Name | जिंदगी त्रिफला जूस (500ml, Pack of 2) |
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Brand | जिंदगी |
MRP | ₹ 370 |
Category | सेहत खाद्य और पेय, हर्बल जूस, आहार-पोषण और अनुपूरक |
Sizes | 500 मिली, 2x500 मिली |
Prescription Required | No |
Length | 0 सेंटिमीटर |
Width | 0 सेंटिमीटर |
Height | 0 सेंटिमीटर |
Weight | 0 ग्राम |
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जिंदगी त्रिफला जूस के बारे में
त्रिफला का जूस मूल रूप से त्रिफला का जूस रूप है। बहुत से लोग इसे त्रिफला जूस के रूप में भी पहचानते हैं। त्रिफला के सब के सब लाभकारी गुणों के साथ, यह भिन्न-भिन्न सेहत विकृतियों में फायदा देता है, स्पेशल रूप से हाज़मा तंत्र से संबंधित। इसे हमारे बॉडी ( body ) के सब के सब अंदरूनी अंगों के देखभालकर्ता के रूप में भी जाना जाता है। बहुत से लोग भार घटाने के लिए इस आयुर्वेदिक औषधि का सेवन करते हैं, क्योंकि यह एक कुशल चयापचय उत्तेजक है।
त्रिफला जूस की मटेरियल
- त्रिफला जूस में बिना बीज के भार के बराबर अनुपात में तीन हरड़ (फलों का छिलका) होता है।
- आंवला (इंडियन आंवला) – Emblica Officinalis सूखे मेवों का गूदा जूस
- बिभीतकी-एर्मिनलिया बेलिरिका सूखे मेवे का गूदा जूस
- हरीताकी-टर्मिनलिया चेबुला सूखे मेवे का गूदा जूस
त्रिफला जूस के मेडिसिनल गुण
- रेचक
- हल्का एंटासिड
- एन्टी स्वाद ( taste )
- एन्टी mutagenic
- एंटीऑक्सिडेंट
- एन्टी भड़काऊ (हल्का)
- ज्वरनाशक (हल्का)
- एनाल्जेसिक (हल्का)
- जीवाणुरोधी
- adaptogenic
- कामिनटिव
- हाज़मा उत्तेजक
- इमेनगॉग
- expectorant
- चिकनाई दाहक
- हेमेटिनिक (हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) के स्तर को बढ़ाता है)
- hypoglycemic
- इम्यूनोमॉड्यूलेटर
त्रिफला जूस के इलाज इशारा
त्रिफला के प्रमुख इशारा
- कोष्ठबद्धता ( constipation )
- आमाशय फूलना
- आमाशय फूलना
- जॉन्डिस
- मसूढ़े में पीब पड़ने का बीमारी
- रक्त की अभाव
- दमा
- कफ
- साधारण प्रतिश्याय ( जुकाम )
- बारम्बार होनेवाला इनफ़ेक्शन
सेहत सुविधाएं
- आमाशय के करीब-करीब सब के सब विकृतियों का उपचार करता है।
- कोष्ठबद्धता ( constipation ) से राहत।
- बॉडी ( body ) की शौच प्रोसेस में इम्प्रूवमेंट करता है।
- हाज़मा तंत्र को सुरक्षा।
- बॉडी ( body ) से अलावा चर्बी को कम करता है।
- बॉडी ( body ) में लाल ब्लड कोशिकाओं के गठन को बढ़ाता है।
- जिगर ( liver ) की कार्यप्रणाली में इम्प्रूवमेंट करता है।
- त्रिफला इम्युनिटी पद्धति को उत्तेजित ( excited ) करता है और इस तरह यह बारम्बार होनेवाला ऊपरी श्वसन ( respiration ) इनफ़ेक्शन पर काबू पाने में सहायता करता है। यह गैस्ट्रिक ( gastric ) डिस्चार्ज को उत्तेजित ( excited ) करता है और हाज़मा में इम्प्रूवमेंट करता है। रेचक और वातहर क्रिया के कारण त्रिफला का जूस कोष्ठबद्धता ( constipation ), आमाशय फूलना, गैस और आमाशय फूलने में सहायता करता है।
भार घटाने के लिए त्रिफला
त्रिफला एक साधारण तैयारी है, लेकिन यह भार घटाने में जबरदस्त फायदा देता है। यह आंत्र की चर्बी और सेल्युलाईट को कम करता है। त्रिफला चिकनाई चयापचय पर प्रभाव ( effect ) डालता है। यह बॉडी ( body ) में मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त कर फैट बर्निंग को बढ़ाता है। आयुर्वेद ( ayurveda ) के अनुरूप ( accordingly ), बॉडी ( body ) में प्रमुख रूप से सात तरह के धातु (ऊतक) होते हैं, जो एक साथ अगला धातु बनाने के लिए उत्तरदायी होते हैं। मिसाल के लिए, जूस धातु (लिम्फ) चयापचय करता है और ब्लड धातु बनाता है। ब्लड धातु (ब्लड) मेटाबोलाइज करता है और मासा धातु (मांसपेशियों ( muscles )) को बनाता है। मासा धातु मेटाबोलाइज करती है और मेधा धातु (चिकनाई) बनाती है। जब मेधा धातु का चयापचय होता है, तो हड्डी धातु का गठन होता है। इस अवधारणा के अनुरूप ( accordingly ), मेधा धातु से मेधा धातु और मेधा धातु से हड्डी धातु के चयापचय में प्रॉब्लम ( problem ) होती है, जो अंततः बॉडी ( body ) में चिकनाई के संचय का कारण बनती है और आपके बॉडी ( body ) को बनाती है। हड्डियां कमजोर। हाल के अध्ययनों के अनुरूप ( accordingly ), मोटे लोगों की हड्डियां दुर्बल होती हैं, जो मोटे लोगों पर दुर्बल अस्थियों की आयुर्वेदिक अवधारणा का समर्थन ( support ) करती हैं। त्रिफला बॉडी ( body ) में चयापचय के इस चक्र को ठीक करता है, इसलिए यह बॉडी ( body ) के भार को कम करता है। इसके सेवन से हड्डियां भी ताकतवर होती हैं और मोटे लोगों में बोन मिनरल डेंसिटी भी बढ़ती है। इसलिए व्यावहारिक देख-भाल के अनुरूप ( accordingly ) धातु चयापचय के रिलेशन में आयुर्वेद ( ayurveda ) की अवधारणा उचित है। त्रिफला से ट्रीटमेंट ( treatment ) करने से आमाशय (आमाशय) की चर्बी कम होती है और साथ ही हड्डी खनिज घनत्व भी बढ़ता है। अध्ययनों से यह भी पता चला है कि इसमें हाइपो-ग्लाइसेमिक प्रभाव ( effect ) होता है, जो इंसुलिन ( insulin ) प्रतिक्रिया पर इसके प्रभाव ( effect ) के कारण हो सकता है। त्रिफला जूस इंसुलिन ( insulin ) को तेज करने के लिए सेलुलर प्रतिक्रिया को कम करता है और कोशिकाओं में इंसुलिन ( insulin ) के सही इस्तेमाल में सहायता करता है। इसलिए, यह डायबिटीज मेलिटस ( mellitus ) के ट्रीटमेंट ( treatment ) में प्रभावशाली हो जाता है।
त्रिफला के एंटीऑक्सीडेंट और इम्युनिटी-उत्तेजक प्रभाव ( effect )
त्रिफला में अनेक फाइटो-केमिकल होते हैं, जो शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट और इम्यूनो-उत्तेजक होते हैं। इन यौगिकों के कारण, त्रिफला का जूस आयु बढ़ने में देरी, स्किन के सेहत को बनाए रखने, बालों ( hair ) के अवधि ( समय ) से पहले श्वेत होने और बालों ( hair ) के झड़ने को रोकने और बॉडी ( body ) में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में प्रभावशाली है। त्रिफला के इम्यूनो-उत्तेजक प्रभाव ( effect ) एड्स / एचआईवी ( hiv ) पॉजिटिव ( positive ) पेशेन्ट्स ( patient ) में सहायता करते हैं। यह इम्युनिटी में इम्प्रूवमेंट करता है और द्वितीयक इनफ़ेक्शन को रोकता है।
घुमेरी ( dizziness ) या घुमेरी ( dizziness ) आना
घुमेरी ( dizziness ) आना या घुमेरी ( dizziness ) आना कम करने के लिए भी त्रिफला का जूस लाभदायक होता है। त्रिफला जूस (2 ग्राम) मधु ( honey ) (1 चम्मच ( spoon )) के साथ लेने से घुमेरी ( dizziness ) आना कम होता है। संजीदा स्थितियों में त्रिफला से ट्रीटमेंट ( treatment ) एक हफ्ते तक जारी रखना चाहिए।
कोष्ठबद्धता ( constipation ) में त्रिफला
त्रिफला कोष्ठबद्धता ( constipation ) के लिए एक आम घरेलू इलाज है। इसमें हल्की रेचक क्रिया होती है। यह कठोर पाखाना को ढीला करता है और पाखाना त्याग को सरल बनाता है। और जुलाब के विपरीत, त्रिफला का जूस गैर-लत ( habit ) बनाने वाला रेचक है। यह हल्के से मीडियम कोष्ठबद्धता ( constipation ) वाले लोगों के लिए लाभदायक है।
हाई कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) और ट्राइग्लिसराइड्स
त्रिफला में जरूरी लिपिड-प्रोफाइल मॉडुलन क्रिया है। त्रिफला जूस के साथ कुछ सप्ताहों की ट्रीटमेंट ( treatment ) के बाद कुल सीरम कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) में उल्लेखनीय अभाव देखी जा सकती है। यह ब्लड में कम घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल ( cholesterol ) और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को भी कम करता है।
नेत्रों की रोशनी के लिए त्रिफला
आयुर्वेद ( ayurveda ) में, अनेक ग्रंथों में वर्णित है कि यह नजर में इम्प्रूवमेंट करता है और मोतियाबिंद और और आँख बिमारियों की प्रवृत्ति को कम करता है। कुछ अध्ययनों ने त्रिफला के इन परिणामों का भी प्रदर्शन किया है। आँख विकृतियों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सप्तमृत लौह में यष्टिमधु (नद्यपान) और लौह भस्म के अतिरिक्त त्रिफला होता है। त्रिफला घृत क्लेरिफाइड बटर (घी) और त्रिफला जूस से तैयार किया जाता है। इसका इस्तेमाल आँख बिमारियों के लिए और नजर में इम्प्रूवमेंट और चश्मे की जरूरत को कम करने के लिए भी किया जाता है।
त्रिफला केमिकल
आयुर्वेद ( ayurveda ) में केमिकल ट्रीटमेंट ( treatment ) का स्पेशल महत्व है। त्रिफला केमिकल औषधियों में से एक है, जो बॉडी ( body ) में कायाकल्प क्रिया करती है। त्रिफला असली में बॉडी ( body ) के हर अंग पर काम करता है, रुकावट को कम करता है और हर अंग के नेचुरल कार्यों को बहाल करता है। यह विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है और रोगों की प्रवृत्ति को कम करता है।
त्रिफला जूस की डोज़
10 से 20 मि.ली. दिन में दो बार जल/मधु ( honey ) के साथ या डॉक्टर के निर्देशानुसार।
त्रिफला जूस के विपरीत इशारा
- कुपोषण
- फास्ट या डाइटिंग
- संजीदा भार घटाने
- स्किन का बहुत खुश्की
- आमाशय की सॉफ्टनेस
- नाराज़गी और अति अम्लता ( खट्टापन )
- स्वेलिंग आंत बीमारी (आईबीडी)