बदहजमी/अम्ल/गैस
कारण
- खा
- चिंता ( anxiety )
- लगातार व्रत
- मसालों से भरा आहार ( food ) का ज्यादा सेवन
- पीड़ा निरोधक एंटीबायोटिक्स ( antibiotics ) अम्लता ( खट्टापन ) का कारण बन सकते हैं
लक्षण
- ऊपरी आमाशय में आकुलता ( बेचैनी )
- आमाशय पीड़ा और परिपूर्णता की मनोवृत्ति
- उल्टी
- मतली के एपिसोड
- स्वेलिंग की अनुभूति
Name | Baidyanath Amlapittantak Lauh (40tab) |
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Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 125 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), लोहा और मंडूरी |
Sizes | 40टैब |
Prescription Required | No |
Length | 3.7 सेंटिमीटर |
Width | 3.7 सेंटिमीटर |
Height | 7.6 सेंटिमीटर |
Weight | 23 ग्राम |
Diseases | बदहजमी/अम्ल/गैस |
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अमलपित्तंतक लौहू के बारे में
अम्लपित्तंतक लौह गोली ( tablet ) के रूप में एक आयुर्वेदिक दवा है, जो अम्लता ( खट्टापन ) और जठरशोथ के लिए लाभदायक है। इस औषधि में वजनी धातु मूल तत्व होते हैं, इसलिए इसे केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही लेना चाहिए। उत्तर इंडियन आयुर्वेदिक प्रशिक्षण में इस औषधि का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है।
अमलपित्तंतक लौहा की मटेरियल
अमलपिट्टंटक लौहा (भैज्ज्य रतनावली) का सूत्रीकरण:
- Shuddha Parad
- Shuddha Gandhak
- Mandur Bhasma
- Kanta lauha Bhasma
- Abhraka Bhasma
- Amlaki
अमलपित्तंतक लौहा के इशारा
- यह बहुत पित्त में आराम देता है।
- इसमें एंटासिड गुण होते हैं।
- इसमें एनाल्जेसिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी ( inflammatory ) गुण होते हैं।
- मूत्र में दाह, डायरिया, पित्त की अधिकता के कारण मतली आदि में भी यह सहायक है।
- यह हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) के स्तर में इम्प्रूवमेंट करता है।
अमलपिट्टंटक लौहा के प्रमुख उपयोग
अम्लपित्तंतक लौहा हाइपरएसिडिटी या अमलपिट्टा (ऐसी स्थिति जिसमें गैस्ट्रिक ( gastric ) जूस में एसिड का स्तर बहुत होता है, जिससे कठिनाई होती है) में इशारा दिया गया है। हाइपरएसिडिटी से एसिड रिफ्लक्स ( reflux ), डकार ( belching ), हिचकी, जी मिचलाना, आमाशय में पीड़ा और दाह आदि होती है।
- अति अम्लता ( खट्टापन ), बदहजमी, मतली
- आमाशय का पीड़ा, भूख में अभाव
- यकृत ( liver ) की प्रॉब्लम ( problem )
- आमाशय में दाह
- बदहजमी
- एसिड भाटा बीमारी, एसिड पेप्टिक डिसऑर्डर
Amlapittantak Lauh dosage
- 250 मिलीग्राम ( mg ) दिन में एक या दो बार, आहार ( food ) से पहले या बाद में या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार।
- धनिया के बीज, हरीतकी और सौंफ के बीज से बने जल के काढ़े के साथ इसकी परामर्श दी जाती है।
एहतियात
- इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
- प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इससे बचना सबसे बढ़िया है।
- शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
- सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।