सोरायसिस और रूखी स्किन
कारण
- फैमिली के हिस्ट्री
- वायरल ( viral ) / बैक्टीरियल ( bacterial ) इनफ़ेक्शन
- तनाव
- मोटापा
- दबा बीमारी प्रतिरोधक योग्यता
- चिंता ( anxiety ) रिलेटिव डिसऑर्डर
लक्षण
- स्किन के लाल धब्बे
- खारिश
- स्किन में दाह या पीड़ा होना
- जॉइंट्स का पीड़ा
- अस्थियों में अकड़न
- किनारों से स्किन का कसाव
साइटिका
कारण
- कटिस्नायुशूल नर्व का संपीड़न
- काठ का स्पोंडिलोसिस नर्व दबाव ( चाप ) का कारण बनता है
- अंदरूनी ब्लीडिंग जो स्थानीय दबाव ( चाप ) का कारण बनता है
- स्लिप डिस्क के कारण दबाव ( चाप )
- पोस्ट ऑपरेटिव शिकायतें
लक्षण
- निचली कटि ( कमर ) का पीड़ा
- टांगों में सुन्नपन और सनसनाहट
- बछड़े की मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता के साथ टाँगों में पीड़ा
- पांव और पांव की अंगुली की मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता
- प्रभावित पांव में निरन्तर पीड़ा
- चलते अवधि ( समय ) पीड़ा
एडी का पीड़ा
कारण
- ज्यादा भार के कारण एड़ी पर दबाव ( चाप ) पड़ता है
- बुरा फिटिंग या घिसे-पिटे जूते पहनना
- एड़ी में चोट
- कैल्केनियम स्पर
- काम करने की स्थिति जहां लंबे अवधि ( समय ) तक खड़े रहने की जरूरत होती है
लक्षण
- एड़ी में तेज पीड़ा
- एड़ी की स्वेलिंग के साथ चलने और खड़े होने में मुसीबत
- एड़ी का सुन्न होना
- एड़ी की हार्डनेस
- ऊँची एड़ी के जूते उठाने में मुसीबत
पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) का पीड़ा
कारण
- पीठ ( back ) या घुटने ( knee ) में चोट
- आमवात
- संगठित चोटें
- रजोनिवृत्ति
- शिराओं का संपीड़न
- व्यवसाय उन्मुख: निरन्तर खड़े रहना या बैठना
लक्षण
- बैठने/काम करने/चलने के दौरान पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) में तेज पीड़ा
- स्थिति बदलने में मुसीबत
- पीठ ( back ) में भारीपन
- टांगों में सुन्नपन
- सोने की गलत पोजीशन
आमवात और आमवात
कारण
- पुष्टिकारक तत्वों की अभाव (कैल्शियम। विटामिन ( vitamin ) डी)
- रजोनिवृत्ति
- आयु बढ़ने
- ज्यादा भार
- आमवात का पारिवारिक हिस्ट्री
लक्षण
- जॉइंट्स के पीड़ा के साथ थकान
- जॉइंट्स की लालिमा और स्वेलिंग
- जॉइंट्स का अकड़ना
- कठिन चलना
- मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता
Name | Vyas Dashang Lep (50g) |
---|---|
Brand | व्यास |
MRP | ₹ 95 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), औषधियां |
Sizes | 50 ग्राम |
Prescription Required | No |
Length | 5.5 सेंटिमीटर |
Width | 5.5 सेंटिमीटर |
Height | 8 सेंटिमीटर |
Weight | 73 ग्राम |
Diseases | सोरायसिस और रूखी स्किन, साइटिका, एडी का पीड़ा, पीठ ( back ) और घुटने ( knee ) का पीड़ा, आमवात और आमवात |
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About Vyas Dashang Lep
दशांग लेप पॉलीहर्बल आयुर्वेदिक तैयारी है। यह दवा बाहरी इस्तेमाल के लिए है और स्किन और आमवात के बिमारियों में संकेतित है। दशांग लेप दस मेडिसिनल जड़ी बूटियों से तैयार किया जाता है। इस सूत्रीकरण की व्यापक संरचना नीचे दी गई है। यह सूत्रीकरण आम तौर पर सुरक्षित है और स्किन रिलेटिव अभिव्यक्तियाँ अत्यंत विरला ( rare ) हैं। लेप का मतलब है एक पेस्ट के रूप में औषधि जिसे बॉडी ( body ) के प्रभावित क्षेत्रों पर बाहरी रूप से लगाने की जरूरत होती है। मेडिसिनल जड़ी बूटियों को बारीक चूर्ण बनाने के लिए चूर्ण किया जाता है। इस पाउडर को हर एक तैयारी में संकेतित किसी द्रव या और साधन के साथ मिला हुआ किया जाता है और एक नरम पेस्ट बनाया जाता है। जल, गोमूत्र, तेल और घी कुछ ऐसे साधन हैं जिनका इस्तेमाल मिश्रण ( mixture ) के लिए किया जाता है।
Uses of Vyas Dashang Lep
- स्किन इनफ़ेक्शन
- आमवात
- हरपीज
- कफ और ज्वर
Ingredients of Vyas Dashang Lep
- शिरीशा - अल्बिजिया लेबेबेक
- यश्ती - लीकोरिस - ग्लाइसीर्रिज़ा ग्लबरा
- नाटा - इंडियन वेलेरियन (जड़) - वेलेरियाना वालिचो
- चंदना - चंदन - संतालम एल्बम
- इला - इलाइची - एलेटेरिया इलाइची
- जटामांसी - नारदोस्तचिस जटामांसी
- Haridra – Turmeric rhizome – Curcuma longa
- दारु हरिद्रा - वृक्ष हल्दी (तना) - बरबेरिस अरिस्टाटा
- कुश्ता - सौसुरिया लप्पा
- ह्रीवेरा - पैवोनिया गंधक
व्यास दशंग लेप की विशिष्टता
- ब्रांड ( company )- व्यासो
- उत्पाद ( product ) का नाम- दशांग लेप
- आदर्श - पुरुष ( male ) और स्त्री दोनों
Benefits of Vyas Dashang Lep
- दशंगा लेप में एनाल्जेसिक, एन्टी भड़काऊ और आमवात एन्टी गतिविधियां हैं।
- इसे रूमेटोइड आमवात के प्रबंधन के लिए बाहरी रूप से लागू किया जा सकता है।
- यह विसर्प (फंगल इन्फेक्शन), विष विस्फोटा (जहर के कारण स्किन का फटना), हाइपरपिग्मेंटेशन, ज़ख्म और दुष्य व्रण (गैर-ट्रीटमेंट ( treatment ) ज़ख्म) जैसी परिस्थितियों के ट्रीटमेंट ( treatment ) में सर्वोच्च रूप से लगाया जाता है।
- कफ और ज्वर में इस मिश्रण ( mixture ) से चेस्ट पर और उसके आस-पास मालिश की जाती है।
Vyas Dashang lep uses :
- इस औषधि का उपयोग औषधीय निगरानी में सख्ती से किया जाना चाहिए।
- शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
- इसे किसी सूखी जगह पर संग्रहित करें।