Dhootapapeshwar Abhraak Bhasm (Sahasraputi) (1g)

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Dhootapapeshwar Abhraak Bhasm (Sahasraputi) (1g)

कफ

कारण

  • विषाणुजनित इनफ़ेक्शन
  • प्रदूषकों के कांटेक्ट और एलर्जी ( allergy ) की रिएक्शन
  • फेफड़ों के जीर्ण बीमारी
  • दाह या कंठनली में इनफ़ेक्शन
  • शीत और फ्लू ( flu )
  • एलर्जिक राइनाइटिस और साइनोसाइटिस
  • हृदय से रिलेटेड वेंट्रिकल या वाल्व की समस्या

लक्षण

  • कफ, बलगम के साथ खाँसी ( cough ) या सूखी खाँसी ( cough )
  • खांसते अवधि ( समय ) छाती में पीड़ा
  • दाह के साथ कंठनली का लाल होना
  • सांस लेने में कष्ट
  • निरन्तर गला साफ करना
  • खांसने के कारण आमाशय में पीड़ा

ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ )

कारण

  • स्मोकिंग
  • वायु प्रदूषकों की ब्रीथिंग लेना (धूल या जहरीली गैसें)
  • फेफड़ों का इनफ़ेक्शन
  • कम इम्युनिटी
  • ताकतवर एसिड के लिए व्यावसायिक ख़तरा

लक्षण

  • कफ, बलगम के साथ कफ
  • साँसों की अभाव
  • हल्का ज्वर और शीत लगना
  • हल्का सरदर्द या बॉडी ( body ) में पीड़ा
  • उत्पादक कफ जो महीनों ( कई माह ) तक रहती है
  • थकान और छाती में कष्ट

दमा

कारण

  • एक एलर्जेन, अड़चन के कांटेक्ट में। वायु में प्रदूषक
  • तनाव
  • बार-बार प्रतिश्याय ( जुकाम ) जो छाती में बस जाता है
  • बारम्बार होनेवाला शीत और कफ का हिस्ट्री एलर्जिक राइनाइटिस
  • आनुवंशिक पूर्व स्वभाव के साथ पारिवारिक हिस्ट्री

लक्षण

  • कसरत के दौरान लेटते अवधि ( समय ) या हंसते अवधि ( समय ) रात्रि में खाँसी ( cough )
  • छाती में अकड़न के साथ सांस लेने में कष्ट
  • साँसों की अभाव
  • सांस लेते अवधि ( समय ) आवाज के साथ घरघराहट
  • कफ, बलगम के साथ सूखी या खाँसी ( cough )

Nameधूतपापेश्वर अभ्रक भस्म (सहस्रपुत्री) (1 ग्राम)
BrandDhootapapeshwar
MRP₹ 540
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), Bhasm & Pishti
Sizes1g
Prescription RequiredNo
Length0 सेंटिमीटर
Width0 सेंटिमीटर
Height0 सेंटिमीटर
Weight0 ग्राम
Diseasesकफ, ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ ), दमा

धूतपापेश्वर अब्रक भस्म . के बारे में

धूतपापेश्वर अभ्रक भस्म खनिज, अभ्रक का निस्तापन है। यह आयुर्वेद ( ayurveda ) का एक आधारित केमिकल (कायाकल्प करने वाला टॉनिक, सब के सब धातुओं को आहार-पोषण देता है और ओजस बनाता है, आयु बढ़ने को रोककर और बॉडी ( body ) को फिर से युवा बनाकर) दीर्घायु को प्रोत्साहन देता है।

अब्रक भस्म हमारे बॉडी ( body ) और भिन्न-भिन्न सूक्ष्म-टिशू में अपनी पैठ और फैलाने वाली संपत्ति के लिए जाना जाता है, जिसके कारण यह ऊतक बहाली में सहायता करता है। यह औषधि शुद्धिकरण, दाह और चूर्णीकरण जैसी प्रक्रियाओं को शामिल करके अभ्रक को जड़ी-बूटियों की गिनती के साथ मिलाकर तैयार की जाती है। औषधि में आयरन, कैल्शियम ( calcium ), मैग्नीशियम, पोटेशियम ( potassium ) और एल्युमिनियम की मात्रा ( quantity ) भी होती है।

अभ्रक भस्म भिन्न-भिन्न बिमारियों में इसके उपचारात्मक गुणों के कारण यह एक अद्भुत दवा है।

धूतपापेश्वर अब्रक भस्म के इशारा

बॉडी ( body ) प्रणालियों के अनुरूप ( accordingly ) अभ्रक भस्म इशारा नीचे दिए गए हैं

नर्व तंत्र

  • पुराना सरदर्द
  • अधकपारी
  • स्मरण
  • मस्तिष्क का घुमेरी ( dizziness )

मानसिक रोग विशेषज्ञ बीमारी

  • दिमाग़ी निर्बलता के साथ चिंता ( anxiety )
  • अनिद्रा ( insomnia ) या निद्रा न आना
  • आत्मघात की प्रवृत्ति के साथ डिप्रेशन
  • चिड़चिड़ाहट (मुक्ता पिस्ती के साथ)
  • सिजोफ्रेनिया ( schizophrenia ) (रजत भस्म के साथ)
  • दिमाग़ी तनाव
  • ध्यान आभाव सक्रियता डिसऑर्डर

आमाशय के बीमारी (लीवर ( liver ) और आमाशय)

  • आमाशय की गैस
  • आमाशय में दाह
  • व्रण
  • यकृत ( liver ) इज़ाफ़ा
  • जॉन्डिस
  • प्लीहा इज़ाफ़ा
  • सेंसिटिव आंत्र की रोग

श्वसन ( respiration ) बीमारी (फेफड़े ( lungs ))

  • ब्रीथिंग लेने में मुसीबत
  • दमा
  • कफ
  • क्रोनिक कफ
  • काली कफ

हृदय और रक्त

  • हृदय की निर्बलता
  • घबराहट या बेचैनी
  • रक्ताल्पता
  • हृदय की असाधारण वृद्धि

वयस्क पुरुषों के बीमारी

  • बांझपन
  • नपुंसकता
  • अल्पशुक्राणुता

स्त्रियों के बीमारी

  • प्रसवोत्तर डिप्रेशन
  • रजोनिवृत्ति के लक्षण ( symptom )

जरूरी इलाज इस्तेमाल

  • अग्निमांड्या (हाज़मा त्रुटि)
  • ग्रहानी (Malabsorption syndrome)
  • प्लिहा (प्लीहा बीमारी)
  • उदारा (आमाशय के बीमारी/आमाशय का बढ़ना)
  • क्रिमी (हेलमिंथियासिस/कृमि इनफ़ेक्शन)
  • यकृत ( liver ) के बीमारी
  • Kapharoga (Disease due to Kapha dosha)
  • कासा (कफ)
  • श्वासा (दमा/दमा)
  • ज्वरा (ज्वर)
  • रक्तपित्त (ब्लीडिंग डिसऑर्डर)
  • प्रमेह (पेशाब डिसऑर्डर)
  • मूत्र में दाह
  • पेशाब धारण
  • गुर्दे के बीमारी
  • पांडु (खून की कमी)
  • केशा पटाना (बालों ( hair ) का झड़ना)
  • तवाग्रोगा (स्किन बीमारी)
  • जरा (बुढ़ापा/प्रोजेरियासिस)
  • Napunsakata (Impotency)
  • वीर्यपात
  • कम शुक्राणुओं की गिनती
  • रिप्रोडक्शन योग्यता और ताक़त में इम्प्रूवमेंट
  • कुष्ठ (स्किन के बीमारी)
  • ग्रंथी (सिस्ट), विशा

धूतपापेश्वर अब्रक भस्म की मटेरियल

  • Abhrak (Biotite/black mica)
  • लोहा
  • मैगनीशियम
  • पोटैशियम
  • कैल्शियम ( calcium )
  • एल्युमिनियम (निशान में)
  • संयंत्र एल्कलॉइड (निशान में)

धूतपेश्वर अब्रक भस्म की डोज़

अभ्रक भस्म की डोज़ वयस्कों में प्रति दिन 750 मिलीग्राम ( mg ) और 10 साल से कम आयु के शिशुओं में 250 मिलीग्राम ( mg ) प्रति दिन से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

  • 0 से 1 साल की उम्र के बच्चे - 15 मिलीग्राम ( mg ) से 30 मिलीग्राम ( mg ) दिन में दो बार
  • उम्र वर्ग 1 से 10 साल-30 मिलीग्राम ( mg ) से 125 मिलीग्राम ( mg ) दिन में दो बार
  • वयस्कों में डोज़-125 मिलीग्राम ( mg ) से 250 मिलीग्राम ( mg ) दिन में दो बार या दिन में तीन बार

धूतपेश्वर अब्रक भस्म की सतर्कता

  • यह औषधि केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही ली जानी चाहिए।
  • इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है।
  • ओवरडोज से संजीदा दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं।
  • प्रेग्नेंसी ( pregnency ), स्तनपान ( breastfeeding ) और शिशुओं में इसका बहुत एहतियात से इस्तेमाल किया जाना चाहिए, केवल तभी जब अवधारित डॉक्टर द्वारा बहुत अनिवार्य पाया गया हो।
  • इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
  • शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें। सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।