रक्त की अभाव
कारण
- आयरन की पुष्टिकारक तत्वों की अभाव
- आयरन का बुरा समावेश
- वजनी औषधि पर आदमी
- माहवार धर्म और बहुत ब्लीडिंग डिसऑर्डर
- खून की कमी का पारिवारिक हिस्ट्री
लक्षण
- निर्बलता और सुस्ती महसूस होना
- हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) का निम्न स्तर
- भूख में अभाव
- बालों ( hair ) का झड़ना
- पीलापन और भंगुर नाखून ( nails )
- सरलता से थक जाता है
- सहनशक्ति की अभाव
- अनियमित ( irregular ) हृदय की हार्टबीट के साथ सरदर्द
Name | Baidyanath Mandoor Bhasma (10g) |
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Other Names | Mandur Bhasma |
Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 73 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), Bhasm & Pishti |
Sizes | 5जी, 10 ग्राम |
Prescription Required | No |
Length | 3.5 सेंटिमीटर |
Width | 3.5 सेंटिमीटर |
Height | 6.8 सेंटिमीटर |
Weight | 45 ग्राम |
Diseases | रक्त की अभाव |
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बैद्यनाथ मंडूर भस्म . के बारे में
मंडूर भस्म (मंडूर भस्म के रूप में भी लिखा जाता है) एक आयुर्वेदिक कैलक्लाइंड आयरन फॉर्मूलेशन है। पुराना लोहे का जंग मंडूर भस्म के गठन के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला कच्चा माल है। केमिकल ( chemical ) रूप से, यह फेरिक ऑक्साइड (लाल आयरन ऑक्साइड) है। मंडूर भस्म आयरन की अभाव से होने वाले खून की कमी (माइक्रोसाइटिक खून की कमी) और खून की कमी से जुड़ी कमजोरी के लिए पसंद की औषधि है। आयुर्वेद ( ayurveda ) में, इसका इस्तेमाल एमेनोरिया (अनुपस्थित अवधि), कष्टार्तव, जॉन्डिस (हेमोलिटिक जॉन्डिस) और लीवर ( liver ) और प्लीहा विकृतियों के लिए भी किया जाता है।
मटेरियल (रचना)
- पुराना लोहे का जंग (फेरिक ऑक्साइड या लाल लोहे का ऑक्साइड)
- त्रिफला काढ़ा
- गाय का पेशाब
- एलोवेरा जूस
इशारा
मंदूर भस्म में निम्नलिखित ट्रीटमेंट ( treatment ) गुण हैं।
- हेमेटिनिक (हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) के स्तर को बढ़ाता है)
- हेमटोजेनिक (लाल ब्लड कोशिकाओं के गठन में सहायता करता है)
- कृमिनाशक
- कामिनटिव
- हाज़मा उत्तेजक
- चिकनाई दाहक
- hypo-ग्लाइसेमिक
- बिलीरुबिन को कम करता है
- रक्ताल्पता
- प्लीहा इज़ाफ़ा
- यकृत ( liver ) इज़ाफ़ा
- रक्ताल्पता
- एमेनोरिया - आयरन की अभाव से होने वाले खून की कमी से जुड़ा हुआ है
- मासिक में बहुत रक्त की अभाव
- जॉन्डिस
- भूख में अभाव
- साधारण कमजोरी - स्पेशल रूप से रक्ताल्पता से जुड़ी
- आकुलता ( बेचैनी ) के साथ पुराना ज्वर (99°F)
- Rickets – along with Praval Pishti or Mukta Pishti and Giloy Sat
- हेमोलिटिक जॉन्डिस
मंडूर भस्म प्रमुख रूप से आयरन सप्लीमेंट है, लेकिन और रोगों में भी इसके मूल्यवान इलाज फायदा हैं। आयुर्वेद ( ayurveda ) में और उपचारों के साथ, यह जॉन्डिस, डायरिया, चिड़चिड़ा आंत सिंड्रोम ( syndrome ), बदहजमी, कृमि इनफ़ेक्शन और शिराओं के पीड़ा के लिए विस्तृत रूप से इस्तेमाल किया जाता है। यहाँ मंडूर भस्म के कुछ जरूरी मेडिसिनल इस्तेमाल और फायदा दिए गए हैं:
डोज़ और प्रशासन
मंडूर भस्म की इलाज डोज़ इस तरह है।
बच्चे-रिकमंडेड नहीं
- बच्चे-25 से 50 मिलीग्राम ( mg )
- वयस्क-125 से 375 मिलीग्राम ( mg )
- प्रेग्नेंसी ( pregnency )-25 मिलीग्राम ( mg )
- जराचिकित्सा (वृद्धावस्था) -50 से 125 मिलीग्राम ( mg )
- ज़्यादा से ज़्यादा मुमकिन डोज़-750 मिलीग्राम ( mg )
एहतियात
यह औषधि केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही ली जानी चाहिए।
इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है।
ओवरडोज से संजीदा दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं।
प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इसका बहुत एहतियात से इस्तेमाल किया जाना चाहिए, केवल तभी जब अवधारित डॉक्टर द्वारा बहुत अनिवार्य पाया गया हो।
इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें। सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।