Name | Vyas Kutki Churna (50g) |
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Brand | व्यास |
MRP | ₹ 170 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), चूर्ण, अवलेहा और पाकी |
Sizes | 50 ग्राम, 100 ग्राम |
Prescription Required | No |
Length | 7 सेंटिमीटर |
Width | 7 सेंटिमीटर |
Height | 7.5 सेंटिमीटर |
Weight | 76 ग्राम |
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Kutki Churna . के बारे में
कुटकी चूर्ण जिगर ( liver ) को हेपेटाइटिस सी वायरस से होने वाले हानि से बचाता है। यह हार्ट की बचाव भी करता है, इम्युनिटी और हाज़मा में इम्प्रूवमेंट करता है। कुटकी एक बहुत ही कड़वी जड़ है जिसमें अद्भुत एंटी-इंफ्लेमेटरी ( inflammatory ) और एंटीबैक्टीरियल ( antibacterial ) गुण होते हैं। यह हिमालय की ठंडी जलवायु में बढ़ता है और जाहिर तौर पर अपने आस-पास के वातावरण से इस 'शीतलन' संपत्ति में से कुछ को अवशोषित करता है। कुटकी का शाब्दिक मतलब है 'तीखा' जो अजीब है क्योंकि यह बहुत कड़वा स्वाद ( taste ) वाली जड़ी बूटी है।
कुटकी चूर्ण की मटेरियल
100% शुद्ध ( pure ) कुटकी पाउडर (पिक्रोराइजा कुरोआ)
कुटकी चूर्ण के फायदा
हार्मोनल ( hormonal ) इम्बैलेंस ( असंतुलन )
अनेक हार्मोनल ( hormonal ) इम्बैलेंस ( असंतुलन ) ठीक हो जाते हैं, क्योंकि जिगर ( liver ) हॉर्मोन को प्रोसेस कर रहा होता है। जिगर ( liver ) के काम में इम्प्रूवमेंट से हार्मोनल ( hormonal ) इम्बैलेंस ( असंतुलन ) के कारण होने वाले अनेक अंतर्निहित विकृतियों में इम्प्रूवमेंट होता है। मिसाल के लिए - हाइपोथायरायडिज्म, डायबिटीज, स्त्री हार्मोनल ( hormonal ) इम्बैलेंस ( असंतुलन ), पुरुष ( male ) हार्मोनल ( hormonal ) इम्बैलेंस ( असंतुलन ) (आक्रामकता, ढीला स्वभाव, बॉडी ( body ) में गरमी, यूरिक एसिड, यूरिया, क्रिएटिनिन, बॉडी ( body ) में खारिश, सब के सब कटुकी के इस्तेमाल से लाभान्वित होते हैं)
बेली फैट का हानि
चूंकि कटुकी जिगर ( liver ) से चर्बी रिमूव में सहायता करता है, इसलिए धीरे-धीरे कटुकी के नित्य सेवन से जिगर ( liver ) से आमाशय की चर्बी भी दूर होती है।
फैटी ( fatty ) जिगर ( liver )
फैटी ( fatty ) जिगर ( liver ) से अनेक तरह की सेहत समस्याएं होती हैं। यह डायबिटीज का कारण भी बन सकता है क्योंकि सुस्त चिकनाई चयापचय से कोशिकाओं के आस-पास चिकनाई का संचय होता है, जिससे इंसुलिन ( insulin ) प्रतिक्रिया होता है।
मोटापा
चिकनाई का सही चयापचय और उनका हाज़मा - कटुकी और उनके प्रधान घटक के रूप में कटुकी युक्त प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल से मोटापा ठीक होता है।
बृहदान्त्र सफाई/कोष्ठबद्धता ( constipation )
कटुकी के सेवन से कोष्ठबद्धता ( constipation ) फ़ौरन ठीक हो जाती है। यह जड़ी बूटी गैर-लत ( habit ) बनाने वाली है और सेना और और रेचक जो लत ( habit ) बनाने वाले हैं, से प्रयाप्त अच्छा है। कटुकी को रेचक से ज्यादा रेचक बनाने के लिए त्रिफला चूर्ण (वारा चूर्ण) के साथ मिलाया जा सकता है। या लीवर ( liver ) प्लिहंतक चूर्ण का सेवन 1 चम्मच ( spoon ) के रूप में दिन में दो बार, आहार ( food ) के बाद उष्ण जल के साथ, सादे कटुकी की तुलना ( comparison ) में अच्छा रेचक के रूप में किया जा सकता है।
सोरायसिस
आयुर्वेद ( ayurveda ) के अनुरूप ( accordingly ), इस कठिन डिसऑर्डर को जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करके ठीक किया जा सकता है जो ब्लड को साफ करने वाली, आमाशय की सफाई करने वाली और जिगर ( liver ) पर अच्छी सफाई करने वाली होती हैं। बहुत ज्यादा अग्नि मूल तत्व इम्बैलेंस ( असंतुलन ) स्किन विकृतियों (आयुर्वेद ( ayurveda ) के अनुरूप ( accordingly )) का मूल कारण है। कटुकी दुनिया की सबसे अच्छी "पित्त विरेचन" जड़ी बूटी है। यानी यह बॉडी ( body ) से बहुत पित्त को साफ करता है यानी बॉडी ( body ) से बहुत गरमी को दूर करता है। यह खारिश को नियंत्रित करने में सहायता करता है, स्किन में दाह को कम करता है, पट्टिका / तराजू को साफ करता है और सोरायसिस के पेशेन्ट्स ( patient ) में नीरोग स्किन को बनाए रखने में सहायता करता है।
हेपेटाइटिस और जिगर ( liver ) की विफलता ( failure )
कटुकी जिगर ( liver ) सिरोसिस, एलिवेटेड जिगर ( liver ) एंजाइम, जिगर ( liver ) फेलियर, फैटी ( fatty ) जिगर ( liver ) और ऊपर बताई गई और रोगों के लिए सबसे बढ़िया काम करता है।
कुटकी चूर्ण की डोज़
1/2 से 1 ग्राम दिन में दो या तीन बार।
खाली आमाशय हल्के गर्म जल के साथ लेना चाहिए।
कुटकी चूर्ण के साइड इफेक्ट
कुटकी चूर्ण के कोई ज्ञात दुष्प्रभाव ( side effect ) नहीं हैं।
ज्यादा डोज़ से बचना चाहिए।