बदहजमी/अम्ल/गैस
कारण
- खा
- चिंता ( anxiety )
- लगातार व्रत
- मसालों से भरा आहार ( food ) का ज्यादा सेवन
- पीड़ा निरोधक एंटीबायोटिक्स ( antibiotics ) अम्लता ( खट्टापन ) का कारण बन सकते हैं
लक्षण
- ऊपरी आमाशय में आकुलता ( बेचैनी )
- आमाशय पीड़ा और परिपूर्णता की मनोवृत्ति
- उल्टी
- मतली के एपिसोड
- स्वेलिंग की अनुभूति
Name | रेक्स लिवोरेक्स सिरप (100ml) |
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Brand | रेक्स |
MRP | ₹ 65 |
Category | यूनानी ट्रीटमेंट ( treatment ), औषधियां |
Sizes | 100 मिलीलीटर ( ml ), 200 |
Prescription Required | No |
Length | 0 सेंटिमीटर |
Width | 0 सेंटिमीटर |
Height | 0 सेंटिमीटर |
Weight | 0 ग्राम |
Diseases | बदहजमी/अम्ल/गैस |
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रेक्स लिवोरेक्स सिरप (Rex Livorex सिरप) के बारे में
रेक्स लिवोरेक्स सिरप एक यूनानी हर्बल औषधियों का सम्मिश्रण है। लिवोरेक्स सब के सब तरह के विषाक्त पदार्थों से जिगर ( liver ) की बचाव करता है और लीवर ( liver ) को होने वाले हानि से बचाता है। यह जिगर ( liver ) की कार्यप्रणाली में इम्प्रूवमेंट करता है और उन्नति को प्रोत्साहन देता है, भूख, हाज़मा और आहार ( food ) को आत्मसात करने में इम्प्रूवमेंट करता है।
रेक्स लिवोरेक्स सिरप के इशारा
- हेपेटाइटिस में लाभदायक
- जिगर ( liver ) प्रायश्चित और और लीवर ( liver ) बीमारी
- एनोरेक्सिया
- स्वेलिंग को तेजी से दूर करता है
- हाज़मा में इम्प्रूवमेंट
- यकृत ( liver ) उत्सव में इम्प्रूवमेंट
रेक्स लिवोरेक्स सिरप की मटेरियल
- अजवायन देसी (ट्रेचिस्पर्मम अम्मी): ट्रेचीस्पर्मम अम्मी जिसे आमतौर पर 'अजवाईन' के नाम से जाना जाता है, पूरे भारत में वितरित किया जाता है और इसकी खेती अधिकतर गुजरात और राजस्थान में की जाती है। पौधे का इस्तेमाल पारंपरिक रूप से उत्तेजक, वायुनाशक, आमाशय फूलना, एटोनिक बदहजमी, डायरिया, आमाशय के ट्यूमर, आमाशय में पीड़ा, पाईल्स ( बवासीर ) और ब्रोन्कियल प्रॉब्लम्स, भूख की अभाव, गैलेक्टोगॉग, दमा और एमेनोरिया के रूप में किया जाता है। मेडिसिनल रूप से, यह भिन्न-भिन्न मेडिसिनल गतिविधियों जैसे एंटीफंगल ( antifungal ), एंटीऑक्सिडेंट, रोगाणुरोधी, एंटीनोसाइसेप्टिव, साइटोटोक्सिक चाल-चलन, हाइपोलिपिडेमिक, एंटीहाइपरटेन्सिव, एंटीस्पास्मोडिक, ब्रोन्को-डिलेटिंग एक्शन, एंटीलिथियासिस, मूत्रवर्धक, पेशाब बढ़ाने वाला, गर्भपात, एंटीट्यूसिव, नेमाटिकाइडल, एंथेलमिंटिक और एंटीफिलेरियल चाल-चलन के अधिकारी साबित हुए हैं। इसके अतिरिक्त, अध्ययनों से भिन्न-भिन्न फाइटोकेमिकल अवयवों की मौजूदगी का पता चलता है, प्रमुख रूप से कार्बोहाइड्रेट, ग्लाइकोसाइड, सैपोनिन, फेनोलिक यौगिक, वाष्पशील तेल (थाइमोल, γ-टेरपीन, पैरा-साइमीन, और α-और β-पिनीन), प्रोटीन, चिकनाई, फाइबर और खनिज पदार्थ। कैल्शियम ( calcium ), फॉस्फोरस, आयरन और निकोटिनिक एसिड युक्त। इन अध्ययनों से पता चलता है कि टी. अम्मी मेडिसिनल रूप से एक्टिव यौगिकों का एक साधन है और इसके भिन्न-भिन्न मेडिसिनल प्रभाव ( effect ) हैं; इसलिए, यह औषधि अपने नए इलाज उपयोगों को तलाशने के लिए प्रोत्साहित करती है। Trachyspermum Ammi के मेडिसिनल उपयोग
- अनारदाना (पुनिका ग्रेनाटम): अनार का इस्तेमाल हजारों बरसों से भिन्न-भिन्न संस्कृतियों और सभ्यताओं में अनेक तरह की रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है। इसमें महान आहार-पोषण कीमत और अनेक सेहत फायदा हैं। अनार कर्कट ( cancer ), जीर्ण ऑस्टियोआर्थराइटिस ( osteoarthritis ) और और रोगों के उपचार के रूप में। अनार का इस्तेमाल नेचुरल और समस्त ट्रीटमेंट ( treatment ) में कंठनली में खराश, कफ, पेशाब इनफ़ेक्शन, हाज़मा डिसऑर्डर, स्किन डिसऑर्डर, आमवात और टैपवार्म को बाहर निकालने के लिए किया जाता है। यद्यपि, आधुनिक शोध बताते हैं कि अनार प्रोस्टेट कर्कट ( cancer ), स्किन कर्कट ( cancer ), जीर्ण ऑस्टियोआर्थराइटिस ( osteoarthritis ) और डायबिटीज जैसी संजीदा परिस्थितियों के उपचार में सहायक हो सकता है। अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि अनार के बीज चिकनाई के हाज़मा तंत्र से मुक्ति पाने में सहायता कर सकते हैं। निदानकारी शोध से पता चलता है कि अनार, जब एक नीरोग भोजन का भाग होता है, तो यह हार्ट बीमारी, हृदय के दौरे और स्ट्रोक को रोकने में सहायता कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अनार में ब्लड को पतला करने, हार्ट में ब्लड के फ्लो को बढ़ाने, ब्लड प्रेशर को कम करने, धमनियों में पट्टिका को कम करने और बढ़िया कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) को बढ़ाते हुए बुरा कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) को कम करने की योग्यता होती है। बीज के काढ़े का इस्तेमाल उपदंश के उपचार के लिए किया जाता है। जूस जॉन्डिस और डायरिया के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। फूल के जूस का इस्तेमाल नाक से रक्त बहने के उपचार के लिए किया जाता है। फलों का गूदा और बीज आमाशय के लिए लाभदायक होते हैं। सूखे, चूर्णित फूलों की कलियों का इस्तेमाल ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ ) के लिए एक इलाज के रूप में किया जाता है।
- Afsanteen Roomi (Artemsia absinthium): वर्मवुड एक जड़ी बूटी है। जमीन के ऊपर पौधे के हिस्से और तेल का इस्तेमाल औषधि के लिए किया जाता है। वर्मवुड का इस्तेमाल भिन्न-भिन्न हाज़मा प्रॉब्लम्स जैसे कि भूख न लगना, आमाशय बुरा होना, पित्ताशय की रोग और आंतों में मरोड़ के लिए किया जाता है। वर्मवुड का इस्तेमाल ज्वर, लीवर ( liver ) बीमारी, डिप्रेशन, मांसपेशियों ( muscles ) में पीड़ा, स्मरणशक्ति नुक्सान और कृमि इनफ़ेक्शन के उपचार के लिए भी किया जाता है; लैंगिक ( genital ) चाह बढ़ाने के लिए; एक टॉनिक के रूप में; और पसीने को उत्तेजित ( excited ) करने के लिए। वर्मवुड का इस्तेमाल क्रोहन बीमारी और एक गुर्दे डिसऑर्डर के लिए किया जाता है जिसे आईजीए नेफ्रोपैथी कहा जाता है। वर्मवुड तेल का इस्तेमाल हाज़मा विकृतियों के लिए, लैंगिक ( genital ) चाह को बढ़ाने और कल्पना को उत्तेजित ( excited ) करने के लिए भी किया जाता है।
- बड़ियां (फोनीकुलम वल्गारे) : सौंफ पीले फूलों वाली एक बारहमासी, सुखद गंध वाली जड़ी-बूटी है। यह भूमध्य सागर का मूल निवासी है, लेकिन अब यह पूरी दुनिया में पाया जाता है। सूखे सौंफ के बीज बार बार सौंफ के स्वाद ( taste ) वाले मसाले के रूप में खाना पकाने में इस्तेमाल किए जाते हैं। लेकिन सौंफ को सौंफ के साथ कन्फ्यूज्ड न करें; यद्यपि वे समान दिखते और स्वाद ( taste ) लेते हैं, वे समान नहीं हैं। सौंफ के सूखे पके बीज और तेल का इस्तेमाल औषधि बनाने के लिए किया जाता है। सौंफ का इस्तेमाल भिन्न-भिन्न हाज़मा प्रॉब्लम्स के लिए किया जाता है जिसमें नाराज़गी , , आंतों की गैस, स्वेलिंग , भूख न लगना और आमाशय पीड़ा शामिल बच्चों में का है। इसका इस्तेमाल ऊपरी श्वसन ( respiration ) पथ के इनफ़ेक्शन, लिए भी किया जाता कफ , ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ ) , हैजा , पीठ ( back ) पीड़ा, बिस्तर ( bed ) गीला करना और दृष्टि प्रॉब्लम्स के है।
- Bekh Kasni (Cichorium intybus)
- Bekh Badiyan (Foeniculum vulgare)
- बरंजसिफ (अकिलिया मिलिफोलियम)
- गुल-ए-गफिस (जेंटियाना ओलिविएरी)
- गुल-ए-निलोफर (निम्फिया अल्बा)
- गुल-ए-सुर्ख (रोजा दमिश्क)
- हीरा कसीस (हरा विट्रियल)
- इज़खर माकी (Andrpogon jwarncusa)
- जयफल (मिरिस्टिका फ्रेग्रेन्स)
- Mako Khushk (Solanum nigrum)
- नगर मोथा (साइप्रस रोटंडस)
- नरकाचूर
- पारसियाओशन (एडियंटम वेनुस्टम)
- करनफुल (सिजीजियम एरोमैटिकम)
- रेवंड शुगर (रयूम इमोजी)
- तुखम-ए-कास्नी (चिचरियम इनलीबस)
- तुखम-ए-खयरैन (कुकुमिस सैटिवस)
- तुखम-ए-कराफ्स (एपियम ग्रेवोलेंस)
- नौशादर (अमोनियम लवण)
- Qand Safaid (Sugar)
- सोडियम बेंजोएट (संरक्षक)
रेक्स लिवोरेक्स सिरप की डोज़
- 10 मिलीलीटर ( ml ) प्रातः-संध्या सेवन करें।
रेक्स लिवोरेक्स सिरप (Rex Livorex सिरप) की सतर्कता
- सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।
- शिशुओं की पहुंच से दूर रखें।
- स्व-औषधि की सिफारिश नहीं की जाती है।
- सूखी और ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।
- हर इस्तेमाल के बाद औषधि की टोपी को कसकर बंद कर दें।
- औषधि को मूल पैकेज और पात्र ( container ) में रखें