Name | उंझा प्लेटो 300 (60 टैब) |
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Brand | उंझा |
MRP | ₹ 192 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), औषधियां |
Sizes | 60tab |
Prescription Required | No |
Length | 4 सेंटिमीटर |
Width | 4 सेंटिमीटर |
Height | 7.5 सेंटिमीटर |
Weight | 56 ग्राम |
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उंझा प्लेटो 300 . के बारे में
बरसात के ऋतु में जलजमाव की प्रॉब्लम ( problem ) आम हो जाती है। इस जल में बार बार भिन्न-भिन्न प्रजातियों के मच्छरों का होना स्वैच्छिक है। एडीज मच्छर ऐसे रुके हुए जल में भी पनपते हैं जो डेंगू वायरस के वाहक होते हैं। उनकी लार के साथ डेंगू का वायरस ह्यूमन ( human ) ब्लड फ्लो में प्रवेश कर जाता है।
डेंगू के वायरस "प्लेटलेट्स" के रूप में जानी जाने वाली ब्लड में पाई जाने वाली स्पेसिफिक कोशिकाओं की कोशिका ( cell ) मेम्ब्रेन को हानि पहुंचाते हैं। इसके बाद प्लेटलेट्स टूटने लगते हैं। नतीजतन, ब्लड में प्लेटलेट्स की गिनती कम होने लगती है। प्लेटलेट्स का काम रक्त की मोटाई और उसके थक्के को बनाए रखना होता है। प्लेटलेट्स कम होने पर रक्त पतला हो जाता है, जिससे रोगी की जान को जोखिम हो सकता है। इसलिए डेंगू को इतनी जोखिमभरा रोग माना जाता है।
प्लेटो 300 के मेडिसिनल गुण:
प्लेटो 300 प्लेटलेट्स के लिए मददगार दवा है। यह पपीते के पत्ते, गिलोय और तुलसी ( tulsi ) के मानकीकृत अर्क से तैयार किया गया है। आधुनिक अध्ययनों में यह सिद्ध हो चुका है कि एक्टिव मूल तत्व
पपीते के पत्तों में पाए जाने वाले "फ्लेवोनोइड्स" प्लेटलेट्स की कोशिका ( cell ) मेम्ब्रेन को टूटने से बचाते हैं। चूंकि टूटने की प्रोसेस स्लो होती है और हड्डी मज्जा में स्वैच्छिक रूप से प्लेटलेट्स बनते हैं, इसलिए ब्लड में प्लेटलेट्स की गिनती में जल्द ही वृद्धि होती है।
गिलोय और तुलसी ( tulsi ) संक्रामक बिमारियों से बचाते हैं और बॉडी ( body ) की बीमारी प्रतिरोधक योग्यता को बढ़ाते हैं। प्लेटो 300 का इस्तेमाल न केवल बीमारी ट्रीटमेंट ( treatment ) के लिए बल्कि प्रोफिलैक्सिस के लिए भी किया जा सकता है।
इसके सेवन का सबसे बढ़िया अवधि ( समय ) जुलाई से दिसंबर तक है। जिन लोगों की बीमारी प्रतिरोधक योग्यता दुर्बल होती है और वे बार-बार अस्वस्थ पड़ते हैं, उन्हें रोजाना प्लेटो 300 का सेवन जरूर करना चाहिए। इस औषधि को लेने से पहले, विशेषकर (शिशुओं में) चिकित्सक की परामर्श जरूर लें।
प्लेटो 300 की विशेषताएं:
इसे पपीते के पत्ते, गिलोय के तने और तुलसी ( tulsi ) के मानकीकृत अर्क से बनाया जाता है। पपीते के पत्ते के अर्क को 2.00% फ्लेवोनोइड्स तक मानकीकृत किया गया है, गिलोय के अर्क को 5.00% कड़वा तक मानकीकृत किया गया है।
औषधियों के मानक अर्क का इस्तेमाल करते हुए, हर एक बैच समान मानक क्वालिटी वाले उत्पाद ( product ) का उत्पत्ति करता है और नतीजा भी सबसे बढ़िया होते हैं।
डोज़:
1 से 2 टैबलेट ( tablet ) दिन में दो बार जल के साथ या डॉक्टर के निर्देशानुसार।