Length | 0 सेंटिमीटर |
Width | 0 सेंटिमीटर |
Height | 0 सेंटिमीटर |
Weight | 0 ग्राम |
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जीवा आयुर्वेद ( ayurveda ) सत्त्व पोस्ट नेटल हेल्थ केयर पैक के बारे में
जीवा सत्त्व प्रसवोत्तर सेहत देखरेख पैक सावधानी से तैयार किया जाता है ताकि मां और उसके साधन से नवजात बच्चे को सर्वश्रेष्ठ सेहत प्रोवाइड किया जा सके। माँ के बॉडी ( body ) में हास्य के सामंजस्य को बहाल करने और उसके सिस्टम से किसी भी संचित विषाक्त पदार्थों को निकालने के लिए मटेरियल को सूक्ष्म रूप से बैलेंस्ड किया जाता है। भिन्न-भिन्न सामग्रियों में कुछ जड़ी-बूटियाँ हैं जिनका इस्तेमाल आयु के लिए स्तनपान ( breastfeeding ) बढ़ाने और माताओं की रोगों के प्रति प्रतिरोधक योग्यता बढ़ाने के लिए किया जाता है। सब के सब सामग्रियां नेचुरल हैं, और इनका कोई दुष्प्रभाव ( side effect ) नहीं है।
काम
पैक की मटेरियल नई डिलीवरी वाली स्त्री का सबसे बढ़िया ख्याल रखती है। हाज़मा क्रिया को दुरुस्त रखते हुए ये उसकी बीमारी प्रतिरोधक योग्यता को भी बढ़ाते हैं। शतावरी और सरिवन जैसे मूल तत्व स्तनों में मिल्क के डिस्चार्ज को बढ़ाते हैं जबकि पिप्पली और धान्यक जैसी जड़ी-बूटियाँ गैस्ट्रिक ( gastric ) आग को प्रज्वलित करती हैं। सामूहिक रूप से वे स्त्री प्रणालियों को साफ रखते हैं और निश्चित रूप से करते हैं कि प्रसव के तनाव से ठीक हो जाए।
इशारा
प्रसवोत्तर कॉम्प्लीकेशन्स, स्तनपान ( breastfeeding ) की अभाव, आमाशय के आस-पास अलावा चर्बी और प्रेग्नेंसी ( pregnency ) के निशान।
घटक
Adrak - Zingiber officinale, Giloy - Tinospora cordifolia , Shatavari - Asparagus recemosus , Dhaniya -- Coriandrum sativum , Badi Ilaychi -- Amomum subulatum , Pippali - Piper longum, Sarivan - Desmodium gangeticum, Bilva -- Aegle marmelos , Gambhar -- Gmelina arborea
कैसे उपयोग करे
दवाइयां: दो दवाइयां दिन में दो बार (प्रातः और संध्या) उष्ण जल के साथ खाली आमाशय लें।
चाय: एक चम्मच ( spoon ) चाय को 200 मिली जल में तब तक उबालें जब तक कि जल आधा ( half ) न रह जाए। चाय को छान लें और इसे दिन में दो बार (प्रातः और संध्या) गर्मागर्म पीएं, विशेषकर खाली पेट। मधु ( honey ) का इस्तेमाल स्वीटनर के रूप में किया जा सकता है।
चूर्ण : इस चूर्ण को हल्के गर्म जल के साथ लें या फिर इस चूर्ण को करीब-करीब आधा ( half ) कप जल में मिलाकर पी लें। आहार ( food ) के बाद (ब्रेकफ़ास्ट और रात्रि के खाने के बाद या सुविधानुसार मध्याह्न और रात्रि के खाने के बाद) दिन में दो बार लेना है।