Organic India Trikatu Capsule (60caps)

  • Home
  • ऑर्गेनिक इंडिया त्रिकटु कैप्सूल (60 कैप्स)
shape1
shape2
shape3
Organic India Trikatu Capsule (60caps)

बदहजमी/अम्ल/गैस

कारण

  • खा
  • चिंता ( anxiety )
  • लगातार व्रत
  • मसालों से भरा आहार ( food ) का ज्यादा सेवन
  • पीड़ा निरोधक एंटीबायोटिक्स ( antibiotics ) अम्लता ( खट्टापन ) का कारण बन सकते हैं

लक्षण

  • ऊपरी आमाशय में आकुलता ( बेचैनी )
  • आमाशय पीड़ा और परिपूर्णता की मनोवृत्ति
  • उल्टी
  • मतली के एपिसोड
  • स्वेलिंग की अनुभूति

Nameऑर्गेनिक इंडिया त्रिकटु कैप्सूल (60 कैप्स)
Brandऑर्गनिक भारत
MRP₹ 205
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), औषधियां
Sizes60कैप्स
Prescription RequiredNo
Length4 सेंटिमीटर
Width4 सेंटिमीटर
Height9 सेंटिमीटर
Weight100 ग्राम
Diseasesबदहजमी/अम्ल/गैस

त्रिकटु कैप्सूल के बारे में

त्रिकटु कैप्सूल तीन इंडियन मसालों का एक साधारण मिश्रण ( mixture ) है। त्रिकटु कैप्सूल पाउडर के रूप में है। इसका विस्तृत रूप से आयुर्वेदिक उपचारों और इंडियन घरों में इस्तेमाल किया जाता है। त्रिकटु कैप्सूल मेडिसिनल जड़ी बूटियों और भोजन जड़ी बूटियों दोनों के अंतर्गत आता है। चूर्ण एक संस्कृत शब्द ( word ) है जिसका मतलब होता है चूर्ण।

त्रिकटु कैप्सूल की मटेरियल (रचना)

  • काली मिर्च (काली मिर्च) - मुरलीवाला नाइग्रुम
  • Long Pepper (PIPPALI) – Piper Longum
  • सूखे जिंजर ( ginger ) (SONDH) - जिंजीबर ऑफिसिनेल

त्रिकटु कैप्सूल के मेडिसिनल गुण

  • बायो-एन्हांसर (और औषधियों की जैव उपलब्धता को बढ़ाता है)
  • कीमो-सुरक्षात्मक
  • एंटी वाइरल
  • expectorant
  • कामिनटिव
  • क्षुधावर्धक और हाज़मा उत्तेजक
  • hypo-ग्लाइसेमिक
  • चिकनाई दाहक
  • माइल्ड एनोडीन
  • हाइपोलिपिडेमिक
  • वमनरोधी
  • सूजनरोधी

त्रिकटु कैप्सूल के इलाज इशारा

त्रिकटु कैप्सूल निम्नलिखित सेहत परिस्थितियों में मददगार है।

आम

  • भार घटाने (मोटापा)
  • बॉडी ( body ) में भारीपन की अनुभूति के साथ बॉडी ( body ) में पीड़ा होता है

हृदय और रक्त

  • हाई कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) का स्तर
  • atherosclerosis
  • हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया के कारण हाई ब्लड प्रेशर

फेफड़े ( lungs ) और वायुपथ

  • साधारण जुखाम (नाक बहने की तेज़ अवस्था)
  • पतली श्वेत कफ, बलगम वाली कफ
  • दमा (कफ, बलगम के कारण चेस्ट में जमाव)

हाज़मा सेहत

  • श्लेष्म या चिपचिपा पाखाना के साथ कोष्ठबद्धता ( constipation )
  • भूख में अभाव
  • खट्टी ( sour ) डकार ( belching )
  • गैस या आमाशय फूलना
  • स्वेलिंग
  • उदर विस्तार
  • चिड़चिड़ा आंत सिंड्रोम ( syndrome ) (आईबीएस)

मांसपेशियों ( muscles ), अस्थियों और जॉइंट्स

  • गाउट

त्रिकटु कैप्सूल के फायदा और इस्तेमाल

त्रिकटु कैप्सूल आमाशय पर प्राथमिक प्रभाव ( effect ) डालता है और पाचक जूस को बढ़ाता है, जो हाज़मा को उत्तेजित ( excited ) करने में सहायता करता है। यह लीवर ( liver ) पर भी प्रभाव ( effect ) डालता है और पित्त लवण के उत्पत्ति को बढ़ाता है। यह पित्ताशय से पित्त के डिस्चार्ज को उत्तेजित ( excited ) करता है। यह पेनक्रियाज के कार्यों को भी उत्तेजित ( excited ) करता है। इसलिए, यह समस्त हाज़मा तंत्र को प्रभावित करता है।

पुष्टिकारक तत्वों और औषधियों की जैव उपलब्धता बढ़ाएँ

त्रिकटु में PIPERINE होता है, जो एक बेहतरीन बायो-एन्हांसर फाइटोकेमिकल है। यह आयुर्वेदिक के साथ-साथ आधुनिक औषधियों के साथ पुष्टिकारक तत्वों और और औषधियों की जैव उपलब्धता को प्रोत्साहन देता है। यद्यपि, त्रिकटु कैप्सूल का और औषधियों के साथ सहक्रियात्मक प्रभाव ( effect ) नहीं हो सकता है, लेकिन ब्लड फ्लो में औषधियों के समावेश को बढ़ाता है। यह उन औषधियों के लिए मददगार है, जो ब्लड फ्लो में बुरा अवशोषित होती हैं। करीब-करीब सब के सब आयुर्वेदिक औषधियों में तीन प्रमुख वजहों से त्रिकटु पाउडर होता है।

  • औषधियों का जैव-संवर्धन
  • हाज़मा अग्नि को ठीक करना
  • एएमए को कम करना (बिना पचे हुए आहार ( food ) के कारण डिवेलप टॉक्सिन्स) बनना

इसलिए, सब के सब तरह के आयुर्वेदिक उपचारों में त्रिकटु कैप्सूल एक अनिवार्य घटक है। त्रिकटु खनिज-आधारित औषधियों की क्रिया और कार्यों को भी सुधारता है और प्रबल करता है।

मोटापा (भार घटाने)

यद्यपि, त्रिकटु कैप्सूल भूख को कम करने वाला नहीं है। अनेक जगहों पर त्रिकटु को भूख कम करने वाला बताया गया है, जो औषधीय और सैद्धांतिक रूप से गलत बयान है। लेकिन यह मोटापे के मूल कारण पर काम करके बॉडी ( body ) के भार को कम करता है।

आयुर्वेद ( ayurveda ) के अनुरूप ( accordingly ), सात प्रमुख ऊतक (DHATUS) हैं और चिकनाईदार ऊतक (MEDA) उनमें से एक है। हर एक धातु और धातु के गठन में जरूरी योगदान निभाती है। ब्लड (ब्लड) चिकनाई के संचय में एक योगदान निभाता है। खाना खाने के बाद रक्त में फैटी ( fatty ) एसिड की मात्रा ( quantity ) बढ़ जाती है। पेनक्रियाज से जारी इंसुलिन ( insulin ) चिकनाई कोशिकाओं, लीवर ( liver ) कोशिकाओं और मांसपेशियों ( muscles ) की कोशिकाओं के साथ बॉडी ( body ) की भिन्न-भिन्न कोशिकाओं में फैटी ( fatty ) एसिड के तेज को उत्तेजित ( excited ) करता है।

आयुर्वेद ( ayurveda ) में, इस प्रोसेस को भूतगनी की क्रिया के अंतर्गत किया जाता है, जो चयापचय परिवर्तन में सहायता करता है। इसके बाद, चयापचय प्रोसेस के दो प्रमुख भाग होंगे। एक है चिकनाई का इस्तेमाल और दूसरा बॉडी ( body ) में चिकनाई का जमा होना।

बॉडी ( body ) में भारीपन की अनुभूति के साथ बॉडी ( body ) में पीड़ा होता है

अनेक लोगों ने बॉडी ( body ) में भारीपन की अनुभूति के साथ बॉडी ( body ) में पीड़ा की कष्ट की है, जो आमतौर पर सर्दियों में आम है। त्रिकटु चूर्ण बॉडी ( body ) में गरमी बढ़ाता है और बॉडी ( body ) के पीड़ा, भारीपन, थकान, आकुलता ( बेचैनी ) आदि को कम करता है।

हाई कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) का स्तर

त्रिकटु कैप्सूल एक बढ़िया कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) कम करने वाला इलाज है। त्रिकटु लीवर ( liver ) में कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) से पित्त अम्ल के संश्लेषण ( synthesis ) को बढ़ाता है। तथापि, यह आधुनिक औषधियों की तरह कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) के उत्पत्ति को अवरुद्ध नहीं कर सकता है, लेकिन यह बॉडी ( body ) में कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) के सही इस्तेमाल में सहायता करता है और इस तरह ब्लड में अलावा कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) के स्तर को कम करता है।

साधारण जुखाम (नाक बहने की तेज़ अवस्था)

त्रिकटु कैप्सूल में एंटीवायरल गुण होते हैं। आम शीत में बहती नाक और छींक ( sneeze ) को कम करने के लिए इसे मधु ( honey ) के साथ लिया जाता है। नाक बहना, कंजेशन, छींक ( sneeze ) आना और बॉडी ( body ) में पीड़ा प्रमुख लक्षण ( symptom ) होने पर यह प्रभावशाली होता है। यद्यपि, अगर गला लाल, दाह और स्वेलिंग है या कंठनली में दाह के कारण सूखी कफ है, तो ऐसी स्थिति में त्रिकटु उचित नहीं है। हमारे अनुभव के अनुरूप ( accordingly ) शीत के पहले 2 दिनों में त्रिकटु बढ़िया रहता है। उसके बाद कुछ और जड़ी-बूटियों के साथ तुलसी ( tulsi ) (Tulsi, Basil) का सेवन ज्यादा लाभकारी होता है.

दमा (कफ, बलगम के कारण चेस्ट में जमाव)

त्रिकटु कैप्सूल में उपस्थित तीनों जड़ी-बूटियों में ब्रोन्कोडायलेटरी क्रिया होती है। यह कफ, बलगम और चेस्ट में जमाव के उत्पत्ति को भी कम करता है।

चिड़चिड़ा आंत सिंड्रोम ( syndrome ) (आईबीएस)

आधुनिक विज्ञान अभी तक चिड़चिड़ा आंत सिंड्रोम ( syndrome ) या IBS का उचित कारण नहीं जानता है। आयुर्वेदिक विज्ञान का मानना ​​है कि यह हाज़मा अग्नि की खराबी के कारण होता है, जो विस्तृत रूप से सब के सब हाज़मा अंगों को प्रभावित करता है। इस स्थिति में, कुछ ट्रिगर आंतों की मांसपेशियों ( muscles ) के संकुचन का कारण बनते हैं, जिससे आमाशय फूलना, गैस, मरोड़, स्वेलिंग या डायरिया होता है।

गाउट

गाउट में रोगियों को दो तरह के पीड़ा का अनुभव होता है। कुछ को प्रभावित जॉइंट्स पर सॉफ्टनेस, लाली और गरमी के साथ पीड़ा होता है। ऐसे में त्रिकटु काम नहीं करेगा।

त्रिकटु कैप्सूल आमवात में काम करता है जब मरीज को थकान, थकान, आलस्य, संगठित हार्डनेस, बॉडी ( body ) में भारीपन की मनोवृत्ति के साथ पीड़ा होता है

प्रेग्नेंसी ( pregnency ) में उल्टी, मतली और भूख में अभाव

त्रिकटु कैप्सूल प्रेग्नेंसी ( pregnency ) के लक्षणों के लिए एक बढ़िया उपाय है जब तक कि आपको दाह या एसिड बदहजमी न हो। यह भूख बढ़ाता है, प्रेग्नेंसी ( pregnency ) में उल्टी की मनोवृत्ति को कम करता है 125 मिलीग्राम ( mg ) से 250 मिलीग्राम ( mg ) दिन में दो बार डोज़ के साथ। ऐसे स्थितियों में मधु ( honey ) सबसे बढ़िया मददगार होता है।

त्रिकटु कैप्सूल की डोज़

1 कैप्सूल दिन में दो बार या डॉक्टर के निर्देशानुसार लें।

त्रिकटु कैप्सूल की एहतियात

तथापि, त्रिकटु कैप्सूल में जड़ी-बूटियाँ और मसाले होते हैं, जिनका इस्तेमाल हम अपने डेली रसोई घर में करते हैं, लेकिन ज्यादा सेवन से कुछ अनवांटेड प्रभाव ( effect ) हो सकते हैं। प्रति दिन 1 ग्राम से कम की डोज़ में, इसका इस्तेमाल करना सुरक्षित है।

त्रिकटु कैप्सूल के साइड इफेक्ट

त्रिकटु का सबसे आम दुष्प्रभाव ( side effect ) नाराज़गी और अम्लता ( खट्टापन ) है। ज्यादा डोज़ के कारण निम्नलिखित दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं।

  • जलता हुआ स्वाद ( taste )
  • आमाशय में दाह
  • कंठनली में दाह महसूस होना
  • बॉडी ( body ) में गरमी का अहसास
  • मुँह के अल्सर (विरला ( rare ))
  • पसीना ( sweat ) आना (विरला ( rare ))
  • नेत्रों में लालिमा या नेत्रों में दाह (बहुत विरला ( rare ))

प्रेग्नेंसी ( pregnency ) और स्तनपान ( breastfeeding )

  • त्रिकटु चूर्ण प्रेग्नेंसी के साथ-साथ ब्रेस्टफीडिंग में भी लाभदायक होता है। यह प्रेग्नेंसी ( pregnency ) में प्रति दिन 500 मिलीग्राम ( mg ) और स्तनपान ( breastfeeding ) में प्रति दिन 1000 मिलीग्राम ( mg ) की डोज़ में सुरक्षित है।
  • बड़ी डोज़ UNSAFE हो सकती है। इसलिए, ज़्यादा से ज़्यादा डोज़ प्रेग्नेंसी ( pregnency ) में प्रति दिन 500 मिलीग्राम ( mg ) और स्तनपान ( breastfeeding ) में 1000 मिलीग्राम ( mg ) से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। प्रेग्नेंसी ( pregnency ) में बड़ी डोज़ गर्भपात, स्पॉटिंग या ब्लीडिंग को ट्रिगर कर सकती है।

Trikatu कैप्सूल के विपरीत इशारा

  • एसिड बदहजमी
  • आमाशय में दाह
  • बॉडी ( body ) के किसी भी हिस्से में जैसे कंठनली, आमाशय, पांव या हाथ ( arm ) में दाह महसूस होना
  • खट्टी ( sour ) मतली के साथ मतली
  • लाल आंखें
  • एक लक्षण ( symptom ) के रूप में दाह के साथ स्किन बीमारी
  • सूखे और सख्त पाखाना के साथ कोष्ठबद्धता ( constipation ) या पाखाना में रक्त आना
  • ब्लीडिंग डिसऑर्डर
  • हाई ख़तरा वाले प्रेग्नेंसी
  • संभावित गर्भपात

ऑर्गेनिक इंडिया क्यों?

ऑर्गेनिक इंडिया बिना किसी साइड-इफेक्ट के ऑर्गेनिक-प्रमाणित हर्बल फॉर्मूलेशन की एक समूह को मार्किट में लाने में अग्रणी है। ये 100% शाकाहारी हैं और आपकी फिटनेस और समस्त सेहत को प्रोत्साहन देते हैं। सफ़ाई से निर्मित कैप्सूल, अश्वगंधा, ब्राह्मी, अमलकी, तुलसी ( tulsi ), मोरिंगा, त्रिफला और हल्दी जैसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों से ज्यादा होते हैं जो रहन-सहन से जुड़ी रोगों को दूर रखते हैं। कांच की बोतलों में पैक की गई नो-केमिकल रेंज, आपको साफ़ स्किन देने, तनाव-प्रतिक्रिया, इम्युनिटी, दिमाग़ी फिटनेस, एनर्जी, अच्छी निद्रा, अच्छी याददाश्त और सतर्कता का गठन करने के लिए ऑपरेटेड है।