बदहजमी/अम्ल/गैस
कारण
- खा
- चिंता ( anxiety )
- लगातार व्रत
- मसालों से भरा आहार ( food ) का ज्यादा सेवन
- पीड़ा निरोधक एंटीबायोटिक्स ( antibiotics ) अम्लता ( खट्टापन ) का कारण बन सकते हैं
लक्षण
- ऊपरी आमाशय में आकुलता ( बेचैनी )
- आमाशय पीड़ा और परिपूर्णता की मनोवृत्ति
- उल्टी
- मतली के एपिसोड
- स्वेलिंग की अनुभूति
Name | धूतपापेश्वर हिंगवाष्टक चूर्ण दवाइयां (60टैब) |
---|---|
Brand | Dhootapapeshwar |
MRP | ₹ 90 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), चूर्ण, अवलेहा और पाकी |
Sizes | 60tab |
Prescription Required | No |
Length | 0 सेंटिमीटर |
Width | 0 सेंटिमीटर |
Height | 0 सेंटिमीटर |
Weight | 0 ग्राम |
Diseases | बदहजमी/अम्ल/गैस |
You might also like:
हिंगवाष्टक चूर्ण गोली ( tablet ) के बारे में
हिंगवाष्टक चूर्ण की टेबलेट्स ( tablets ) आयुर्वेद ( ayurveda ) के प्रशिक्षण में बदहजमी के ट्रीटमेंट ( treatment ) में इस्तेमाल किया जाने वाला बहुत सहायक हर्बल पाउडर मिश्रण ( mixture ) है। हिंगवाष्टक चूर्ण गोलियों में प्रमुख रूप से बहुत ही सुरक्षित और सरलता से उपलब्ध हर्बल मसाले होते हैं।
हिंगवाष्टक चूर्ण गोली ( tablet ) की मटेरियल
- शुंठी (ज़िंगिबर ऑफ़िसिनेल)
- Saindhav lavan(Rock salt)
- कालीमरीचा (काली मिर्च)
- जीरा श्वेत (जीरा)
- पिप्पली (पाइपर लॉन्ग)
- काला जीरा (काला जीरा)
- अजवाइन (कैरम कॉटिकम)
- हिंगु (हींग राल)
हिंगवाष्टक चूर्ण गोलियों के इशारा
- आमाशय फूलना
- बदहजमी
- उदरशूल
- कोष्ठबद्धता ( constipation )
- आंत्र में वायु का रुकना
- स्वाद ( taste ) की नुक्सान
हिंगवाष्टक चूर्ण गोलियों के फायदा
- हाज़मा शक्ति में इम्प्रूवमेंट करता है।
- इसका इस्तेमाल एनोरेक्सिया, बदहजमी आदि के ट्रीटमेंट ( treatment ) में किया जाता है।
- इसका इस्तेमाल वात इम्बैलेंस ( असंतुलन ) और वात रिलेटिव बिमारियों जैसे स्वेलिंग, जॉइंट्स के बीमारी आदि के ट्रीटमेंट ( treatment ) में भी किया जाता है।
- यह रूमेटाइड आर्थराइटिस में एक बढ़िया भोजन अनुपूरक है।
हिंगवाष्टक चूर्ण गोलियों की डोज़
रोग के बुनियाद पर या डॉक्टर के निर्देशानुसार आहार ( food ) के पहले, साथ या बाद में 1 से 4 ग्राम लें।
हिंगवाष्टक चूर्ण की सतर्कता
- कुछ पेशेन्ट्स ( patient ) में, हिंगवाष्टक चूर्ण की टेबलेट्स ( tablets ) आमाशय में दाह पैदा कर सकती हैं।
- चूंकि इसमें लवण होता है, इसलिए हाई बी.पी. और गुर्दे रिलेटिव रोगों वाले लोगों को ध्यान रखना चाहिए।
- बिना औषधीय परामर्श के हिंगवाष्टक चूर्ण की टेबलेट्स ( tablets ) लेने की परामर्श नहीं दी जाती है।
- इसे मां के स्तनपान ( breastfeeding ) के दौरान दिया जा सकता है।
- यह शिशुओं को बहुत कम मात्रा ( quantity ) में दिया जा सकता है।