Baidyanath Chandanbala Laxadi Tail (50ml)

  • Home
  • Baidyanath Chandanbala Laxadi Tail (50ml)
shape1
shape2
shape3
Baidyanath Chandanbala Laxadi Tail (50ml)

एलर्जी ( allergy ) रिनिथिस

कारण

  • वसंत और पतझड़ के ऋतु में मौसमी एलर्जी ( allergy )
  • पराग की तरह बाहरी एलर्जेंस
  • दमा या एटोपिक एक्जिमा या दाद होने से आपका ख़तरा बढ़ जाता है
  • सिगरेट के धुएं के केमिकल
  • शीतल टेंपेरेचर ( temperature ) आर्द्र वायु
  • प्रदूषण और ताकतवर इत्र स्मेल

लक्षण

  • छींक ( sneeze ) आना
  • बहती नाक
  • बंद नाक
  • बेचैन नाक
  • कंठनली में खराश या खरोंच वाली खाँसी ( cough )
  • नेत्रों के नीचे काले घेरे के साथ खारिश वाली जल वाली आंखें
  • बार-बार सरदर्द
  • बहुत थकान

फ्लू ( flu ) और ज्वर

कारण

  • विषाणु इनफ़ेक्शन
  • बैक्टीरिया इनफ़ेक्शन
  • यकायक ठंडी सूखा हवाओं के कांटेक्ट में आना
  • कम इम्युनिटी

लक्षण

  • बॉडी ( body ) में पीड़ा और शीत लगना
  • बहुत थकान/निर्बलता
  • भूख में अभाव
  • घुमेरी ( dizziness ) आना
  • मांसपेशियों ( muscles ) और जॉइंट्स का पीड़ा
  • कफ, बलगम के साथ कफ
  • कंठनली में खरास
  • सरदर्द

कफ

कारण

  • विषाणुजनित इनफ़ेक्शन
  • प्रदूषकों के कांटेक्ट और एलर्जी ( allergy ) की रिएक्शन
  • फेफड़ों के जीर्ण बीमारी
  • दाह या कंठनली में इनफ़ेक्शन
  • शीत और फ्लू ( flu )
  • एलर्जिक राइनाइटिस और साइनोसाइटिस
  • हृदय से रिलेटेड वेंट्रिकल या वाल्व की समस्या

लक्षण

  • कफ, बलगम के साथ खाँसी ( cough ) या सूखी खाँसी ( cough )
  • खांसते अवधि ( समय ) छाती में पीड़ा
  • दाह के साथ कंठनली का लाल होना
  • सांस लेने में कष्ट
  • निरन्तर गला साफ करना
  • खांसने के कारण आमाशय में पीड़ा

NameBaidyanath Chandanbala Laxadi Tail (50ml)
Other Namesचंदनवाला लक्ष्मी तेलु
BrandBaidyanath
MRP₹ 219
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), तैलम और घृत
Sizes50 मिलीलीटर ( ml )
Prescription RequiredNo
Length3.5 सेंटिमीटर
Width3.5 सेंटिमीटर
Height9 सेंटिमीटर
Weight58 ग्राम
Diseasesएलर्जी ( allergy ) रिनिथिस, फ्लू ( flu ) और ज्वर, कफ

चंदनबाला लक्ष्मी तैल के बारे में

चंदन बाला लक्ष्मी तेल पॉलीहर्बल आयुर्वेदिक तेल है। इस मेडिसिनल तेल में तिल के तेल का इस्तेमाल बुनियाद तेल के रूप में किया जाता है और इसमें मेडिसिनल जड़ी-बूटियों जैसे चंदन, बाला जड़, लक्षा आदि को संसाधित किया जाता है। इसमें शीतलन, ज्वरनाशक, मरोड़ रोधी और रोगाणुरोधक गतिविधियां हैं। जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल बॉडी ( body ) पर शीतलन प्रभाव ( effect ) डालता है और बॉडी ( body ) में दाह को शांत करने में सहायता करता है।

इशारा

  • जीर्ण ज्वर में उपयोगी।
  • बॉडी ( body ) में दाह में सहायक
  • क्षीणता (निर्बलता)
  • सूखा बीमारी

इस्तेमाल

  • कासा (कफ)
  • श्वासा (दमा/दमा)
  • क्षय (पिथिसिस)
  • Asrigdara (ब्लीडिंग या मेट्रोरहागिया या दोनों)
  • रक्तपित्त (ब्लीडिंग डिसऑर्डर)
  • पित्त बीमारी (पित्त त्रुटि के कारण बीमारी)
  • कफज बीमारी (कफ, बलगम त्रुटि के कारण होने वाला बीमारी)
  • कंडू (खारिश)
  • विस्फोटक (फफोलेदार विस्फोट)
  • आँख दाहा (नेत्रों में दाह)
  • शोथा (स्वेलिंग)
  • कमला (जॉन्डिस)
  • पांडु रोगा (अनमिया)
  • सर्व ज्वर (सब के सब तरह के ज्वर)
  • सर्व धातु शोष (सब के सब टिशू की क्षीणता)
  • चरडी (उत्सर्जन)
  • शिरोरोग (मस्तिष्क की रोग)
  • अमगदाह (पूरे बॉडी ( body ) में दाह)
  • वातरोग (वात त्रुटि के कारण होने वाला बीमारी)
  • क्षीना लाल (ओलिगोस्पर्मिया)

प्रभाव ( effect )

पित्त और कफ, बलगम को बैलेंस्ड करता है।

कैसे उपयोग करे

  • इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक डॉक्टर द्वारा निर्धारित 2 - 8 ड्रॉप्स की डोज़ में नाक में टपकाने के लिए किया जाता है।
  • अंदरूनी इस्तेमाल के लिए डोज़ - 2 - 3 मिली, दिन में एक या दो बार, आहार ( food ) से पहले उष्ण जल के साथ, या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार।
  • नस्य या ओरल ( oral ) सेवन के साथ स्व-औषधि का सख्ती से इशारा दिया गया है।
  • इसका इस्तेमाल मालिश के लिए भी किया जाता है।

दुष्प्रभाव ( side effect ):

हाई डोज़ में, या ऐसे स्थितियों में जहां इसे गलत तरीके से प्रबंधित किया जाता है, यह ढीले पाखाना और डायरिया का कारण बन सकता है।

यह औषधि केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही ली जानी चाहिए।