Unjha Sitopaladi Churna (100g)

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Unjha Sitopaladi Churna (100g)

एलर्जी ( allergy ) रिनिथिस

कारण

  • वसंत और पतझड़ के ऋतु में मौसमी एलर्जी ( allergy )
  • पराग की तरह बाहरी एलर्जेंस
  • दमा या एटोपिक एक्जिमा या दाद होने से आपका ख़तरा बढ़ जाता है
  • सिगरेट के धुएं के केमिकल
  • शीतल टेंपेरेचर ( temperature ) आर्द्र वायु
  • प्रदूषण और ताकतवर इत्र स्मेल

लक्षण

  • छींक ( sneeze ) आना
  • बहती नाक
  • बंद नाक
  • बेचैन नाक
  • कंठनली में खराश या खरोंच वाली खाँसी ( cough )
  • नेत्रों के नीचे काले घेरे के साथ खारिश वाली जल वाली आंखें
  • बार-बार सरदर्द
  • बहुत थकान

फ्लू ( flu ) और ज्वर

कारण

  • विषाणु इनफ़ेक्शन
  • बैक्टीरिया इनफ़ेक्शन
  • यकायक ठंडी सूखा हवाओं के कांटेक्ट में आना
  • कम इम्युनिटी

लक्षण

  • बॉडी ( body ) में पीड़ा और शीत लगना
  • बहुत थकान/निर्बलता
  • भूख में अभाव
  • घुमेरी ( dizziness ) आना
  • मांसपेशियों ( muscles ) और जॉइंट्स का पीड़ा
  • कफ, बलगम के साथ कफ
  • कंठनली में खरास
  • सरदर्द

कफ

कारण

  • विषाणुजनित इनफ़ेक्शन
  • प्रदूषकों के कांटेक्ट और एलर्जी ( allergy ) की रिएक्शन
  • फेफड़ों के जीर्ण बीमारी
  • दाह या कंठनली में इनफ़ेक्शन
  • शीत और फ्लू ( flu )
  • एलर्जिक राइनाइटिस और साइनोसाइटिस
  • हृदय से रिलेटेड वेंट्रिकल या वाल्व की समस्या

लक्षण

  • कफ, बलगम के साथ खाँसी ( cough ) या सूखी खाँसी ( cough )
  • खांसते अवधि ( समय ) छाती में पीड़ा
  • दाह के साथ कंठनली का लाल होना
  • सांस लेने में कष्ट
  • निरन्तर गला साफ करना
  • खांसने के कारण आमाशय में पीड़ा

ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ )

कारण

  • स्मोकिंग
  • वायु प्रदूषकों की ब्रीथिंग लेना (धूल या जहरीली गैसें)
  • फेफड़ों का इनफ़ेक्शन
  • कम इम्युनिटी
  • ताकतवर एसिड के लिए व्यावसायिक ख़तरा

लक्षण

  • कफ, बलगम के साथ कफ
  • साँसों की अभाव
  • हल्का ज्वर और शीत लगना
  • हल्का सरदर्द या बॉडी ( body ) में पीड़ा
  • उत्पादक कफ जो महीनों ( कई माह ) तक रहती है
  • थकान और छाती में कष्ट

Nameउंझा सितोपलादि चूर्ण (100 ग्राम)
Brandउंझा
MRP₹ 195
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), चूर्ण, अवलेहा और पाकी
Sizes50 ग्राम, 100 ग्राम
Prescription RequiredNo
Length5.5 सेंटिमीटर
Width5.5 सेंटिमीटर
Height10.5 सेंटिमीटर
Weight124 ग्राम
Diseasesएलर्जी ( allergy ) रिनिथिस, फ्लू ( flu ) और ज्वर, कफ, ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ )

सितोपलादि चूर्ण के बारे में

सितोपलादि चूर्ण एक शास्त्रीय आयुर्वेदिक दवा है जो श्वसन ( respiration ) पद्धति, हाज़मा तंत्र और इम्युनिटी पद्धति से रिलेटेड भिन्न-भिन्न बिमारियों में लाभकारी है। आमतौर पर, इसका इस्तेमाल श्वसन ( respiration ) बिमारियों में लाभकारी अनेक उपचारों के लिए बुनियाद के रूप में किया जाता है। सितोपलादि चूर्ण का प्रमुख काम श्वसन ( respiration ), हाज़मा, इम्युनिटी और बॉडी ( body ) की अनेक और प्रणालियों के नेचुरल कार्यों की बहाली है। सांस की कष्ट में प्रमुख क्रिया प्रकट होती है। यह क्रोनिक रोगों के बाद कफ, जीर्ण ज्वर और कमजोरी के प्रबंधन में अकेले काम कर सकता है।

सितोपलादि चूर्ण की मटेरियल

  • मिश्री (शुगर के क्रिस्टलीकृत गांठ)
  • वंशलोचन
  • Piper Longum – Long Pepper (Pippali)
  • एलेटेरिया इलायची - हरी इलायची (इलाइची)
  • सिनामोमम ज़ेलानिकम - दालचीनी - दालचिनी

सितोपलादि चूर्ण के मेडिसिनल गुण

  • कासरोधक
  • इम्यूनोमॉड्यूलेटरी
  • सूजनरोधी
  • रोगाणुरोधी - जीवाणुरोधी
  • adaptogenic
  • एंटासिड
  • एंटीअल्सरोजेनिक
  • क्षुधावर्धक और हाज़मा उत्तेजक
  • एंटीऑक्सिडेंट
  • हल्का एंटीवायरल
  • ब्रांकोडायलेटर
  • कामिनटिव
  • शांतिदायक
  • डिटॉक्सिफायर
  • ज्वरनाशक
  • टॉनिक

सितोपलादि चूर्ण के इलाज इशारा

  • कफ
  • यक्ष्मा
  • पुराने ( chronic ) ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ )
  • सूखा बीमारी
  • कमजोरी
  • विलंबित मील के पत्थर
  • दैहिक शक्ति की अभाव
  • आमाशय की गैस
  • जीर्ण जठरशोथ
  • ग्रहणी फोड़ा
  • आमाशय में दाह
  • पेप्टिक छाला
  • मुँह में अल्सर ( ulcer )
  • नासूर के साथ बड़ी आंत्र में स्वेलिंग
  • भूख में अभाव
  • व्रण

सितोपलादि चूर्ण के फायदा और मेडिसिनल इस्तेमाल

सितोपलादि चूर्ण के व्यापक फायदा और मेडिसिनल इस्तेमाल नीचे दिए गए हैं:

कफ

सितोपलादि चूर्ण की मटेरियल में एंटीट्यूसिव और एंटी-इंफ्लेमेटरी ( inflammatory ) गुण होते हैं। अनेक स्थितियों में, यह बिना किसी अलावा इलाज के अकेले बढ़िया काम करता है। यह प्रेग्नेंसी ( pregnency ) के दौरान कफ में भी लाभदायक है। यद्यपि, कफ के अनेक कारण हो सकते हैं, लेकिन आयुर्वेद ( ayurveda ) इसे प्रमुख पांच श्रेणियों में खंडित करता है।

  • वातज कसा:
  • PITTAJA KASA
  • KAPHAJAKASA
  • क्षतजा कसा:
  • कश्यजा कसा:

कंठनली में खराश

गंधक केमिकल, यशद भस्म और प्रवल पिष्टी के साथ सितोपलादि चूर्ण कंठनली की खराश में लाभकारी होता है।

  • Sitopaladi Churna
  • Gandhak Rasayana
  • Praval Pishti
  • यशद भस्म:
  • मधु

टॉन्सिल्लितिस

टॉन्सिल या सूजे हुए टॉन्सिल की स्वेलिंग में सितोपलादि चूर्ण की परामर्श दी जाती है। निम्नलिखित सम्मिश्रण कंठनली में खराश, स्वेलिंग, स्वेलिंग, गर्दन ( neck ) के नरम लिम्फ नोड्स और गटकने ( निगलने ) में मुसीबत जैसे लक्षणों को कम करता है।

दमा

सितोपलादि चूर्ण दमा के लिए एक शक्तिशाली औषधि नहीं है, लेकिन स्वेलिंग, वायुपथ की स्वेलिंग और श्लेष्मा के उत्पत्ति को कम करने में इसकी योगदान है। यह दमा के प्रबंधन में निम्नलिखित संयोजनों में अच्छी तरह से काम करता है।

यक्ष्मा

सितोपलादि चूर्ण का तपेदिक माइकोबैक्टीरियम पर बैक्टीरियोस्टेटिक प्रभाव ( effect ) होता है। इसलिए, सितोपलादि चूर्ण टीबी के प्रबंधन में मददगार योगदान निभाता है, विशेषकर जब लक्षण ( symptom ) शुरू में दिखाई देते हैं। यह स्वर्ण भस्म और वसंत मालती जूस की तुलना ( comparison ) में तपेदिक के उन्नत पड़ावों में बहुत लाभदायक नहीं हो सकता है, लेकिन यह शक्तिशाली एंटीट्यूबरकुलर औषधियों के साथ इस्तेमाल किए जाने पर निम्नलिखित लक्षणों में रोगसूचक आराम प्रोवाइड कर सकता है।

  • कफ (विशेषकर सूखी कफ)
  • ब्लडी खाँसी ( cough )
  • थकान
  • भूख में अभाव
  • रात्रि को पसीना ( sweat )
  • कम श्रेणी ज्वर
  • आकुलता ( बेचैनी )
  • कमजोरी या कमजोरी

जीर्ण ज्वर

जसद भस्म और प्रवल पिष्टी के साथ सितोपलादि चूर्ण जीर्ण ज्वर में सहायक है। प्रवाल पिष्टी के साथ दिए जाने पर इसका हल्का ज्वरनाशक प्रभाव ( effect ) होता है, लेकिन सितोपलादि चूर्ण की प्रमुख योगदान उन विषाक्त पदार्थों को पचाना है जो ज्वर का कारण बनते हैं और बॉडी ( body ) को उन्हें समाप्त करने में सहायता करते हैं। निम्न श्रेणी के ज्वर वाले अनेक मरीज थकान, आकुलता ( बेचैनी ), नुक्सान से दुःखित होते हैं। भूख और दुर्बलता। ऐसे स्थितियों में सितोपलादि चूर्ण पसंद की औषधि है। निम्नलिखित सम्मिश्रण जीर्ण ज्वर और निम्न श्रेणी के ज्वर में मददगार है।

आंत्र ज्वर ( typhoid ) ज्वर के बाद कमजोरी

जीर्ण ज्वर में वर्णित सम्मिश्रण भी कमजोरी में पसंद की एक औषधि है जो आंत्र ज्वर ( typhoid ) ज्वर के बाद होती है। यह बॉडी ( body ) को शक्ति प्रोवाइड करता है, अवशिष्ट विषाक्त पदार्थों को समाप्त करता है और बॉडी ( body ) में चयापचय में इम्प्रूवमेंट करता है।

कम इम्युनिटी और बारम्बार होनेवाला इनफ़ेक्शन

सितोपलादि चूर्ण में शक्तिशाली इम्यूनोमॉड्यूलेटरी मूल तत्व होते हैं, जो गैर-स्पेसिफिक इम्युनिटी को बढ़ाते हैं। इसलिए, बार-बार होने वाले ऊपरी श्वसन ( respiration ) पथ के इनफ़ेक्शन वाले शिशुओं को इसका फायदा मिल सकता है।

सितोपलादि चूर्ण की डोज़ और प्रशासन

  • बच्चे-100 से 250 मिलीग्राम ( mg )
  • बच्चे-500 से 1000 मिलीग्राम ( mg )
  • वयस्क-2 से 4 ग्राम
  • प्रेग्नेंसी ( pregnency )-1 से 3 ग्राम
  • जराचिकित्सा (वृद्धावस्था)-1 से 3 ग्राम
  • ज़्यादा से ज़्यादा मुमकिन डोज़ (प्रति दिन या 24 घंटे में) -12 ग्राम (खंडित डोज़ में)

सुरक्षा प्रोफ़ाइल

ऊपर वर्णित डोज़ में बहुसंख्यक लोगों में सितोपलादि चूर्ण सुरक्षित रूप से सुरक्षित है।

दुष्प्रभाव ( side effect )

सितोपलादि चूर्ण के इस्तेमाल से कोई दुष्प्रभाव ( side effect ) नहीं देखा गया है। यह आमतौर पर सबसे सुरक्षित आयुर्वेदिक औषधियों में से एक है।

प्रेग्नेंसी ( pregnency ) और स्तनपान ( breastfeeding )

सितोपलादि चूर्ण भी है LIKELY सुरक्षित प्रेग्नेंट स्त्रियों और स्तनपान ( breastfeeding ) कराने वाली माताओं के लिए जब आयुर्वेदिक डॉक्टर की निगरानी में इस्तेमाल किया जाता है।