सोरायसिस और रूखी स्किन
कारण
- फैमिली के हिस्ट्री
- वायरल ( viral ) / बैक्टीरियल ( bacterial ) इनफ़ेक्शन
- तनाव
- मोटापा
- दबा बीमारी प्रतिरोधक योग्यता
- चिंता ( anxiety ) रिलेटिव डिसऑर्डर
लक्षण
- स्किन के लाल धब्बे
- खारिश
- स्किन में दाह या पीड़ा होना
- जॉइंट्स का पीड़ा
- अस्थियों में अकड़न
- किनारों से स्किन का कसाव
रैश/खारिश/अर्टिकेरिया/पित्ती
कारण
- पराग धूल और धूप से एलर्जी ( allergy ) की रिएक्शन
- चिंता ( anxiety )
- तनाव
- घबराहट या बेचैनी
- खाने से एलर्जी ( allergy )
- कीट डंक
लक्षण
- स्किन पर लाल धब्बे
- स्किन पर उभरे हुए धब्बों की खारिश
- धब्बों का जलना
- स्वेलिंग वाली जगह पर पीड़ा
- आकुलता ( बेचैनी )
- चिड़चिड़ाहट
Name | बैद्यनाथ ताम्र भस्म (5 ग्राम) |
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Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 175 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), Bhasm & Pishti |
Sizes | 5जी |
Prescription Required | No |
Length | 2.8 सेंटिमीटर |
Width | 2.8 सेंटिमीटर |
Height | 5.9 सेंटिमीटर |
Weight | 31 ग्राम |
Diseases | सोरायसिस और रूखी स्किन, रैश/खारिश/अर्टिकेरिया/पित्ती |
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बैद्यनाथ ताम्र भस्म . के बारे में
ताम्र भस्म एक आयुर्वेदिक दवा है, जो तांबे से तैयार की जाती है। इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन में इम्युनिटी बढ़ाने के लिए किया जाता है, इस तरह भिन्न-भिन्न विकृतियों स्किन बिमारियों, लीवर ( liver ) बीमारी, खून की कमी, भार प्रबंधन, हिचकी, आमाशय की दूरी, अम्लता ( खट्टापन ) आदि में सहायता करता है। इस औषधि को केवल औषधीय निगरानी में सख्ती से लिया जाना चाहिए।
Ingredients of Baidyanath Tamra Bhasma
ताम्र भस्म में एलोवेरा और नींबू के जूस के साथ हर्बल जूस के साथ संसाधित तांबे के महीन कण होते हैं। फिर इसे कॉपर Calx बनाने के लिए हाई टेंपेरेचर ( temperature ) के अंतर्गत संसाधित किया जाता है।
बैद्यनाथ ताम्र भस्म निम्नलिखित परिस्थितियों में लाभकारी है:
- ताम्र भिन्न-भिन्न तरह के लीवर ( liver ) विकृतियों में लाभकारी होता है।
- यह भिन्न-भिन्न तरह के बुखारों में भी लाभकारी माना जाता है।
- तमरा को कायाकल्प करने वाले गुणों के लिए भी जाना जाता है।
- यह भिन्न-भिन्न तरह की गैस्ट्रिक ( gastric ) प्रॉब्लम्स में भी लाभकारी होता है।
- बॉडी ( body ) में भिन्न-भिन्न तरह की स्वेलिंग में आराम मिलता है।
- डायरिया और पेचिश की स्थिति में भी ताम्र लाभकारी होता है।
- ताम्र को भिन्न-भिन्न तरह के कृमियों से आराम दिलाने के लिए भी जाना जाता है।
- ताम्र एक नीरोग हाज़मा तंत्र को बनाए रखने में सहायता करता है।
- यह डायबिटीज मेलिटस ( mellitus ) में भी सहायक पाया गया है।
- यह भिन्न-भिन्न तरह के आंतों के विकृतियों में लाभकारी होने के लिए भी जाना जाता है, चाहे वह स्वेलिंग, इनफ़ेक्शन या रुकावट हो।
- अशांत हाज़मा तंत्र पर इसका जबरदस्त ट्रीटमेंट ( treatment ) प्रभाव ( effect ) पड़ता है।
- ताम्र को भिन्न-भिन्न तरह के ब्लड विकृतियों में भी लाभकारी माना जाता है।
- ताम्र जलोदर में भी लाभकारी माना जाता है।
- प्लेग जैसी महामारी की स्थिति में भी ताम्र बहुत सहायक पाया गया है।
- यह हार्ट की मांसपेशियों ( muscles ) को ताकतवर बनाता है और यहां तक कि उनकी प्रभावशीलता ( effectiveness ) में भी वृद्धि लाता है।
- यह एनीमिक स्थिति में भी बहुत लाभदायक होता है।
- ताम्र को केमिकल प्रभाव ( effect ) होने के लिए भी जाना जाता है।
- इससे बॉडी ( body ) के पूरे टिशू का कायाकल्प भी होता है।
- भिन्न-भिन्न तरह के पेशाब इनफ़ेक्शन या पेशाब पथ के डिसऑर्डर आदि में भी लाभकारी है।
- बॉडी ( body ) की बीमारी प्रतिरोधक योग्यता को ताकतवर करता है।
- परिसंचरण में इम्प्रूवमेंट करता है।
- बॉडी ( body ) में भिन्न-भिन्न टिशू को ब्लड और और पुष्टिकारक तत्वों को रोने वाले जहाजों की पारगम्यता को बढ़ाता है।
- एक नियत सीमा तक एंटी ऑक्सीडेंट के रूप में काम करता है।
बैद्यनाथ ताम्र भस्म की डोज़
- इलाज डोज़-5 से 15 मिलीग्राम ( mg )
- ज़्यादा से ज़्यादा डेली इलाज डोज़-30 मिलीग्राम ( mg )
Precautions Of Baidyanath Tamra Bhasma
यह औषधि केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही ली जानी चाहिए।
इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है।
ओवरडोज से संजीदा दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं।
प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इसका बहुत एहतियात से इस्तेमाल किया जाना चाहिए, केवल तभी जब अवधारित डॉक्टर द्वारा बहुत अनिवार्य पाया गया हो।
इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें। सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।