Oilcure Fennel Seed Oil (Saunf) (100ml)

  • Home
  • Oilcure सौंफ के बीज का तेल (सौंफ) (100ml)
shape1
shape2
shape3
Oilcure Fennel Seed Oil (Saunf) (100ml)
NameOilcure सौंफ के बीज का तेल (सौंफ) (100ml)
Brandऑयलक्योर
MRP₹ 1600
Categoryबॉडी ( body ), बॉडी ( body ) के तेल, सौंदर्य और निजी देखरेख, स्किन की देखरेख
Sizes100 मिलीलीटर ( ml )
Prescription RequiredNo
Length10 सेंटिमीटर
Width8 सेंटिमीटर
Height4 सेंटिमीटर
Weight0 ग्राम

Oilcure सौंफ के बीज का तेल (सौंफ) के बारे में

सौंफ के तेल में पोटेशियम ( potassium ), फोलेट, विटामिन ( vitamin ) सी, विटामिन ( vitamin ) बी -6 और फाइटोन्यूट्रिएंट मटेरियल होती है, जो कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) की अभाव के साथ मिलकर हार्ट सेहत का समर्थन ( support ) करती है। यह चयापचय बढ़ाने वाला है और बढ़ा हुआ चयापचय उत्पत्ति ज्यादा एनर्जी जलाता है और चिकनाई प्रबंधन में तेजी ला सकता है।

सौंफ एनर्जी के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले रक्तप्रवाह में चिकनाई जमा को "तोड़ने" में भी सहायता करती है। नेचुरल मोटापा संयम के लिए बढ़िया है। एक आकृति का आमाशय और आकृति देता है।

Oilcure सौंफ के बीज के तेल (सौंफ) के फायदा

काले घेरे कम करता है: सौंफ का तेल या कहें कि सौंफ का तेल नेत्रों के आस-पास काले घेरे को कम करने में कारगर है। डार्क सर्कल का सीधा रिलेशन आयरन की अभाव और हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) से होता है। सौंफ में पाया जाने वाला आयरन और हिस्टामाइन, दोनों ही डार्क सर्कल्स के उपचार में मददगार होते हैं। जबकि आयरन हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) का प्रमुख घटक है, हिस्टामाइन हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) के उत्पत्ति को उत्तेजित ( excited ) करता है और ब्लड के भिन्न-भिन्न और अवयवों के गठन में भी सहायता करता है।

खून की कमी में कारगर: खून की कमी से दुःखित व्यक्तियों में सौंफ का तेल कारगर होता है। सौंफ में पाया जाने वाला आयरन और हिस्टामाइन, दोनों ही खून की कमी के उपचार में मददगार होते हैं। जबकि आयरन हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) का प्रमुख घटक है, हिस्टामाइन हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) के उत्पत्ति को उत्तेजित ( excited ) करता है और ब्लड के भिन्न-भिन्न और अवयवों के गठन में भी सहायता करता है।

हाज़मा के लिए बढ़िया: सौंफ का तेल लेने से हाज़मा में सहायता मिलेगी। सौंफ में अनिवार्य तेलों के कुछ घटक उत्तेजक होते हैं और वे आमाशय और आंतों की स्वेलिंग को कम करते हुए हाज़मा और गैस्ट्रिक ( gastric ) जूस के डिस्चार्ज को उत्तेजित ( excited ) करते हैं, और आहार ( food ) से पुष्टिकारक तत्वों के सही समावेश की सुगमता प्रोवाइड करते हैं। इसके अतिरिक्त, यह कोष्ठबद्धता ( constipation ) को समाप्त कर सकता है और इस तरह बॉडी ( body ) को आंतों की प्रॉब्लम्स की एक व्यापक समूह से बचाता है जो अवरुद्ध होने से उपजी हो सकती हैं। इसमें एक अम्लीय (मूल) गुण भी होते हैं और इसका विस्तृत रूप से एंटासिड तैयारियों में इस्तेमाल किया जाता है। पाक अनुप्रयोगों में, यह अनेक ऐपेटाइज़र के केंद्र बिंदु के एक घटक के रूप में भी उपयोग किया जाता है।

आमाशय फूलना/गैस को दूर करता है: सौंफ में पाए जाने वाले एसपारटिक एसिड के कार्मिनेटिव गुणों के कारण सौंफ का तेल आमाशय फूलने वाली चींटी के रूप में बहुत लोकप्रिय है। इसके अर्क का इस्तेमाल बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, आमाशय फूलने को कम करने और आमाशय से अलावा गैस को बाहर निकालने के लिए किया जा सकता है। यह आमतौर पर औषधियों में गैर-अल्सर ( ulcer ) बदहजमी और बच्चों और स्मॉल शिशुओं में आमाशय फूलने के लक्षणों को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

इरिटेबल ( irritable ) बाउल सिंड्रोम ( syndrome ) (IBS): IBS सिंड्रोम ( syndrome ) को नियंत्रित करने के लिए अनेक जड़ी-बूटियों का सजेशन ( suggestion ) दिया जाता है, लेकिन के साथ सौंफ का तेल श्रेणी में सबसे आगे पेपरमिंट पाउडर इस प्रॉब्लम ( problem ) को हल करने के लिए है। स्पेशल रूप से, सौंफ के तेल के प्रमुख यौगिक को एनेथोल के रूप में जाना जाता है। एनेथोल प्रयाप्त अद्भुत है, यहां तक ​​कि एक संभावित कर्कट ( cancer ) सेनानी के रूप में भी काम कर रहा है। यह "एनएफ-कप्पाबी के रूप में जाना जाने वाला कर्कट ( cancer ) से जुड़े जीन-परिवर्तनकारी स्वेलिंग-ट्रिगर अणु" की सक्रियता को रोककर ऐसा करता है। आप आहार ( food ) के बाद 20 ड्रॉप्स को ओरल ( oral ) रूप से लेने के अतिरिक्त, शीघ्र आराम के लिए वाहक तेल के साथ मिलकर सौंफ के तेल की दो ड्रॉप्स को अपने आमाशय पर पाखाना सकते हैं।

भार प्रबंधन: सौंफ के बीज का तेल चयापचय बढ़ाने और भूख को कम करने वाले दोनों के रूप में भार घटाने में पॉजिटिव योगदान निभा सकता है। बढ़ा हुआ चयापचय उत्पत्ति ज्यादा एनर्जी जलता है और चिकनाई नुक्सान में तेजी ला सकता है। चिकनाई में अभाव के रिलेशन में सौंफ का अलावा फायदा है कि यह रक्तप्रवाह में चिकनाई जमा को एनर्जी के रूप में इस्तेमाल करने के लिए "ब्रेक अप" करने में सहायता करता है। बॉडी ( body ) में पहले से जमा एनर्जी स्रोतों का इस्तेमाल करने से आहार ( food ) की लालसा कम हो सकती है। जर्मनी में थुरिंगेन स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर में किए गए एक स्टडी में पाया गया कि सौंफ के बीज के तेल के अनुपूरक भोजन लेने वालों ने कम खाना खाया। सौंफ में मेलाटोनिन भी होता है। 2011 में, ग्रेनाडा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने एक स्टडी किया जिसमें मेलाटोनिन दिखाया गया था, जो एक नेचुरल हॉर्मोन है जो नीरोग निद्रा पैटर्न को नियंत्रित करता है, भार प्रबंधन को नियंत्रित करने में भी सहायता करता है।

बच्चे शूल का इलाज: आमाशय का पीड़ा एक कष्टदायक आमाशय की मरोड़ है जो आमतौर पर बच्चों में देखी जाती है। आमाशय में गैस बनने का एक प्रधान कारण आमाशय में गैस बनना है। सौंफ आमाशय के पीड़ा के लिए एक बढ़िया इलाज के रूप में काम करती है क्योंकि इसमें आमाशय फूलना कम करने वाले गुण होते हैं। कॉलिक रोने वाले बच्चे को सौंफ का तेल 2-3 बूंद जल के साथ दिया जा सकता है। यह परामर्श दी जाती है कि इस जल को कम मात्रा ( quantity ) में 150 मिली/डोज़ से ज्यादा न दें, करीब-करीब एक हफ्ते तक दिन में तीन बार। उपरोक्त शोध के लिए बाहरी लिंक एनसीबीआई यूएसए: https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed /12868253।

ब्लड प्रेशर:  सौंफ का तेल पोटेशियम ( potassium ) का एक बहुत समृद्ध साधन है, जो हमारे बॉडी ( body ) में एक अनिवार्य पुष्टिकारक मूल तत्व है और अनेक जरूरी प्रक्रियाओं के लिए जरूरी है। पोटेशियम ( potassium ) की विशेषताओं में से एक वासोडिलेटर के रूप में इसकी क्वालिटी है, जिसका मतलब है कि यह ब्लड वाहिकाओं के तनाव को कम करता है, जिससे ब्लड प्रेशर कम होता है। हाई ब्लड प्रेशर हृदय का दौरा, स्ट्रोक, और एथेरोस्क्लेरोसिस के साथ सेहत प्रॉब्लम्स की एक व्यापक समूह से जुड़ा हुआ है। इसके अतिरिक्त, डायबिटीज के पेशेन्ट्स ( patient ) के लिए, ब्लड प्रेशर की प्रॉब्लम ( problem ) उनके इंसुलिन ( insulin ) और ग्लूकोज ( glucose ) के स्तर का प्रबंधन बहुत जटिल बना सकती है और अनेक संभावित घातक समस्याओं का कारण हो सकती है। अपने डेली भोजन में एक कप सौंफ का बल्ब आपको पोटेशियम ( potassium ) और इसके साथ आने वाले सब के सब फायदों से भर देगा।

ब्रेन फंक्शन ( function ):  सौंफ के तेल में हाई स्तर में पाया जाने वाला पोटेशियम ( potassium ) एक इलेक्ट्रोलाइट है, जिसका मतलब है कि यह पूरे बॉडी ( body ) में विद्युत चालन को बढ़ाता है। इसमें ब्रेन के भीतर कनेक्शन शामिल हैं, जो विद्युत धाराओं का एक वास्तविक स्विचबोर्ड है। पोटेशियम ( potassium ) इस गुण के साधन से ब्रेन के काम और संज्ञानात्मक क्षमताओं को बढ़ाने में सहायता कर सकता है। इसके अतिरिक्त, सौंफ एक वासोडिलेटर है, जिसका मतलब है कि ज्यादा ऑक्सीजन ( oxygen ) ब्रेन तक पहुंचती है और नर्व चाल-चलन इष्टतम कार्ययोग्यता पर काम कर सकती है।

अतिसार: सौंफ का तेल डायरिया को ठीक करने में मददगार होता है यदि यह बैक्टीरिया इनफ़ेक्शन के कारण होता है क्योंकि सौंफ में अनिवार्य तेल के कुछ अवयवों जैसे एनाटोल और सिनेओल में कीटाणुनाशक और जीवाणुरोधी गुण होते हैं। कुछ अमीनो एसिड, जैसे हिस्टामाइन, हाज़मा और हाज़मा तंत्र के समुचित काम में मदद कर सकते हैं, जिससे बदहजमी के कारण होने वाले डायरिया को समाप्त करने में सहायता मिलती है। सौंफ का इस्तेमाल लंबे अवधि ( समय ) से स्वदेशी संस्कृतियों द्वारा डायरिया को समाप्त करने के तरीके के रूप में किया जाता रहा है।

शूल: पॉलीमेरिक और वजनी अणु वृक्क शूल के ट्रीटमेंट ( treatment ) में सहायक होते हैं। ऐसे पॉलिमर, जिन्हें फाइटोएस्ट्रोजेन भी कहा जाता है, एनाटोल में पाए जाते हैं, जो सौंफ में अनिवार्य तेल का एक घटक है। सौंफ का यह गुण इसे गुर्दे के पीड़ा के उपचार में प्रयाप्त मददगार बनाता है। सौंफ में कुछ एंटीस्पास्मोडिक गुण होते हैं जो चिकनी मांसपेशियों ( muscles ) को आराम देने और स्थिति से जुड़ी कठिनाई को कम करने में भी सहायता करते हैं।

माहवार धर्म रिलेटिव डिसऑर्डर और कष्टार्तव: सौंफ का तेल भी एक इमेनगॉग है, जिसका मतलब है कि यह बॉडी ( body ) में हार्मोनल ( hormonal ) क्रिया को ठीक से नियंत्रित करके माहवार धर्म को सरल और नियंत्रित करता है। इसके अतिरिक्त, पीएमएस के प्रभाव ( effect ) को कम करने के लिए अनेक प्रोडक्ट्स में सौंफ का इस्तेमाल किया जाता है, और यह पारंपरिक रूप से रजोनिवृत्त स्त्रियों के लिए सुखदायक पीड़ा निरोधक और आराम एजेंट के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। प्राथमिक कष्टार्तव के लिए सौंफ का तेल एक सुरक्षित और प्रभावशाली हर्बल औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। कष्टार्तव, जिसे कष्टदायक अवधियों या माहवार धर्म में मरोड़ के रूप में भी जाना जाता है, माहवार धर्म के दौरान होने वाला पीड़ा है। इसकी साधारण प्रारंभ उस अवधि ( समय ) होती है जब माहवार धर्म शुरू होता है। लक्षण ( symptom ) आमतौर पर तीन दिनों से कम अवधि ( समय ) तक चलते हैं। पीड़ा आमतौर पर श्रोणि या निम्न आमाशय में होता है। और लक्षणों में पीठ ( back ) पीड़ा, डायरिया, या उल्टी शामिल हो सकते हैं। इन कष्टदायक लक्षणों से दुःखित लड़कियों या स्त्रियों को इन 3-4 दिनों के दौरान आहार ( food ) के बाद सौंफ के तेल की 15-20 ड्रॉप्स और हर माह अलावा 10-15 दिन या पूरे माह तक लेना चाहिए, क्योंकि इससे हाज़मा में इम्प्रूवमेंट होता है। सहायता करता है।

ब्रेस्ट वृद्धि: सौंफ में उपस्थित फ्लेवोनोइड्स एस्ट्रोजन की मात्रा ( quantity ) को बढ़ाते हैं जिससे उत्तेजक और टॉनिक के रूप में काम किया जाता है। सौंफ के बीज स्तनों के आकृति को बढ़ाने में सहायता करते हैं क्योंकि वे ब्रेस्ट में नई कोशिकाओं और टिशू के गठन को बढ़ाते हैं। माहवार धर्म का पीड़ा: बहुत सारे शोध बताते हैं कि सौंफ का तेल रोजाना एक बार लेने और माहवार धर्म के दौरान रोजाना 4 बार लेने से माहवार धर्म में प्रयाप्त आराम मिलती है। कष्टार्तव नामक दर्द ( pain ) नेत्रों की देखरेख: सौंफ के तेल का इस्तेमाल करने से नेत्रों को स्वेलिंग से बचाने में सहायता मिलती है, साथ ही अवधि ( समय ) से पहले बूढ़ा होने और धब्बेदार अध: पतन से रिलेटेड विकृतियों को कम करने में सहायता मिलती है। यह एंटीऑक्सिडेंट (विटामिन ( vitamin )-सी और अमीनो एसिड जैसे आर्जिनिन जो टिशू के कायाकल्प और आयु बढ़ने की बचाव के लिए बहुत लाभदायक हैं), डिटॉक्सिफायर और उत्तेजक की हाई प्रचुरता के कारण है। वे स्पेशल रूप से सौंफ़ के तेल, साथ ही कोबाल्ट और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स में ज्यादा होते हैं।

रेचक कोष्ठबद्धता ( constipation ) को ठीक करने में सहायता करता है: सौंफ का तेल एक बढ़िया रेचक है और क्रोनिक और तेज़ कोष्ठबद्धता ( constipation ) दोनों में फायदा देता है। यद्यपि, सिंथेटिक जुलाब के विपरीत, इसका कोई दुष्प्रभाव ( side effect ) नहीं है और इसे नित्य रूप से उपयोग किया जा सकता है। सौंफ का तेल आंत्र को पूरी तरह से साफ करता है और आपकी कोष्ठबद्धता ( constipation ) की प्रॉब्लम ( problem ) को ठीक करने में सहायता करता है।

श्वसन ( respiration ) रिलेटिव डिसऑर्डर: सौंफ का तेल श्वसन ( respiration ) रिलेटिव विकृतियों जैसे कि भीड़भाड़, ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ ) और कफ में सहायक होता है, जो कि सिनेओल और एनाटोल की मौजूदगी के कारण होता है, जो प्रकृति में एक्सपेक्टोरेंट होते हैं, उनके अनेक और गुणों के बीच।

और फायदा: सौंफ का तेल मूत्रवर्धक, पेशाब बढ़ाने वाला होता है, जिसका मतलब है कि यह मूत्र की मात्रा ( quantity ) और पुनरावृत्ति को बढ़ाता है, जिससे बॉडी ( body ) से विषाक्त पदार्थों को निकालने में सहायता मिलती है और आमवात और स्वेलिंग में सहायता मिलती है। सौंफ का तेल स्तनपान ( breastfeeding ) कराने वाली माताओं में मिल्क के उत्पत्ति और डिस्चार्ज को भी बढ़ाता है और चूंकि इस मिल्क में सौंफ के कुछ गुण होते हैं, इसलिए यह बच्चे के लिए भी आमाशय फूलने की औषधि है। यह बालों ( hair ) को ताकतवर करता है, बालों ( hair ) के झड़ने को रोकता है, बॉडी ( body ) को आराम देता है, याददाश्त तेज करता है और गर्मियों में एक अद्भुत शीतलन प्रभाव ( effect ) डालता है। यह प्राप्त किया जा सकता है यदि पीला, हरा-पीला जल, जिसमें यह सौंफ भिगोया जाता है, में थोड़ी सी शुगर और काला लवण डाला जाता है।

Oilcure सौंफ के बीज का तेल (सौंफ) का इस्तेमाल करते अवधि ( समय ) सूचना

आहार ( food ) के बाद 10- 20 बूँदें।

Oilcure सौंफ के बीज का तेल (सौंफ) की सतर्कता

  • इस्तेमाल करने से पहले लेबल को ध्यान से अध्ययन करें
  • शिशुओं की पहुंच से दूर रखें
  • ठण्डे एवं सूखी जगह पर भंडारित करें
  • सीधी रोशनी से बचाना चाहिए