बदहजमी/अम्ल/गैस
कारण
- खा
- चिंता ( anxiety )
- लगातार व्रत
- मसालों से भरा आहार ( food ) का ज्यादा सेवन
- पीड़ा निरोधक एंटीबायोटिक्स ( antibiotics ) अम्लता ( खट्टापन ) का कारण बन सकते हैं
लक्षण
- ऊपरी आमाशय में आकुलता ( बेचैनी )
- आमाशय पीड़ा और परिपूर्णता की मनोवृत्ति
- उल्टी
- मतली के एपिसोड
- स्वेलिंग की अनुभूति
डायबिटीज
कारण
- डायबिटीज का पारिवारिक हिस्ट्री
- ज्यादा भार या मोटापा
- अग्नाशयशोथ
- आनुवंशिक कारक
- पॉलीसिस्टिक अंडाशय बिमारियों वाली स्त्रियों में हार्मोनल ( hormonal ) इम्बैलेंस ( असंतुलन )
लक्षण
- बढ़ी हुई भूख और तृष्णा
- मूत्र करने की बेकाबू चाह
- थकान और धुंधली नजर
- टांगों या हाथों में सुन्नपन / सनसनाहट
- थकान और निर्बलता
- ज़ख्म जो सरलता से नहीं भरते
Name | बेसिक आयुर्वेद ( ayurveda ) जामुन का जूस (इंडियन बेरी) (500 मिली) |
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Brand | बुनियादी आयुर्वेद ( ayurveda ) |
MRP | ₹ 210 |
Category | सेहत खाद्य और पेय, हर्बल जूस, आहार-पोषण और अनुपूरक |
Sizes | 500 मिली |
Prescription Required | No |
Length | 7 सेंटिमीटर |
Width | 7 सेंटिमीटर |
Height | 18.2 सेंटिमीटर |
Weight | 557 ग्राम |
Diseases | बदहजमी/अम्ल/गैस, डायबिटीज |
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बेसिक आयुर्वेद ( ayurveda ) जामुन जूस (इंडियन बेरी) के बारे में
इंडियन ब्लैकबेरी (जामुन) और फलों की तुलना ( comparison ) में कम कैलोरी प्रोवाइड करता है। यह आयरन का प्रयाप्त बढ़िया साधन है क्योंकि यह प्रति सौ ग्राम में करीब-करीब एक से दो मिलीग्राम ( mg ) या आयरन प्रोवाइड करता है। यह विटामिन ( vitamin ) सी का एक उत्कृष्ट साधन है; यह काला बेर प्रति सौ ग्राम में 18 मिलीग्राम ( mg ) विटामिन ( vitamin ) सी प्रोवाइड करता है। यह बेरी फोलेट, विटामिन ( vitamin ) बी, कैरोटीन, मैग्नीशियम, पोटेशियम ( potassium ), फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट का एक समृद्ध साधन है।
बेसिक आयुर्वेद ( ayurveda ) जामुन के जूस के सेहत फायदा (इंडियन बेरी)
मूल आयुर्वेद ( ayurveda )-जामुन का जूस यदि नित्य रूप से लिया जाए तो डायबिटीज पेशेन्ट्स ( patient ) के ब्लड ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने में सहायता मिल सकती है।
जामुन के फलों के एंटीऑक्सीडेंट गुणों का इस्तेमाल ह्यूमन ( human ) अंगों की आंत्र पद्धति में फंगल इन्फेक्शन को कम करने के लिए घरेलू ट्रीटमेंट ( treatment ) के रूप में किया जा सकता है।
मूल आयुर्वेद ( ayurveda )-जामुन का जूस लेने से गुर्दे की प्रॉब्लम्स को रोकने के लिए भी ब्लड शुद्ध ( pure ) हो सकता है।
मूल आयुर्वेद ( ayurveda )-जामुन का जूस एक बहुत ही शीतल भोजन है जो हाज़मा तंत्र को अच्छा बनाने में सहायता करेगा।
मात्रा ( quantity ) बनाने की पद्धति
50 मिली लें। ताज़ा पेय बनाने के लिए आधा ( half ) गिलास सोडा या जल से पतला होना चाहिए। आहार ( food ) से पहले दिन में दो बार।
एहतियात
किसी भी अनुपूरक का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह करें।