साइटिका
कारण
- कटिस्नायुशूल नर्व का संपीड़न
- काठ का स्पोंडिलोसिस नर्व दबाव ( चाप ) का कारण बनता है
- अंदरूनी ब्लीडिंग जो स्थानीय दबाव ( चाप ) का कारण बनता है
- स्लिप डिस्क के कारण दबाव ( चाप )
- पोस्ट ऑपरेटिव शिकायतें
लक्षण
- निचली कटि ( कमर ) का पीड़ा
- टांगों में सुन्नपन और सनसनाहट
- बछड़े की मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता के साथ टाँगों में पीड़ा
- पांव और पांव की अंगुली की मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता
- प्रभावित पांव में निरन्तर पीड़ा
- चलते अवधि ( समय ) पीड़ा
आमवात और आमवात
कारण
- पुष्टिकारक तत्वों की अभाव (कैल्शियम। विटामिन ( vitamin ) डी)
- रजोनिवृत्ति
- आयु बढ़ने
- ज्यादा भार
- आमवात का पारिवारिक हिस्ट्री
लक्षण
- जॉइंट्स के पीड़ा के साथ थकान
- जॉइंट्स की लालिमा और स्वेलिंग
- जॉइंट्स का अकड़ना
- कठिन चलना
- मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता
Name | कामधेनु वटारी चूर्ण पाउडर (250 ग्राम) |
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Brand | Kamdhenu |
MRP | ₹ 384 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), चूर्ण, अवलेहा और पाकी |
Sizes | 250 ग्राम |
Prescription Required | No |
Length | 7 सेंटिमीटर |
Width | 7 सेंटिमीटर |
Height | 13 सेंटिमीटर |
Weight | 250 ग्राम |
Diseases | साइटिका, आमवात और आमवात |
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कामधेनु वटारी चूर्ण चूर्ण
कामधेनु वटारी चूर्ण पाउडर के बारे में
वटारी चूर्ण पाउडर के रूप में एक आयुर्वेदिक दवा है। इसका इस्तेमाल वात इम्बैलेंस ( असंतुलन ) के कारण होने वाले बिमारियों जैसे कि न्यूरिटिस, आमवात, लकवा आदि के ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है। इस औषधि में वजनी धातु मूल तत्व होते हैं, इसलिए इसे केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही लेना चाहिए। यह आमवात के कारण होने वाले साइटिक पीड़ा और स्वेलिंग में मददगार है।
कामधेनु 1945 से एक प्रसिद्ध आयुर्वेद ( ayurveda ) औषधि वितरक है। पहले प्रोडक्ट्स के वितरण के साथ शुरू हुआ, यह अब जादुई और अद्भुत आयुर्वेद ( ayurveda ) प्रोडक्ट्स का एक सुस्थापित निर्माता है जो आपको फिट और नीरोग रहने में सहायता करता है।
कामधेनु वटारी चूर्ण पाउडर की मटेरियल
- शतावरी रेसमोसस विल्ड: शतावरी रेसमोसस का इस्तेमाल आमाशय की गड़बड़ी (बदहजमी), कोष्ठबद्धता ( constipation ), आमाशय में मरोड़ और आमाशय के अल्सर ( ulcer ) के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल तरल धारण, पीड़ा, चिंता ( anxiety ), कर्कट ( cancer ), डायरिया, ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ ), तपेदिक, मनोभ्रंश और डायबिटीज के लिए भी किया जाता है।
- विथानिया सोम्निफेरा डुनल: विथानिया सोम्निफेरा, जिसे आमतौर पर अश्वगंधा कहा जाता है, सोलानेसी फैमिली के लिए एक शीतकालीन चेरी उष्णकटिबंधीय है जिसका इस्तेमाल दमा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, तनाव, आमवात बिमारियों के साथ भिन्न-भिन्न तरह की रोगों के ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है।
- Zingiber officinale Roscoe: जिंजर ( ginger ) (Zingiber officinale) उल्टी, पेचिश, नाराज़गी, आमाशय फूलना, डायरिया, भूख न लगना, इनफ़ेक्शन, कफ और ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ ) के उपचार के लिए मसाले और औषधि के रूप में सेवन किए जाने वाले सबसे विस्तृत रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले नेचुरल प्रोडक्ट्स में से एक है।
- शुगर की मीठा
- कोलचिकम ल्यूटियम बेकर
- स्माइलैक्स चाइना लिनन
कामधेनु वटारी चूर्ण पाउडर के लाभ
- यह साइटिक पीड़ा को कम करने में मददगार है।
- यह हर तरह के पीड़ा में सहायता करता है।
- इसमें उपस्थित एंटी-इंफ्लेमेटरी ( inflammatory ) गुणों के कारण यह आमवात से दुःखित लोगों के लिए लाभदायक है।
कामधेनु वटरि चूर्ण पाउडर का इस्तेमाल कैसे करें
- 5-15 ग्राम हल्के गर्म जल या मिल्क के साथ दिन में दो से तीन बार या डॉक्टर की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) लें।
कामधेनु वटारी चूर्ण पाउडर की सतर्कता
- इस्तेमाल करने से पहले लेबल को ध्यान से अध्ययन करें
- रिकमंडेड डोज़ से ज्यादा न हो
- धूप से दूर रखें
- ठण्डे एवं सूखी जगह पर भंडारित करें
- शिशुओं की पहुंच से दूर रखें