रक्त की अभाव
कारण
- आयरन की पुष्टिकारक तत्वों की अभाव
- आयरन का बुरा समावेश
- वजनी औषधि पर आदमी
- माहवार धर्म और बहुत ब्लीडिंग डिसऑर्डर
- खून की कमी का पारिवारिक हिस्ट्री
लक्षण
- निर्बलता और सुस्ती महसूस होना
- हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) का निम्न स्तर
- भूख में अभाव
- बालों ( hair ) का झड़ना
- पीलापन और भंगुर नाखून ( nails )
- सरलता से थक जाता है
- सहनशक्ति की अभाव
- अनियमित ( irregular ) हृदय की हार्टबीट के साथ सरदर्द
Name | Baidyanath Nawayas Lauh (20tab) |
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Other Names | नवायस लौहू |
Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 50 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), लोहा और मंडूरी |
Sizes | 20टैब, 40टैब |
Prescription Required | No |
Length | 3.5 सेंटिमीटर |
Width | 3.5 सेंटिमीटर |
Height | 6 सेंटिमीटर |
Weight | 25 ग्राम |
Diseases | रक्त की अभाव |
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नव्यास लौहू के बारे में
नव्यासा लौहा एक लोकप्रिय नव्यास चूर्ण है। यह एक जड़ी-बूटियों की आयुर्वेदिक औषधि है। नव का मतलब है नौ तत्व। अयस का मतलब है लोहा। इस उत्पाद ( product ) में प्रसंस्कृत लौह भस्म के साथ 9 हर्बल मूल तत्व हैं। इसका उल्लेख पांडु बीमारी ट्रीटमेंट ( treatment ) में भैषज्य रत्नावली में किया गया है। पांडु स्किन के पीले कलर की विशेषता वाली रोग है और आधुनिक विज्ञान में इसे खून की कमी से जोड़ा जा सकता है। नव्यासा लौहा बहुत सहायक है और आमतौर पर खून की कमी के सब के सब रूपों के ट्रीटमेंट ( treatment ) में इस्तेमाल किया जाता है।
फायदा
- इसमें यकृत ( liver ) की बचाव करने वाली क्रिया होती है।
- यह लीवर ( liver ) विकृतियों के ट्रीटमेंट ( treatment ) में लाभकारी प्रभाव ( effect ) दिखाता है।
- इसमें एंटी-हेपेटोटॉक्सिक गुण होते हैं। एंटी-हेपेटोटॉक्सिक गुण का मतलब है जिगर ( liver ) को गंभीर विषाक्तता से बचाने की क्षमता।
- यह ब्लड धातु में इम्प्रूवमेंट करता है।
- इसमें दीपन (भूख बढ़ाने वाला) पचाना (हाज़मा), श्रोतोशोधक (चैनल साफ करने वाला), त्रिदोषघ्न (बॉडी ह्यूमर स्पेसिफायर), रसरक्तवर्धन (ब्लड बढ़ाने वाला), केमिकल (कायाकल्प करने वाला) और बल्या (ताकत बढ़ाने वाला) पांडुहारा (वह जो पीलापन कम करता है) है। ) गतिविधि।
- इसका इस्तेमाल खून की कमी, हार्ट बीमारी, स्किन बीमारी, पाईल्स ( बवासीर ) और जॉन्डिस के आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है।
- जलोदर, बदहजमी, भूख न लगना और डायबिटीज में प्रभावी।
इस्तेमाल
- पांडु (खून की कमी)
- कमला (जॉन्डिस)
- प्रमेह (चयापचय रिलेटिव डिसऑर्डर)
- पिडका (कार्बुनकल)
- हृद्रोग (हार्ट बीमारी)
- कुष्ठ (स्किन के बीमारी)
- अर्शा (पाईल्स ( बवासीर ))
प्रभाव ( effect )
शांत पित्त
मात्रा ( quantity ) बनाने की पद्धति
- 250 मिलीग्राम ( mg ) से 1 ग्राम दिन में दो बार।
- चर्म बिमारियों में इसे चाचा या गोमूत्र के साथ लिया जाता है।
- हार्ट बिमारियों में इसे अर्जुन कड़ा के साथ लें।
- आंतों के परजीवी ( parasite ) में इसे विदग चूर्ण और मधु ( honey ) दिया जाता है।
- लीवर ( liver ) बिमारियों में इसे पुनर्नवा के जूस और मधु ( honey ) के साथ दिया जाता है।
दुष्प्रभाव ( side effect )
- सेंसिटिव आमाशय और गैस्ट्र्रिटिस वाले लोगों को एहतियात बरतनी चाहिए।
- शिशुओं को यह औषधि देते अवधि ( समय ) स्पेशल देखरेख की जरूरत होती है।
- इस उत्पाद ( product ) को केवल औषधीय निगरानी में ही लेना सबसे बढ़िया है।