साइटिका
कारण
- कटिस्नायुशूल नर्व का संपीड़न
- काठ का स्पोंडिलोसिस नर्व दबाव ( चाप ) का कारण बनता है
- अंदरूनी ब्लीडिंग जो स्थानीय दबाव ( चाप ) का कारण बनता है
- स्लिप डिस्क के कारण दबाव ( चाप )
- पोस्ट ऑपरेटिव शिकायतें
लक्षण
- निचली कटि ( कमर ) का पीड़ा
- टांगों में सुन्नपन और सनसनाहट
- बछड़े की मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता के साथ टाँगों में पीड़ा
- पांव और पांव की अंगुली की मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता
- प्रभावित पांव में निरन्तर पीड़ा
- चलते अवधि ( समय ) पीड़ा
चिंता ( anxiety ) और डिप्रेशन
कारण
- ज्यादा काम और तनाव
- अपनों को खोने के कारण दुख और झटका या आघात
- लंबे अवधि ( समय ) तक पीड़ा या विगत में बीमारी
- मदिरा या बहुत सारी औषधियों का दुरुपयोग
- सेहत समस्याएं या पुराना पीड़ा
- अकेलापन या आर्थिक संकट
- बेरोजगारी और आत्मविश्वास ( self-confidence ) की नुक्सान
लक्षण
- आकुलता ( बेचैनी ) और चिड़चिड़ाहट
- सरदर्द और हाज़मा डिसऑर्डर और बिना किसी कारण के पीड़ा
- डेथ या आत्मघात के कल्पना
- कम भूख और भार घटाने
- निरन्तर निगेटिव कल्पना, बात करने की चाह न होना
- कन्फ्यूज्ड मन से निर्णय नहीं ले सकते
- उदासी की निरन्तर मनोवृत्ति
- थकान और निर्बलता
आमवात और आमवात
कारण
- पुष्टिकारक तत्वों की अभाव (कैल्शियम। विटामिन ( vitamin ) डी)
- रजोनिवृत्ति
- आयु बढ़ने
- ज्यादा भार
- आमवात का पारिवारिक हिस्ट्री
लक्षण
- जॉइंट्स के पीड़ा के साथ थकान
- जॉइंट्स की लालिमा और स्वेलिंग
- जॉइंट्स का अकड़ना
- कठिन चलना
- मांसपेशियों ( muscles ) में निर्बलता
Name | Baidyanath Vatkulantak Ras (5tab) |
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Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 104 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), रास और सिंदूर |
Sizes | 5टैब, 10टैब, 25 टैब |
Prescription Required | No |
Length | 2.5 सेंटिमीटर |
Width | 2.5 सेंटिमीटर |
Height | 5 सेंटिमीटर |
Weight | 8 ग्राम |
Diseases | साइटिका, चिंता ( anxiety ) और डिप्रेशन, आमवात और आमवात |
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वटकुलान्तक रासो के बारे में
वटकुलान्तक जूस जड़ी-बूटियों की आयुर्वेदिक दवा है। इस औषधि में सुगंधित जानवर मूल उत्पाद ( product ) कस्तूरी शामिल है जो हिमालय प्रदेश में पाए जाने वाले नर कस्तूरी मृग के आमाशय से प्राप्त होता है। वातकुलान्तक जूस नर्व तंत्र, ब्रेन से रिलेटेड बिमारियों और वात त्रुटि के बुरा होने के कारण होने वाले भिन्न-भिन्न बिमारियों में सहायक है।
वटकुलान्तक रसो की मटेरियल
- Kasturi (Mriga nabhi)
- Shudh (purified) Parad
- Shudh Gandhak
- नागकेशरो
- Shudh Mansheel
- Baheda
- Jaiphal
- क्या यह वहां है
- लौंग
- Processed in Brahmi Swaras
वटकुलान्तक रसो के प्रमुख उपयोग
- वात बीमारी (वात त्रुटि के डिसऑर्डर के कारण होने वाले बीमारी)
- अप्सरा (मिरगी ( epilepsy ))
- Murchha roga (Fainting)
- अनिद्रा ( insomnia )
- पक्षाघात
- झटके ( tremors )
- अनिद्रा ( insomnia )
- टांगों में सनसनाहट सनसनी
- Sannipata jwara
वटकुलान्तक रसो की डोज़
62.5 - 125 मिलीग्राम ( mg ) एक बार प्रातः और संध्या आहार ( food ) के बाद या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार। इसे पारंपरिक रूप से मधु ( honey ), घी या वात बैलेंस औषधियों के साथ दिया जाता है।
वटकुलान्तक रसो की सतर्कता
- इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है, क्योंकि इसमें वजनी धातु मटेरियल होती है।
- इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
- ज्यादा डोज़ से संजीदा जहरीला प्रभाव ( effect ) हो सकता है।
- प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इससे बचना सबसे बढ़िया है।
- शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
- सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।