डायबिटीज
कारण
- डायबिटीज का पारिवारिक हिस्ट्री
- ज्यादा भार या मोटापा
- अग्नाशयशोथ
- आनुवंशिक कारक
- पॉलीसिस्टिक अंडाशय बिमारियों वाली स्त्रियों में हार्मोनल ( hormonal ) इम्बैलेंस ( असंतुलन )
लक्षण
- बढ़ी हुई भूख और तृष्णा
- मूत्र करने की बेकाबू चाह
- थकान और धुंधली नजर
- टांगों या हाथों में सुन्नपन / सनसनाहट
- थकान और निर्बलता
- ज़ख्म जो सरलता से नहीं भरते
Name | डाबर मधु रक्षक चूर्ण (250 ग्राम) |
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Brand | डाबर |
MRP | ₹ 410 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), औषधियां |
Sizes | 250 ग्राम |
Prescription Required | No |
Length | 5.3 सेंटिमीटर |
Width | 5.3 सेंटिमीटर |
Height | 10.5 सेंटिमीटर |
Weight | 273 ग्राम |
Diseases | डायबिटीज |
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मधु रक्षक चूर्ण के बारे में
डाबर मधु रक्षक चूर्ण एक प्रभावशाली आयुर्वेदिक औषधि है जिसका इस्तेमाल ब्लड ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। जामुन, करेला, मेथी जैसे अवयवों के साथ इस चूर्ण का उद्देश्य उपयोगकर्ताओं को डायबिटीज के हानिकर परिणामों और इससे रिलेटेड प्रॉब्लम्स से बचाना है।
यह एक नेचुरल ट्रीटमेंट ( treatment ) है जो एनर्जी, शक्ति और सहनशक्ति को बहाल करता है और डायबिटीज पेशेन्ट्स ( patient ) के लिए बेहद लाभदायक है।
मधु रक्षक चूर्ण के फायदा
- नीरोग ब्लड ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने में सहायता करता है
मधु रक्षक चूर्ण की मटेरियल
- विजयसर (पेरोकार्पस मार्सुपियम)
- तेजपात्रा (दालचीनी तमाला)
- जामुन बीज (यूजेनिया जंबोलाना)
- गुरमार (जिमनेमा सिल्वेस्टर)
- काली मारीच (पाइपर नाइग्रम)
- नीम के पत्ते (आज़ादिराचेता इंडियाका)
- मेथी (trigonella fenum-graecum)
- Shudh Shilajit
- Bhavana Dravyas
- केरला फल (मोमोर्डिका चरंतिया)
- आंवला
- हरीतकी (टर्मिनलिया चेबुला)
- बहेरा (टर्मिनलिया बेलेरिका)
मधु रक्षक चूर्ण की डोज़
- 1-2 चम्मच ( spoon ) दिन में दो बार यानि प्रातः और संध्या आहार ( food ) से पहले जल के साथ या डॉक्टर के निर्देशानुसार।
मधु रक्षक की सतर्कता
- इसे लेने से पहले एक डॉक्टर से सलाह करें