Name | जीवा आयुर्वेद ( ayurveda ) सदबिंदु तेल (60 मिली) |
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Brand | जीवा आयुर्वेद ( ayurveda ) |
MRP | ₹ 110 |
Category | बालों ( hair ) की देखरेख, बालों ( hair ) के तेल और क्रीम, सौंदर्य और निजी देखरेख |
Sizes | 20 मिलीलीटर ( ml ), 60 मिली |
Prescription Required | No |
Length | 2.3 सेंटिमीटर |
Width | 4 सेंटिमीटर |
Height | 11 सेंटिमीटर |
Weight | 70 ग्राम |
Ingredient Base | आयुर्वेदिक |
Form | तेल |
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जीवा आयुर्वेद ( ayurveda ) सदबिंदु तेल के बारे में
सदबिन्दु तेल एक स्पेशल आयुर्वेदिक दवा है जिसका इस्तेमाल मस्तिष्क के प्रदेश में स्थित अनेक बिमारियों के ट्रीटमेंट ( treatment ) में नाक की ड्रॉप्स के रूप में किया जाता है। यह हर तरह के सरदर्द, नेत्रों के बीमारी और बालों ( hair ) की प्रॉब्लम्स में मददगार है। यह मिरगी ( epilepsy ) और अधकपारी जैसे स्नायविक बिमारियों में बहुत कारगर है। जहां तगार, ट्वाक और रसना जैसे मूल तत्व ब्रेन के कार्यों को उत्तेजित ( excited ) करते हैं, वहीं शतपुष्पा और जीवन्ती जैसी जड़ी-बूटियां नेत्रों के लिए उत्कृष्ट हैं। इस तेल में पाया जाने वाला भृंगराज का जूस बालों ( hair ) की प्रॉब्लम्स जैसे बालों ( hair ) का झड़ना, अवधि ( समय ) से पहले श्वेत होना और रूसी में इसकी उपयोगिता को बढ़ाता है। शीत, एलर्जिक राइनाइटिस और साइनसिसिस में सद्बिन्दु तेल का नाक में उपयोग भी कारगर साबित हुआ है।
काम
यह ब्रेन को उत्तेजित ( excited ) करने वाला, बालों ( hair ) को आहार-पोषण देने वाला और प्रकृति में दर्दनिवारक माना जाता है।
इशारा
सब के सब तरह के सरदर्द, साइनोसाइटिस, अधकपारी, नेत्रों के बीमारी, बालों ( hair ) की प्रॉब्लम ( problem ) और नाक के बिमारियों में उपयोगी।
घटक
Sendha Namak - Rock salt
बकरी का मिल्क, काले तिल का तेल
तगार - वेलेरियाना वालिचिय
यष्टिमधु - ग्लिसरीन
रसना - प्लुचिया लांसोलता
भृंगराज का जूस (एक्लिप्टा अल्बा)
शुंठी - जिंजीबर ऑफिसिनेल
Shatapushpa - Foeniculum vulgare
जीवनंती - लेप्टाडेनिया रेटिकुलाटास
ट्वाक - सिनामोमम ज़ेलानिकम
विदांग - एम्बेलिया रिब्स
कैसे उपयोग करे
तेल को धीरे से उष्ण करने के बाद हर एक नथुने में 2 से 6 बूँदें डालें। यद्यपि बीमारी की तीव्रता के अनुरूप ( accordingly ) डोज़ में बदलाव किया जा सकता है। हल्की परिस्थितियों में, 1 या 2 ड्रॉप्स की डोज़ पर्याप्त हो सकती है।
तेल लगाते अवधि ( समय ) कृपया ( kindly ) नीचे दिए गए निर्देशों का पालन करें: -
- वजनी आहार ( food ) के कम से कम 4 घंटे बाद और हल्के आहार ( food ) के 2 घंटे बाद तेल लगाएं।
- लगाने से पहले तेल को हल्का सा उष्ण कर लें।
- बिस्तर ( bed ) पर लेट जाएं और अपने कंधों के नीचे एक बड़ा तकिया या तकिया रखें ताकि आपका मस्तिष्क पीछे की ओर झुक जाए। इससे यह निश्चित रूप से होगा कि तेल आपके कंठनली में नहीं बल्कि सीधे मस्तिष्क में जाता है।
- सर्वश्रेष्ठ नतीजों के लिए अपने डॉक्टर के निर्देशानुसार अपने नथुने पर सही मात्रा ( quantity ) में तेल (ड्रॉप्स) लगाएं।
- कम से कम 5 मिनट तक इसी पोजीशन में लेट जाएं। यदि आपके मुँह में श्लेष्मा जमा हो जाता है, तो आपको इसे थूकने की परामर्श दी जाती है।