एडी का पीड़ा
कारण
- ज्यादा भार के कारण एड़ी पर दबाव ( चाप ) पड़ता है
- बुरा फिटिंग या घिसे-पिटे जूते पहनना
- एड़ी में चोट
- कैल्केनियम स्पर
- काम करने की स्थिति जहां लंबे अवधि ( समय ) तक खड़े रहने की जरूरत होती है
लक्षण
- एड़ी में तेज पीड़ा
- एड़ी की स्वेलिंग के साथ चलने और खड़े होने में मुसीबत
- एड़ी का सुन्न होना
- एड़ी की हार्डनेस
- ऊँची एड़ी के जूते उठाने में मुसीबत
पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) का पीड़ा
कारण
- पीठ ( back ) या घुटने ( knee ) में चोट
- आमवात
- संगठित चोटें
- रजोनिवृत्ति
- शिराओं का संपीड़न
- व्यवसाय उन्मुख: निरन्तर खड़े रहना या बैठना
लक्षण
- बैठने/काम करने/चलने के दौरान पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) में तेज पीड़ा
- स्थिति बदलने में मुसीबत
- पीठ ( back ) में भारीपन
- टांगों में सुन्नपन
- सोने की गलत पोजीशन
आमवात और आमवात
कारण
- पुष्टिकारक तत्वों की अभाव (कैल्शियम। विटामिन ( vitamin ) डी)
- रजोनिवृत्ति
- आयु बढ़ने
- ज्यादा भार
- आमवात का पारिवारिक हिस्ट्री
लक्षण
- जॉइंट्स के पीड़ा के साथ थकान
- जॉइंट्स की लालिमा और स्वेलिंग
- जॉइंट्स का अकड़ना
- कठिन चलना
- मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता
Name | Nagarjun Dhanvantar Tailam (100ml) |
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Brand | Nagarjun |
MRP | ₹ 180 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), तैलम और घृत |
Sizes | 50 मिलीलीटर ( ml ), 100 मिलीलीटर ( ml ), 200, 500 मिली |
Prescription Required | No |
Length | 0 सेंटिमीटर |
Width | 0 सेंटिमीटर |
Height | 0 सेंटिमीटर |
Weight | 0 ग्राम |
Diseases | एडी का पीड़ा, पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) का पीड़ा, आमवात और आमवात |
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नागार्जुन धन्वंतर तैलम के बारे में
धन्वंतर थिलम (तेल) वात विकृतियों के लिए तैयार आयुर्वेदिक मेडिसिनल तेल है। इसका इस्तेमाल अंदरूनी रूप से (ओरल ( oral ) रूप से) और बाहरी रूप से मालिश के लिए किया जा सकता है। इसका अंदरूनी ओरल ( oral ) सेवन और इसका बाहरी इस्तेमाल दोनों लकवा, हेमिप्लेजिया, क्वाड्रिप्लेजिया, और बर्बादी या दैहिक निर्बलता के ट्रीटमेंट ( treatment ) में लाभदायक होते हैं। यह बॉडी ( body ) में मांसपेशियों ( muscles ), स्नायुबंधन, tendons और और टिशू की ताकत में इम्प्रूवमेंट करता है। यह नर्व और न्यूरोप्रोटेक्टिव के रूप में भी काम करता है, इसलिए यह नर्व तंत्र के नेचुरल कार्यों को बनाए रखने और नर्व संरक्षण में जरूरी योगदान निभाता है। यह मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम को भी सपोर्ट करता है, इसलिए यह आमवात, जीर्ण ऑस्टियोआर्थराइटिस ( osteoarthritis ), घुटने ( knee ) के पीड़ा, पीठ ( back ) पीड़ा और स्पोंडिलोसिस जैसे पीड़ा विकृतियों में भी लाभदायक है। धन्वंतरम् कषायम की तुलना ( comparison ) में पीड़ा और सुन्नता ( numbness ) पर इसका प्रभाव ( effect ) ज्यादा देखा जा सकता है क्योंकि तिल के तेल का इस्तेमाल इसके बुनियाद के रूप में किया जाता है, जो स्वयं एक शक्तिशाली वातशामक दवा है। यह प्रसवकालीन बिमारियों, शिशुओं के बिमारियों, पेशाब विकृतियों, गर्भाशय के बिमारियों, हर्निया और जलशीर्ष में भी सहायक है।
इस्तेमाल
- पक्षाघात।
- चेहरे का पक्षाघात।
- चतुर्भुज।
- हेमिप्लेजिया।
- ऊतक बर्बादी (या खपत)।
- मांसपेशियों ( muscles ) की कमजोरी।
- मांसपेशियों ( muscles ) में दर्द ( pain )
- स्पोंडिलोसिस - सरवाइकल, वक्ष, या काठ।
- पीठ ( back ) दर्द ( pain )
- आमवाती बीमारी - जीर्ण ऑस्टियोआर्थराइटिस ( osteoarthritis ) और जॉइंट्स का दर्द ( pain )
- हरनिया।
- हाइड्रोसील।
- गर्भाशय प्रायश्चित।
- एंडोमेट्रियोसिस।
- चतुर्भुज।
- हेमिप्लेजिया।
- मांसपेशियों ( muscles ) की कमजोरी।
- मांसपेशियों ( muscles ) में दर्द ( pain )
- पीठ ( back ) दर्द ( pain )
- जीर्ण ऑस्टियोआर्थराइटिस।
- घुटनों का दर्द ( pain )
प्रभाव ( effect )
वात और कफ, बलगम मिला हुआ वात स्थिति।
मात्रा ( quantity ) बनाने की पद्धति
धन्वंतर थिलम का इस्तेमाल मालिश या स्थानीय अनुप्रयोग में जरूरत के अनुरूप ( accordingly ) किया जा सकता है।
- बच्चे-5 से 10 बूँदें।
- वयस्क-10 से 20 बूँदें।
- ज़्यादा से ज़्यादा मुमकिन खुराक।
- प्रति दिन 60 बूँदें (खंडित डोज़ में)।
- दिन में दो बार धन्वन्तरम कषायम् या उष्ण मिल्क के साथ।
दुष्प्रभाव ( side effect )
धन्वंतर थिलम बाहरी अनुप्रयोग के साथ कोई दुष्प्रभाव ( side effect ) नहीं बताया गया है। रिकमंडेड डोज़ में इस्तेमाल किए जाने पर धन्वंतर तेल के ओरल ( oral ) सेवन से भी कोई दुष्प्रभाव ( side effect ) नहीं होता है। हाई डोज़ में (5 मिली से ज्यादा)।
इसके निम्नलिखित दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं
- खट्टी ( sour ) डकार ( belching )
- धन्वंतरम तेल के स्वाद ( taste ) के साथ बेल्चिंग
- आमाशय की समस्या