रक्त की अभाव
कारण
- आयरन की पुष्टिकारक तत्वों की अभाव
- आयरन का बुरा समावेश
- वजनी औषधि पर आदमी
- माहवार धर्म और बहुत ब्लीडिंग डिसऑर्डर
- खून की कमी का पारिवारिक हिस्ट्री
लक्षण
- निर्बलता और सुस्ती महसूस होना
- हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) का निम्न स्तर
- भूख में अभाव
- बालों ( hair ) का झड़ना
- पीलापन और भंगुर नाखून ( nails )
- सरलता से थक जाता है
- सहनशक्ति की अभाव
- अनियमित ( irregular ) हृदय की हार्टबीट के साथ सरदर्द
Name | Baidyanath Pipalyasava (450ml) |
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Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 190 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), आसव अरिष्ट और कढाई |
Sizes | 450 मिलीलीटर ( ml ) |
Prescription Required | No |
Length | 6 सेंटिमीटर |
Width | 6.5 सेंटिमीटर |
Height | 18 सेंटिमीटर |
Weight | 510 ग्राम |
Diseases | रक्त की अभाव |
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पिपल्यावास के बारे में
पिप्पलयसवम एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक दवा है जिसका इस्तेमाल खून की कमी, पाईल्स ( बवासीर ) आदि के ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है। इसे पिप्पल्यसव, पिप्पल्याड्यासव आदि शब्दों से भी जाना जाता है। इसमें प्रमुख मटेरियल के रूप में लंबी काली मिर्च होती है। यह एक द्रव किण्वित तैयारी है। पिप्पलयसवम का उपयोग अनेक तरह की परिस्थितियों के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल रक्ताल्पता, पाईल्स ( बवासीर ), हाज़मा रिलेटिव शिकायतों, स्प्रू, लीवर ( liver ) की शिकायतों के ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है। इसका इस्तेमाल भार बढ़ाने के लिए औषधि के रूप में भी किया जाता है।
Pipalyasava Ingredients
लंबी मिर्च
काली मिर्च
छव्य - पाइपर क्यूबबा
हल्दी
चित्रका - प्लंबैगो ज़ेलेनिका
मुस्टा - साइपरस रोटंडस
विदंगा - एम्बेलिया रिब्स
पुगा - बेथेल नट
खिलौने - सिम्प्लोकोस रेसमोसा
पथ - सायक्लेआ पेल्टाटा
अमला
इलायची
उशीरा - वेटिवेरिया ज़िज़ानियोइड्स
चंदन
कुश्ता - सौसुरिया लप्पा
लौंग
तगारा - वेलेरियाना वालिची
लौंग की बड़ी किस्म
दालचीनी
प्रियंगु - कैलिकार्पा मैक्रोफिला
नागकेशरा - आयरन मेसुआ
Indications For Pipalyasava
क्षय - क्षय बीमारी, मांसपेशियों ( muscles ) की अभाव और बॉडी ( body ) की ताकत
मातम - आमाशय का ट्यूमर
कार्श्य - भार बढ़ाने के लिए
ग्रहानी - कुअवशोषण सिंड्रोम ( syndrome ), IBS (चिड़चिड़ा आंत सिंड्रोम ( syndrome ))
पांडु - रक्ताल्पता
अर्श - पाईल्स ( बवासीर )
पिपल्यावास की डोज़ और प्रशासन
आहार ( food ) के बाद दिन में एक या दो बार 12-24 मिलीलीटर ( ml ) लें। या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार।
पिपल्यावास की सतर्कता
पिपल्यासव के संजीदा दुष्प्रभाव ( side effect ) होने के विषय में कोई जानकारी नहीं है। यह एक शुद्ध ( pure ), नेचुरल फार्मूला है जिसमें हर्बल मूल तत्व होते हैं। इसमें कोई केमिकल ( chemical ) घटक नहीं होते हैं। इसलिए, इसका इस्तेमाल करना सुरक्षित है। कुछ स्थितियों में, पेशेन्ट्स ( patient ) को हल्की गैस्ट्रिक ( gastric ) शिकायतें और डायरिया हो सकते हैं। यदि औषधि बहुत ज्यादा मात्रा ( quantity ) में दी जाए तो ये दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं।
प्रेग्नेंसी ( pregnency ) के दौरान, इससे बचना / केवल औषधीय निगरानी में ही लेना सबसे बढ़िया है।
स्तनपान ( breastfeeding ) की अवधि के दौरान, इसे चिकित्सक की परामर्श के बुनियाद पर कम मात्रा ( quantity ) में लिया जा सकता है।
पिपल्यासव वात और पित्त को शांत करता है।
कसकर बंद एम्बर कलर की बोतल में ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें, प्रकाश और नमी से बचाएं।
अवधारित से ज्यादा मात्रा ( quantity ) में, यह जठरशोथ जैसे गैस्ट्रिक ( gastric ) शिकायतों का उत्पत्ति कर सकता है। सेंसिटिव आमाशय वाले लोग इस औषधि को बर्दाश्त नहीं कर सकते।