सोरायसिस और रूखी स्किन
कारण
- फैमिली के हिस्ट्री
- वायरल ( viral ) / बैक्टीरियल ( bacterial ) इनफ़ेक्शन
- तनाव
- मोटापा
- दबा बीमारी प्रतिरोधक योग्यता
- चिंता ( anxiety ) रिलेटिव डिसऑर्डर
लक्षण
- स्किन के लाल धब्बे
- खारिश
- स्किन में दाह या पीड़ा होना
- जॉइंट्स का पीड़ा
- अस्थियों में अकड़न
- किनारों से स्किन का कसाव
मुंहासे और फुंसियां
कारण
- यौवन/किशोरावस्था के दौरान हार्मोनल ( hormonal ) परिवर्तन
- ऑयली स्किन या चेहरे पर सीबम का ज्यादा डिस्चार्ज होना
- बहुत भावनात्मक तनाव
- प्रदूषण के कांटेक्ट में
- माहवार धर्म के दौरान हर माह
- उष्ण और आर्द्र जलवायु
- मुहांसों को निचोड़ना
लक्षण
- चेहरे पर मुंहासे, गाल, गर्दन ( neck ), शोल्डर, पीठ ( back ),
- स्किन बीमारी जिसके फलतः व्हाइटहेड्स, ब्लैकहेड्स, पिंपल्स, सिस्ट नोड्यूल्स
- पीड़ा और मवाद के साथ लाल अल्सर
- ऑयली और ऑयली स्किन
बदहजमी/अम्ल/गैस
कारण
- खा
- चिंता ( anxiety )
- लगातार व्रत
- मसालों से भरा आहार ( food ) का ज्यादा सेवन
- पीड़ा निरोधक एंटीबायोटिक्स ( antibiotics ) अम्लता ( खट्टापन ) का कारण बन सकते हैं
लक्षण
- ऊपरी आमाशय में आकुलता ( बेचैनी )
- आमाशय पीड़ा और परिपूर्णता की मनोवृत्ति
- उल्टी
- मतली के एपिसोड
- स्वेलिंग की अनुभूति
खालित्य और गंजा पैच
कारण
- हार्मोनल ( hormonal ) परिवर्तन
- ऋतु का परिवर्तन
- प्रदूषण के कांटेक्ट में
- पुष्टिकारक तत्वों की अभाव
- बालों ( hair ) की सही देखरेख और आहार-पोषण का अभाव
- बहुत भावनात्मक या दैहिक तनाव
- फैमिली के हिस्ट्री
लक्षण
- पूरे मस्तिष्क पर बालों ( hair ) का पतला होना
- माथे के आस-पास गंजेपन के धब्बे
- गुच्छों में बाल झड़ते हैं
- बालों ( hair ) के झड़ने के साथ सरदर्द
- अवधि ( समय ) से पहले धूसर होना
Name | Baidyanath Sutshekhar Ras No 1 (Swarna Yukta) (10tab) |
---|---|
Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 650 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), रास और सिंदूर |
Sizes | 10टैब, 25 टैब |
Prescription Required | No |
Length | 2.7 सेंटिमीटर |
Width | 2.7 सेंटिमीटर |
Height | 6.5 सेंटिमीटर |
Weight | 11 ग्राम |
Diseases | सोरायसिस और रूखी स्किन, मुंहासे और फुंसियां, बदहजमी/अम्ल/गैस, खालित्य और गंजा पैच |
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सुतशेखर रास नंबर 1 (स्वर्ण युक्ता) के बारे में
सुतशेखर जूस नंबर 1 (स्वर्ण युक्ता) (सूतशेखर जूस के रूप में भी लिखा जाता है) आयुर्वेद ( ayurveda ) में उपयोग की जाने वाली टैबलेट ( tablet ) या पाउडर के रूप में एक जरूरी औषधि है, जो पित्त त्रुटि पर काम करती है और नाराज़गी, उल्टी, मतली, आमाशय पीड़ा, अधिजठर सॉफ्टनेस, हिचकी जैसे लक्षणों को कम करती है। ज्वर, सांस लेने में कष्ट, सरदर्द इत्यादि
Ingredients (Composition) of Sutshekhar Ras No 1 (Swarna Yukta)
- Shuddha Parad
- Shuddha Gandhak
- टंकन भस्म
- शुद्ध ( pure ) वत्सनाभ (इंडियन एकोनाइट) - एकोनिटम फेरोक्स
- स्वर्ण भस्म:
- ताम्र भस्म
- शंख भस्म
- सोंठ (सूखा जिंजर ( ginger )) - जिंजीबर ऑफिसिनल
- काली मिर्च (काली मिर्च) - मुरलीवाला नाइग्रुम
- Pippali (Long Pepper) – Piper Longum
- शुद्ध ( pure ) धतूरा बीज - धतूरा मेटेल
- दालचीनी (दालचीनी) - सिनामोमम ज़ेलानिकम
- तेजपता (इंडियन तेज पत्ता) - सिनामोमम तमाल
- नागकेसर - मेसुआ फेरिया
- इलाइची (इलायची) – एलेटेरिया इलायची
- बेल (बिल्वा)–एगल मार्मेलोस
- कचूर (Zedoary) - हल्दी ज़ेडोरिया
- भृंगराज जूस - एक्लिप्टा अल्बा
Medicinal Properties of Sutshekhar Ras No 1 (Swarna Yukta)
- आम पचक (डिटॉक्सिफायर)
- कामिनटिव
- हाज़मा उत्तेजक
- एंटीअल्सरोजेनिक
- एंटासिड
- चोलगॉग (पित्त के निर्वहन को प्रोत्साहन देता है)
- antispasmodic
- कार्डियोप्रोटेक्टिव
- एंटिएंजिनल
- antiarrhythmic
- नयूरोप्रोटेक्टिव
- सूजनरोधी
- एंटीऑक्सिडेंट
- ज्वरनाशक
- कासरोधक
- निरोधी
- एंटी
Therapeutic Indications of Sutshekhar Ras No 1 (Swarna Yukta)
- बदहजमी या बदहजमी
- आमाशय में अलावा एसिड बनना
- gastritis
- पेप्टिक छाला
- दाह के साथ नाराज़गी या घुमेरी ( dizziness ) के साथ जुड़ा हुआ
- आमाशय में पीड़ा
- आमाशय में दाह का अहसास
- मस्तिष्क का घुमेरी ( dizziness )
- सरदर्द
- अधकपारी
- उल्टी और मतली
- मोशन सिकनेस (सफ़र के दौरान उल्टी या मतली)
- सूखी कफ (वात और पित्त तरह की कफ)
- पित्त वृद्धि के साथ जुड़ा हुआ चिड़चिड़ा आंत सिंड्रोम ( syndrome )
- दाह के साथ अतिसार
- मुँह का खट्टा स्वाद ( taste ) या कंठनली में खटास
- हिचकी
- बदहजमी या बदहजमी से जुड़ी भूख कम लगना
- ज्वर (हाई श्रेणी के ज्वर के लिए ज्वरनाशक के रूप में)
- आकुलता ( बेचैनी )
- अनिद्रा ( insomnia )
- सिजोफ्रेनिया ( schizophrenia ) पित्त वृद्धि से जुड़ा हुआ है
- हेपेटाइटिस - सब के सब तरह (हेपेटाइटिस बी और सी में भी बहुत सहायक)
- तचीकार्डिया (हार्ट चाल में वृद्धि)
- सोमनिलोकी (निद्रा में बात करना)
- आक्षेप
सुतशेखर रास नंबर 1 (स्वर्ण युक्ता) के फायदा और मेडिसिनल इस्तेमाल
उपरोक्त सूची के अनुरूप ( accordingly ), सुतशेखर रास नंबर 1 (स्वर्ण युक्ता) में विस्तृत इशारा हैं। इसकी प्रमुख क्रिया पित्त और वात त्रुटि पर होती है और पित्त और वात की वृद्धि के साथ सब के सब बिमारियों में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है जो निम्नलिखित अंगों से रिलेटेड हैं:
- आमाशय के सब के सब अंग - आमाशय, लीवर ( liver ), छोटी आंत्र, बड़ी आंत्र, बृहदान्त्र, पेनक्रियाज, प्लीहा और पित्ताशय।
- हृदय और ब्लड वाहिकाओं
- ब्रेन और तंत्रिकाएं
- फेफड़े ( lungs )
जठरशोथ, अति अम्लता ( खट्टापन ), जीईआरडी, नाराज़गी, एसिड भाटा
सुतशेखर जूस नं 1 (स्वर्ण युक्त) पित्त के बढ़े हुए खट्टेपन और तीखेपन या मर्मज्ञ चूर्ण को कम करता है। ये चीजें आमाशय में एसिड के उत्पत्ति को बढ़ाने और गैस्ट्रिक ( gastric ) म्यूकोसा की संवेदनशीलता ( sensitivity ) को बढ़ाने के लिए उत्तरदायी होती हैं। बढ़ी हुई संवेदनशीलता ( sensitivity ) से आमाशय की परत में स्वेलिंग आ जाती है, जिसे गैस्ट्राइटिस कहा जाता है। हाइपरएसिडिटी, नाराज़गी, जीईआरडी या बदहजमी में वही चीजें होती हैं, लेकिन तंत्र पृथक हो सकता है। मिसाल के लिए, नाराज़गी और जीईआरडी में, एसिड इरिटेटिड एसोफेजियल स्फिंक्टर के कारण आहार ( food ) ट्यूब में वापस आ जाता है। स्फिंक्टर की लगातार दाह इसकी खराबी की ओर ले जाती है। आयुर्वेद ( ayurveda ) के अनुरूप ( accordingly ), पित्त त्रुटि के तेज होने के कारण यह दाह होती है।
जैसे सुतशेखर जूस नं 1 (स्वर्ण युक्ता) इन चीजों पर काम करता है और बैलेंस को बहाल करता है, इसलिए इससे होने वाले सब के सब गैस्ट्रिक ( gastric ) बिमारियों से आराम मिलती है। इसलिए, यह हाइपरएसिडिटी, गैस्ट्राइटिस, जीईआरडी (गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स ( reflux ) डिजीज ( disease )), या एसिड रिफ्लक्स ( reflux ) में बहुत सहायक है। यह गैस्ट्रिक ( gastric ) म्यूकोसा, और अन्नप्रणाली ( esophagus ) के अस्तर, और एसोफैगल स्फिंक्टर को शांत करता है, जो उनकी दाह को कम करने में सहायता करता है और अंततः इन प्रॉब्लम्स को ठीक करता है।
भूख में अभाव
सुतशेखर रास नंबर 1 (स्वर्ण युक्ता) एक बढ़िया इलाज है जब भूख न लगना पित्त की स्थिति जैसे नाराज़गी, एसिड रिफ्लक्स ( reflux ) या हाइपरएसिडिटी से जुड़ा होता है जैसा कि ऊपर चर्चा की गई है। यह एसिड डिस्चार्ज में नेचुरल बैलेंस को बनाए रखता है और पुनर्स्थापित करता है और गैस्ट्रिक ( gastric ) दाह को कम करता है। दूसरी क्रिया भी मन पर प्रकट होती है और खाने की चाह में इम्प्रूवमेंट करती है।
यकृत ( liver ) की रोग वाले अनेक लोगों ने भी बुरा भूख की इनफार्मेशन ( information ) दी। यदि और रिलेटेड लक्षणों में पित्त प्रमुख स्थिति है, तो सुतशेखर जूस गिनती 1 (स्वर्ण युक्ता) सहायक है। यदि स्थिति कफ, बलगम होने की अनुमान हो तो आरोग्यवर्धिनी वटी ज्यादा लाभकारी होती है।
मोशन सिकनेस (ट्रैवल सिकनेस)
सुतशेखर रास नंबर 1 (स्वर्ण युक्ता) मोशन सिकनेस के लिए बहुत प्रभावशाली औषधि है। यदि इसे सफ़र से आधा ( half ) घंटा पहले लिया जाए तो यह उल्टी, मतली, आमाशय बुरा, आकुलता ( बेचैनी ) की मनोवृत्ति और घुमेरी ( dizziness ) आने से बचाता है।
प्राथमिक कष्टार्तव (स्पस्मोडिक कष्टार्तव)
सुतशेखर रास नंबर 1 (स्वर्ण युक्ता) में एंटीस्पास्मोडिक क्रिया होती है। यह मांसपेशियों ( muscles ) के कार्यों को भी नियंत्रित करता है और श्रोणि प्रदेश के साथ आमाशय में वात और पित्त की खराबी को बैलेंस्ड करता है। यह माहवार धर्म फ्लो की प्रारंभ में होने वाले आमाशय और श्रोणि में तेज मरोड़ को कम करता है। आयुर्वेद ( ayurveda ) के अनुरूप ( accordingly ), इस तरह का पीड़ा प्रमुख रूप से वात से जुड़ा होता है, लेकिन पित्त से भी जुड़ा होता है, इसलिए आयुर्वेद ( ayurveda ) में इसके लिए सुतशेखर जूस नंबर 1 (स्वर्ण युक्त) पसंद की औषधि है। तेज़ स्थितियों में, प्रवल पिष्टी को सुतशेखर रास नंबर 1 (स्वर्ण युक्ता) के साथ भी दिया जाना चाहिए।
सोमनिलोकी (स्लीप टॉकिंग)
आयुर्वेद ( ayurveda ) के अनुरूप ( accordingly ), वात और पित्त बैलेंस में खराबी आक्रामक तरह के सपने पैदा कर सकती है। हाई श्रेणी का ज्वर भी इसी तरह के लक्षण ( symptom ) का कारण बनता है। यद्यपि, ज्वर में सुतशेखर जूस नंबर 1 (स्वर्ण युक्ता) सोना बॉडी ( body ) के टेंपेरेचर ( temperature ) को कम करता है और दिमाग को आराम देता है, जिससे ज्वर में बात करने वाली निद्रा से आराम मिलती है।
जब निद्रा विकृतियों में सोमनीलोकी होता है, तो इसका सबसे आम कारण चिंतित सपने होते हैं, जो कि बढ़े हुए वात और पित्त के कारण होते हैं। सुतशेखर जूस नंबर 1 (स्वर्ण युक्त) वात और पित्त को शांत करता है, जो सुखदायक मनोवृत्ति को प्रेरित करने में सहायता करता है, मन को शांत करता है, तनाव को कम करता है और अंततः निद्रा से आराम देता है और अच्छी निद्रा आती है।
सरदर्द और अधकपारी
सुतशेखर जूस नंबर 1 (स्वर्ण युक्ता) सरदर्द और अधकपारी से आराम देता है। स्पेशल रूप से, यह निम्नलिखित लक्षणों की विशेषता वाले वात और पित्त तरह के सरदर्द से आराम प्रोवाइड करता है:
- धमक के साथ पीड़ा
- धड़कता हुआ पीड़ा
- मस्तिष्क के आगे से पीछे की ओर पलायन पीड़ा
- हार्डनेस
- चिंता ( anxiety )
- शूटिंग पीड़ा
- जलता पीड़ा
- पियर्सिंग
- मर्मज्ञ पीड़ा
- उल्टी
- घुमेरी ( dizziness ) आना
- मस्तिष्क या नेत्रों में दाह महसूस होना
- तेज धूप, तेज रोशनी या हाई टेंपेरेचर ( temperature ) या मसालों से भरा आहार ( food ) से पीड़ा बढ़ जाना
Dosage of Sutshekhar Ras No 1 (Swarna Yukta)
125 - 250 मिलीग्राम ( mg ) दिन में एक या दो बार, आहार ( food ) से पहले या बाद में या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार। इसे पारंपरिक रूप से उष्ण जल और पान के पत्ते के साथ दिया जाता है।
Precautions of Sutshekhar Ras No 1 (Swarna Yukta)
- इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है, क्योंकि इसमें वजनी धातु मटेरियल होती है।
- इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
- ज्यादा डोज़ से संजीदा जहरीला प्रभाव ( effect ) हो सकता है।
- प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इससे बचना सबसे बढ़िया है।
- शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
- सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।