सोरायसिस और रूखी स्किन
कारण
- फैमिली के हिस्ट्री
- वायरल ( viral ) / बैक्टीरियल ( bacterial ) इनफ़ेक्शन
- तनाव
- मोटापा
- दबा बीमारी प्रतिरोधक योग्यता
- चिंता ( anxiety ) रिलेटिव डिसऑर्डर
लक्षण
- स्किन के लाल धब्बे
- खारिश
- स्किन में दाह या पीड़ा होना
- जॉइंट्स का पीड़ा
- अस्थियों में अकड़न
- किनारों से स्किन का कसाव
रैश/खारिश/अर्टिकेरिया/पित्ती
कारण
- पराग धूल और धूप से एलर्जी ( allergy ) की रिएक्शन
- चिंता ( anxiety )
- तनाव
- घबराहट या बेचैनी
- खाने से एलर्जी ( allergy )
- कीट डंक
लक्षण
- स्किन पर लाल धब्बे
- स्किन पर उभरे हुए धब्बों की खारिश
- धब्बों का जलना
- स्वेलिंग वाली जगह पर पीड़ा
- आकुलता ( बेचैनी )
- चिड़चिड़ाहट
मुंहासे और फुंसियां
कारण
- यौवन/किशोरावस्था के दौरान हार्मोनल ( hormonal ) परिवर्तन
- ऑयली स्किन या चेहरे पर सीबम का ज्यादा डिस्चार्ज होना
- बहुत भावनात्मक तनाव
- प्रदूषण के कांटेक्ट में
- माहवार धर्म के दौरान हर माह
- उष्ण और आर्द्र जलवायु
- मुहांसों को निचोड़ना
लक्षण
- चेहरे पर मुंहासे, गाल, गर्दन ( neck ), शोल्डर, पीठ ( back ),
- स्किन बीमारी जिसके फलतः व्हाइटहेड्स, ब्लैकहेड्स, पिंपल्स, सिस्ट नोड्यूल्स
- पीड़ा और मवाद के साथ लाल अल्सर
- ऑयली और ऑयली स्किन
Name | Nagarjun Haridrakhand Avaleh (400g) |
---|---|
Other Names | Haridrakhandam |
Brand | Nagarjun |
MRP | ₹ 245 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), चूर्ण, अवलेहा और पाकी |
Sizes | 200 ग्राम, 400 ग्राम |
Prescription Required | No |
Length | 0 सेंटिमीटर |
Width | 0 सेंटिमीटर |
Height | 0 सेंटिमीटर |
Weight | 0 ग्राम |
Diseases | सोरायसिस और रूखी स्किन, रैश/खारिश/अर्टिकेरिया/पित्ती, मुंहासे और फुंसियां |
You might also like:
About Haridrakhand Avaleh
हरिद्रखंड अवलेह (जिसे हरिद्राखंडम और हरिद्रखंड अवलेह भी कहा जाता है) एक आयुर्वेदिक और हर्बल औषधि है जिसका इस्तेमाल स्किन बिमारियों और एलर्जी ( allergy ) के लिए किया जाता है। यह पित्ती (क्रोनिक पित्ती) और खारिश और स्किन पर ददोड़े की विशेषता वाले सब के सब स्किन विकृतियों में बहुत सहायक है। यह स्किन के फफोले और फंगल ( fungal ) इन्फेक्शन ( संक्रमण ) में भी बहुत सहायक है।
Ingredients of Haridrakhand Avaleh
- Haldi or Haridra (Turmeric) – Curcuma Longa
- निशोथ (त्रिवृत या तुरपेठ) - ऑपरकुलिना तुरपेथुम
- हरीताकी - टर्मिनलिया चेबुला
- दारुहल्दी - बरबेरिस अरिस्तत
- नागरमोथा - साइपरस रोटुंडस
- अजवाईन (कैरम के बीज) -ट्रेचीस्पर्मम अम्मी
- अजमोड़ा (अजमोद के बीज)
- Chitrakmool
हरिद्रखंड अवलेह के मेडिसिनल गुण
- एलर्जी ( allergy ) एन्टी
- एंटीहिस्टामिनिक
- सूजनरोधी
- एंटीऑक्सिडेंट
- एंटीप्रुरिटिक्स
Therapeutic Indications of Haridrakhand Avaleh
- एलर्जी ( allergy )
- एलर्जी ( allergy ) रिनिथिस
- एलर्जी ( allergy ) ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ )
- पित्ती (क्रोनिक पित्ती)
- खारिश
- मुँहासा या मुंहासे
- सोरायसिस
Benefits & Uses of Haridrakhand Avaleh
हरिद्रखंड अवलेह का प्रमुख इशारा खारिश और स्किन पर ददोड़े या लाल धब्बे हैं। यह निम्नलिखित लक्षणों की विशेषता वाले सब के सब तरह के स्किन बिमारियों में प्रभावशाली है:
- हीव्स
- स्वेलिंग
- स्मॉल और उभरे हुए स्किन के उभार
- स्किन से द्रव तत्त्व का रिसाव
- खारिश
- किसी अंतर्निहित रोग के कारण स्किन से बुरा या दुर्गंध आना
- सूजी हुई स्किन
पित्ती (क्रोनिक पित्ती)
हरिद्रखंड अवलेह श्वेत या लाल खारिश वाले धब्बे की घटना को कम करता है। इसका प्रभाव ( effect ) हरिद्रखंड अवलेह में भिन्न-भिन्न अवयवों के एंटी-एलर्जी ( allergy ) और एंटीहिस्टामिनिक गुणों के कारण होता है।
यदि खारिश प्रधान लक्षण ( symptom ) है, तो हरिद्रखंड अवलेह को आरोग्यवर्धिनी वटी के साथ देना चाहिए।
यदि दाह प्रधान लक्षण ( symptom ) है, तो हरिद्रखंड अवलेह को गंधक केमिकल और यशद भस्म के साथ लेना चाहिए।
एटोपिक जिल्द की स्वेलिंग (एक्जिमा या दाद)
हरिद्रखंड अवलेह को रोते हुए एक्जिमा या दाद में ज्यादा प्रभावशाली बताया गया है। आयुर्वेदिक-मेडिसिनल तेलों (निंबाडी थिलम) के स्थानीय अनुप्रयोग का भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए। यह उन लोगों के लिए भी लाभदायक है जो एक्जिमा या दाद के साथ-साथ हे फीवर या दमा से भी दुःखित हैं। हरिद्रखंड अवलेह अकेले एक्जिमा या दाद में प्रभावशाली नहीं हो सकता है, इसलिए और औषधियों का भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए। कड़वे जड़ी बूटियों से तैयार आयुर्वेदिक तेलों का स्थानीय अनुप्रयोग भी एक्जिमा या दाद को कम करने में जरूरी योगदान निभाता है।
खारिश वाली स्किन (प्रुरिटस)
और सेहत परिस्थितियों के कारण खारिश वाली स्किन या प्रुरिटस हो सकता है। खादीरारिष्ट के साथ हरिद्रखंड अवलेह अपने एंटीप्रुरिटिक, एंटीहिस्टामाइन ( antihistamine ), एंटी-इंफ्लेमेटरी ( inflammatory ) और ब्लड शोधक क्रिया के कारण होने वाली खारिश से आराम दिलाने में सहायता कर सकता है। स्किन पर खुजलाने के कारण होने वाले अल्सर और रैशेज में भी यह लाभदायक होता है। हरिद्रखंड अवलेह के साथ स्थानीय सुखदायक और एंटीप्रायटिक क्रीम या आयुर्वेदिक तेलों का भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए। स्थानीय इस्तेमाल के लिए गंधक पिष्टी टेल और कुष्ट राक्षस तैल ज्यादा लाभदायक होते हैं।
एलर्जिक राइनाइटिस (हे फीवर)
हरिद्रखंड अवलेह में हल्दी (हल्दी) होती है जिसका एंटी-एलर्जी ( allergy ) प्रभाव ( effect ) होता है। अकेले हल्दी पाउडर की तुलना ( comparison ) में सूत्रीकरण अच्छा काम करता है। यह छींक ( sneeze ) को रोकने और नाक की जनसमूह और पोस्टनासल ड्रिप को कम करने में सहायता करता है। हे फीवर में इसे 1 चम्मच ( spoon ) की मात्रा ( quantity ) में दिन में दो बार उष्ण जल के साथ देना चाहिए।
Dosage & Administration of Haridrakhand Avaleh
हरिद्रखंड अवलेह की साधारण डोज़ इस तरह है।
बच्चे और बच्चे -100 मिलीग्राम ( mg ) प्रति किलो बॉडी ( body ) के भार
वयस्क (19 से 60 साल)-3 से 6 ग्राम
जराचिकित्सा (60 साल से ऊपर) -3 ग्राम
लैक्टेशन-3 ग्राम
ज़्यादा से ज़्यादा मुमकिन डोज़-12 ग्राम प्रति दिन (खंडित डोज़ में)
हरिद्रखंड अवलेह के दुष्प्रभाव ( side effect )
इस औषधि के कोई ज्ञात दुष्प्रभाव ( side effect ) नहीं हैं। यद्यपि, इसे नित्य किसी योग्य आयुर्वेदिक डॉक्टर से प्रिस्क्रिप्शन ( prescription ) के बाद ही औषधीय निगरानी में ही लेना चाहिए।