एलर्जी ( allergy ) रिनिथिस
कारण
- वसंत और पतझड़ के ऋतु में मौसमी एलर्जी ( allergy )
- पराग की तरह बाहरी एलर्जेंस
- दमा या एटोपिक एक्जिमा या दाद होने से आपका ख़तरा बढ़ जाता है
- सिगरेट के धुएं के केमिकल
- शीतल टेंपेरेचर ( temperature ) आर्द्र वायु
- प्रदूषण और ताकतवर इत्र स्मेल
लक्षण
- छींक ( sneeze ) आना
- बहती नाक
- बंद नाक
- बेचैन नाक
- कंठनली में खराश या खरोंच वाली खाँसी ( cough )
- नेत्रों के नीचे काले घेरे के साथ खारिश वाली जल वाली आंखें
- बार-बार सरदर्द
- बहुत थकान
कफ
कारण
- विषाणुजनित इनफ़ेक्शन
- प्रदूषकों के कांटेक्ट और एलर्जी ( allergy ) की रिएक्शन
- फेफड़ों के जीर्ण बीमारी
- दाह या कंठनली में इनफ़ेक्शन
- शीत और फ्लू ( flu )
- एलर्जिक राइनाइटिस और साइनोसाइटिस
- हृदय से रिलेटेड वेंट्रिकल या वाल्व की समस्या
लक्षण
- कफ, बलगम के साथ खाँसी ( cough ) या सूखी खाँसी ( cough )
- खांसते अवधि ( समय ) छाती में पीड़ा
- दाह के साथ कंठनली का लाल होना
- सांस लेने में कष्ट
- निरन्तर गला साफ करना
- खांसने के कारण आमाशय में पीड़ा
टॉन्सिलाइटिस और कंठनली में पीड़ा
कारण
- बैक्टीरियल ( bacterial ) और वायरल ( viral ) इनफ़ेक्शन
- ऊपरी श्वसन ( respiration ) पथ के इनफ़ेक्शन
- भीड़भाड़ के साथ साइनोसाइटिस
लक्षण
- टॉन्सिल की लालिमा के साथ कंठनली में खराश
- गर्दन ( neck ) प्रदेश में सॉफ्टनेस या पीड़ा
- आहार ( food ) गटकने ( निगलने ) में मुसीबत
- शीत लगना और कान ( ear ) में पीड़ा
- श्वेत धब्बे वाले टॉन्सिल से आवाज कर्कश हो जाती है
Name | Baidyanath Kantkaryawaleh (50g) |
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Other Names | कंटकरी अवलेह, Kantakaryavaleha, Kantakaradyavaleha |
Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 85 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), चूर्ण, अवलेहा और पाकी |
Sizes | 50 ग्राम |
Prescription Required | No |
Length | 5 सेंटिमीटर |
Width | 5 सेंटिमीटर |
Height | 6.6 सेंटिमीटर |
Weight | 71 ग्राम |
Diseases | एलर्जी ( allergy ) रिनिथिस, कफ, टॉन्सिलाइटिस और कंठनली में पीड़ा |
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कांतकारी अवलेह के बारे में
कांतकारी अवलेह (कंटककार्यवलेह, कांतकारद्यवलेह) अर्ध-ठोस रूप में पॉलीहर्बल आयुर्वेदिक तैयारी है जिसका इस्तेमाल कफ, दमा और चेस्ट के और इनफ़ेक्शन के उपचार के लिए किया जाता है।
दमा के उपचार के लिए यह अच्छी औषधि है। अवलेह में शुगर, मधु ( honey ) और घी में मेडिसिनल जड़ी बूटियों के अर्क होते हैं। तो ये स्वादिष्ट ( delicious ) हो जाते हैं और दमा के उपचार के लिए शिशुओं द्वारा भी लिया जा सकता है।
कांतकारी अवलेह की मटेरियल
- कांतकारी - सोलनम ज़ैंथोकार्पुम
- जल
- गुडुची-टिनोस्पोरा कॉर्डिफोलिया
- छव्य - पाइपर क्यूबबा
- चित्रका-प्लंबगो ज़ेलेनिका
- मुस्टा-साइपरस रोटंडस
- Karkatashrungi–Pistacia integerrima
- त्रिकटु चूर्ण – काली मिर्च
- लंबी मिर्च
- जिंजर ( ginger )
- धनवायस-अल्हागी स्यूदलहगी
- भरंगी-क्लेरोडेंड्रोन सेराटम
- रसना–प्लुचिया लांसोलाटा
- शती-हेडिचियम स्पाइकेटम
- शुगर
- घी
- तिल का तेल
- वंशलोचन - बम्बुसा बम्बोस
कांतकारी अवलेह के इस्तेमाल और फायदा
- दमा
- ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ )
- सांस फूलना
- कफ
- इम्युनिटी में इम्प्रूवमेंट
- कष्टदायक, कठिन मूत्र में मूत्रवर्धक, पेशाब बढ़ाने वाला
कांतकारी अवलेह की डोज़
आधा ( half ) से 1 चम्मच ( spoon ) (3 से 6 ग्राम) प्रातः और संध्या या डॉक्टर के निर्देशानुसार।