Dhootapapeshwar Eladi Gutika (60tab)

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Dhootapapeshwar Eladi Gutika (60tab)

फ्लू ( flu ) और ज्वर

कारण

  • विषाणु इनफ़ेक्शन
  • बैक्टीरिया इनफ़ेक्शन
  • यकायक ठंडी सूखा हवाओं के कांटेक्ट में आना
  • कम इम्युनिटी

लक्षण

  • बॉडी ( body ) में पीड़ा और शीत लगना
  • बहुत थकान/निर्बलता
  • भूख में अभाव
  • घुमेरी ( dizziness ) आना
  • मांसपेशियों ( muscles ) और जॉइंट्स का पीड़ा
  • कफ, बलगम के साथ कफ
  • कंठनली में खरास
  • सरदर्द

कफ

कारण

  • विषाणुजनित इनफ़ेक्शन
  • प्रदूषकों के कांटेक्ट और एलर्जी ( allergy ) की रिएक्शन
  • फेफड़ों के जीर्ण बीमारी
  • दाह या कंठनली में इनफ़ेक्शन
  • शीत और फ्लू ( flu )
  • एलर्जिक राइनाइटिस और साइनोसाइटिस
  • हृदय से रिलेटेड वेंट्रिकल या वाल्व की समस्या

लक्षण

  • कफ, बलगम के साथ खाँसी ( cough ) या सूखी खाँसी ( cough )
  • खांसते अवधि ( समय ) छाती में पीड़ा
  • दाह के साथ कंठनली का लाल होना
  • सांस लेने में कष्ट
  • निरन्तर गला साफ करना
  • खांसने के कारण आमाशय में पीड़ा

टॉन्सिलाइटिस और कंठनली में पीड़ा

कारण

  • बैक्टीरियल ( bacterial ) और वायरल ( viral ) इनफ़ेक्शन
  • ऊपरी श्वसन ( respiration ) पथ के इनफ़ेक्शन
  • भीड़भाड़ के साथ साइनोसाइटिस

लक्षण

  • टॉन्सिल की लालिमा के साथ कंठनली में खराश
  • गर्दन ( neck ) प्रदेश में सॉफ्टनेस या पीड़ा
  • आहार ( food ) गटकने ( निगलने ) में मुसीबत
  • शीत लगना और कान ( ear ) में पीड़ा
  • श्वेत धब्बे वाले टॉन्सिल से आवाज कर्कश हो जाती है

Nameधूतपापेश्वर इलादि गुटिका (60 टैब)
BrandDhootapapeshwar
MRP₹ 180
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), वटी, गुटिका और गुग्गुलु
Sizes60tab
Prescription RequiredNo
Length0 सेंटिमीटर
Width0 सेंटिमीटर
Height0 सेंटिमीटर
Weight0 ग्राम
Diseasesफ्लू ( flu ) और ज्वर, कफ, टॉन्सिलाइटिस और कंठनली में पीड़ा

Eladi Gutika के बारे में

धूप्तपेश्वर की स्थापना स्वतंत्रता पूर्व महाराष्ट्र राज्य में हुई थी। इसने स्वत: को आयुर्वेद ( ayurveda ) मार्किट में एक अद्वितीय उत्पाद ( product ) के रूप में आधारित किया है। गठन के हर एक पड़ाव में उन्नत फार्मास्युटिकल प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के साधन से बैच से बैच प्रदर्शन और पूर्ण शुद्धता और सुरक्षा का आश्वासन दिया जाता है। हर्बल सेहत देखरेख प्रोडक्ट्स के डिजाइन, गठन और विपणन के लिए आईएसओ 9001: 2000 प्रमाणन प्रोवाइड किया गया। धूप्तपेश्वर फार्मास्युटिकल-श्रेणी आयुर्वेद ( ayurveda ) उत्पाद ( product ) बनाने के लिए आधुनिक विज्ञान के उपकरणों का इस्तेमाल करता है। आज, इन प्रोडक्ट्स को ट्रीटमेंट ( treatment ) बिरादरी के साथ स्वीकृति मिली है और वैश्विक बाजारों में उपभोक्ताओं की सेहत और निजी देखरेख की जरूरतों को पूरा करते हैं।

एलादि वटी या गुटिका गोली ( tablet ) के रूप में पॉलीहर्बल आयुर्वेदिक औषधि है जिसका इस्तेमाल सूखी कफ, कंठनली में इनफ़ेक्शन, हिचकी, मतली, शीत, ज्वर, घुमेरी ( dizziness ) आना, रक्त की मतली, आमाशय पीड़ा आदि के लिए किया जाता है। गोली ( tablet ) या गोलियों के रूप में तैयार औषधियों के रूप में जाना जाता है। वटी और गुटिका। इलाडी वटी में कम इलायची, मुलेठी, मिश्री, मुनक्का, पिप्पली और और मंदक होते हैं जो इसे ऊपरी श्वसन ( respiration ) और गैस्ट्रिक ( gastric ) प्रॉब्लम्स में बहुत प्रभावशाली बनाते हैं। यह बहुत पित्त को कम करता है और कंठनली को शांत करता है। यह एक नेचुरल कामोद्दीपक है और सब के सब ब्लीडिंग परिस्थितियों में सहायक है। कंठनली के इनफ़ेक्शन और आवाज की कर्कशता में इसे लोजेंज के रूप में चूसा जाना चाहिए।

इलादी वटी की मटेरियल

  • Ela (Sukshmaila)
  • Patra (Tejapatra)
  • Tvak
  • Pippali
  • सीता
  • Madhuka
  • Kharjura
  • Mridvika(Draksha)

इलादि वटी के फायदा

  • इसमें कफनाशक क्रिया होती है।
  • यह बढ़े हुए पित्त-कफ, बलगम को शांत करता है।
  • यह हिचकी, सूखी कफ, जी मिचलाना, मतली और कंठनली की खराश में आराम देता है।
  • यह पुराने ( chronic ) ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ ) और स्वर बैठना में मददगार है।
  • यह कंठनली को शांत करता है।
  • यह बहुत तृष्णा बुझाता है।
  • यह हर्बल और लेने के लिए सुरक्षित है।

एलाडी वाटिक के प्रमुख उपयोग

  • चरडी (उत्सर्जन) जी मिचलाना और मतली
  • हिक्का (हिचकी)
  • कासा (कफ), सूखी खाँसी ( cough ), कंठनली में ख़राश
  • श्वासा (दमा/दमा)
  • भर्मा (वर्टिगो)
  • मुर्चा (सिंकोप)
  • रक्तपित्त (ब्लीडिंग डिसऑर्डर)
  • Rakta Nishthivana (Blood stained sputum)
  • ज्वरा (ज्वर)
  • माडा (नशा)
  • तृष्णा (तृष्णा)
  • अरुसी (बेस्वाद)
  • पार्श्व शुला (इंटरकोस्टल न्यूराल्जिया और फुफ्फुसावरण)
  • शोशा (कैशेक्सिया)
  • प्लिहा रोगा (प्लीहा बीमारी)
  • Amavata (Rheumatism)
  • स्वरभेद (आवाज की कर्कशता)
  • क्षताक्षय (चोट के कारण क्षीणता)
  • शुक्रक्षय (ओलिगोस्पर्मिया)
  • भूख में अभाव, अति अम्लता ( खट्टापन ), जठरशोथ और आमाशय पीड़ा
  • मूत्र में दाह, डिसुरिया (कष्टदायक मूत्र)
  • पुराने ( chronic ) ब्रोंकाइटिस ( श्वसनीशोथ )
  • ब्लीडिंग डिसऑर्डर

एलादि वाटिक की डोज़

1-2 टैबलेट ( tablet ) दिन में 2-3 बार आहार ( food ) के बाद या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार लें।

एलादि वाटिक की सतर्कता

इस औषधि के कोई ज्ञात दुष्प्रभाव ( side effect ) नहीं हैं।

ज्यादा डोज़ से आमाशय में हल्की दाह हो सकती है।

प्रेग्नेंसी ( pregnency ) के दौरान इस गोली ( tablet ) से बचना अच्छा है।

आयुर्वेद ( ayurveda ) डॉक्टर की निगरानी में औषधि लेनी चाहिए।