Zandu Praval Pishti (5g)

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Zandu Praval Pishti (5g)

फ्लू ( flu ) और ज्वर

कारण

  • विषाणु इनफ़ेक्शन
  • बैक्टीरिया इनफ़ेक्शन
  • यकायक ठंडी सूखा हवाओं के कांटेक्ट में आना
  • कम इम्युनिटी

लक्षण

  • बॉडी ( body ) में पीड़ा और शीत लगना
  • बहुत थकान/निर्बलता
  • भूख में अभाव
  • घुमेरी ( dizziness ) आना
  • मांसपेशियों ( muscles ) और जॉइंट्स का पीड़ा
  • कफ, बलगम के साथ कफ
  • कंठनली में खरास
  • सरदर्द

कफ

कारण

  • विषाणुजनित इनफ़ेक्शन
  • प्रदूषकों के कांटेक्ट और एलर्जी ( allergy ) की रिएक्शन
  • फेफड़ों के जीर्ण बीमारी
  • दाह या कंठनली में इनफ़ेक्शन
  • शीत और फ्लू ( flu )
  • एलर्जिक राइनाइटिस और साइनोसाइटिस
  • हृदय से रिलेटेड वेंट्रिकल या वाल्व की समस्या

लक्षण

  • कफ, बलगम के साथ खाँसी ( cough ) या सूखी खाँसी ( cough )
  • खांसते अवधि ( समय ) छाती में पीड़ा
  • दाह के साथ कंठनली का लाल होना
  • सांस लेने में कष्ट
  • निरन्तर गला साफ करना
  • खांसने के कारण आमाशय में पीड़ा

NameZandu Praval Pishti (5g)
Other NamesMukta Pishti
Brandझंडु
MRP₹ 205
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), Bhasm & Pishti
Sizes5जी
Prescription RequiredNo
Length2.5 सेंटिमीटर
Width2.5 सेंटिमीटर
Height6 सेंटिमीटर
Weight10 ग्राम
Diseasesफ्लू ( flu ) और ज्वर, कफ

झंडू प्रवाल पिष्टी के बारे में

प्रवाल पिष्टी एक आयुर्वेदिक दवा है, जो प्रवाल पिष्टी (कोरल कैल्शियम ( calcium )) से तैयार की जाती है, ब्लीडिंग विकृतियों, कैल्शियम ( calcium ) की अभाव, अनुत्पादक कफ, साधारण कमजोरी, दाह के साथ सरदर्द, एसिडिटी ( acidity ), गैस्ट्राइटिस, अल्सर ( ulcer ), अल्सरेटिव कोलाइटिस, हेपेटाइटिस या जॉन्डिस के लिए लाभदायक है। खट्टी ( sour ) मतली, कंजक्टिवाइटिस (आँखें लाल होना) और मूत्र में दाह होना। यह औषधि केवल औषधीय निगरानी में ही लेनी चाहिए।

आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट ( treatment ) में इसके इलाज फायदों और मेडिसिनल महत्व के लिए मूंगा कैल्शियम ( calcium ) का विस्तृत रूप से इस्तेमाल किया जाता है। प्रवाल हिंदी और आयुर्वेद ( ayurveda ) में मूंगा को दिया गया नाम है। यद्यपि, आयुर्वेद ( ayurveda ) में कोरल कैल्शियम ( calcium ) पाउडर का सीधे तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाता है। मूंगा कैल्शियम ( calcium ) पाउडर को खाने योग्य गुलाब जल के साथ संसाधित किया जाता है और माइक्रो-फाइन पाउडर बनाने के लिए इसे पीस लिया जाता है। मूंगा कैल्शियम ( calcium ) पाउडर को गुलाब जल से संसाधित किया जाता है जिसे प्रवाल पिष्टी के रूप में जाना जाता है।

झंडू प्रवाल पिष्टी की मटेरियल

  • जूस - मीठा
  • आंवला-खट्टा
  • कषाय-कसैला
  • गुना - पचने में हल्का
  • स्निग्धा-अस्थिर ( unstable )
  • ऑयली विपाक - मीठा
  • वीर्य कूलेंट

Therapeutic Indications of Zandu Praval Pishti

प्रवाल पिष्टी (कोरल कैल्शियम ( calcium )) निम्नलिखित सेहत परिस्थितियों में मददगार है।

  • ज्वर
  • साधारण कमजोरी
  • कैल्शियम ( calcium ) की अभाव
  • डिप्रेशन
  • आकुलता ( बेचैनी ) और चिंता ( anxiety ) के साथ चिंता ( anxiety )
  • हृदय की घबराहट या बेचैनी
  • tachycardia
  • अनुत्पादक कफ
  • दमा के साथ कफ, बलगम कफ में मुसीबत
  • आमाशय की गैस
  • व्रण
  • नासूर के साथ बड़ी आंत्र में स्वेलिंग
  • गुदा में दरार
  • ब्लीडिंग पाइल्स
  • कैल्शियम ( calcium ) सप्लीमेंट
  • जीर्ण ऑस्टियोआर्थराइटिस ( osteoarthritis )
  • ऑस्टियोपोरोसिस ( osteoporosis )
  • कम हड्डी खनिज घनत्व
  • बालों ( hair ) का अवधि ( समय ) से पहले श्वेत होना
  • बाल झड़ना
  • स्किन में दाह या गरमी का अहसास
  • धूप में निकलने के बाद स्किन में चुभन महसूस होना
  • धूप की कालिमा
  • रजोनिवृत्ति के बाद ऑस्टियोपोरोसिस ( osteoporosis ) की बचाव
  • बहुत गर्भाशय ब्लीडिंग
  • वजनी माहवार धर्म ब्लीडिंग
  • कष्टदायक अवधि (स्पेशल रूप से झिल्लीदार कष्टार्तव)
  • ब्रेस्ट मृदुता
  • ओलिगोस्पर्मिया (यदि आदमी भी अम्लता ( खट्टापन ) और गरमी की अनुभूति से दुःखित है, वरना यह काम नहीं करेगा।

झंडू प्रवाल पिष्टी के सेहत फायदा

प्रवाल पिष्टी या मूंगा कैल्शियम ( calcium ) उन बिमारियों में सहायक होता है जिनमें लोगों को बॉडी ( body ) के किसी भी हिस्से में या पूरे बॉडी ( body ) में गरमी या दाह का अनुभव होता है। यह बॉडी ( body ) में गरमी को कम करता है और ज्वर में बॉडी ( body ) के ऊंचे टेंपेरेचर ( temperature ) को कम करता है। ज्वर में यह उसी तरह काम करता है जैसे एसिटामिनोफेन काम करता है। यह ब्रेन में टेंपेरेचर ( temperature ) केंद्र पर काम करके और बॉडी ( body ) में ठंडक पैदा करके ज्वर को कम करता है। इसकी अंदरूनी प्रकृति ठंडी होती है, यानी इसे खाने के बाद यह बॉडी ( body ) में ठंडक लाती है। इसका खाना पकाने के प्रभाव ( effect ) इसके सेवन के 2 से 3 घंटे बाद अनुभव किए जा सकते हैं।

उपरोक्त इलाज इशारा शीर्षक में वर्णित सेहत परिस्थितियों के अनुरूप ( accordingly ), यह इन सब के सब बिमारियों और लक्षणों में लाभकारी है। यह ज्वर, ब्लीडिंग, खाँसी ( cough ) को कम करता है और हड्डी खनिज घनत्व, दैहिक शक्ति को बढ़ाता है और मन को शांत करता है। आइए अब आयुर्वेद ( ayurveda ) के अनुरूप ( accordingly ) प्रवाल पिष्टी के प्रमुख मेडिसिनल उपयोगों पर चर्चा करें।

ज्वर

आयुर्वेद ( ayurveda ) में, प्रवल पिष्टी केवल शक्तिशाली ज्वरनाशक दवा है। गोदंती भस्म की तुलना ( comparison ) में बॉडी ( body ) के टेंपेरेचर ( temperature ) को कम करने में इसके अच्छा नतीजा हैं। इलाज डोज़ में इसके सेवन के करीब-करीब एक घंटे बाद इसका प्रभाव ( effect ) दिखाई देता है।

एसिटामिनोफेन लेने वाले लोग बॉडी ( body ) के टेंपेरेचर ( temperature ) को कम कर सकते हैं, लेकिन वे अभी भी निर्बलता, आकुलता ( बेचैनी ), रुचि की अभाव और ताकत की अभाव महसूस करते हैं। प्रवाल पिष्टी के साथ ऐसा नहीं होता है। यह ज्वर के साथ-साथ गरमी या दाह, बहुत तृष्णा, बहुत पसीना ( sweat ), अनिद्रा ( insomnia ), घुमेरी ( dizziness ), आकुलता ( बेचैनी ), ताकत और निर्बलता के साथ ज्वर के लक्षणों को कम करता है। साधारण ज्वर में, यह बिना किसी और औषधि के अकेले काम कर सकता है।

अधिकतर स्थितियों में, लोग क्रोनिक रोग या इनफ़ेक्शन के बाद थकान और थकान का अनुभव करते हैं। इस स्थिति को औषधीय रूप से पोस्ट इंफेक्शन थकान सिंड्रोम ( syndrome ) कहा जाता है। इस तरह की थकान और थकान को कम करने के लिए प्रवाल पिष्टी बेहद लाभदायक होती है। यह बॉडी ( body ) के पीड़ा और इनफ़ेक्शन के बाद होने वाली साधारण निर्बलता को भी कम करता है।

झंडू प्रवल पिष्टी की डोज़

प्रवाल पिष्टी (कोरल कैल्शियम ( calcium )) की डोज़ 125 मिलीग्राम ( mg ) से 500 मिलीग्राम ( mg ) दिन में दो या तीन बार है। प्रवाल पिष्टी की ज़्यादा से ज़्यादा डोज़ प्रति दिन 2500 मिलीग्राम ( mg ) से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

अनुपूरक डोज़-500 मिलीग्राम ( mg )

ज़्यादा से ज़्यादा डेली अनुपूरक डोज़-1000 मिलीग्राम ( mg )

इलाज डोज़-125 मिलीग्राम ( mg ) से 1000 मिलीग्राम ( mg )

ज़्यादा से ज़्यादा डेली इलाज डोज़-2500 मिलीग्राम ( mg )

झंडू प्रवाल पिष्टी के साइड इफेक्ट

प्रवाल पिष्टी को नित्य डोज़ में लेने पर कोई दुष्प्रभाव ( side effect ) नहीं होता है।

ज्यादा डोज़ से बचना चाहिए।