Dhootapapeshwar Rasrajras (Premium) (10tab)

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Dhootapapeshwar Rasrajras (Premium) (10tab)

सरदर्द और अधकपारी

कारण

  • सूर्य के कांटेक्ट में
  • तनाव
  • स्त्रियों में हार्मोनल ( hormonal ) परिवर्तन
  • निद्रा का पैटर्न है बदलाव
  • फैमिली के हिस्ट्री
  • पर्यावरणीय स्थितिओं में परिवर्तन
  • रहन-सहन में बदलाव
  • मसालों से भरा/जंक फूड का ज्यादा सेवन और मदिरा का सेवन

लक्षण

  • धुंधली नजर के साथ उल्टी और मतली
  • माथे या मस्तिष्क के प्रदेश में आंशिक पीड़ा
  • भूख में अभाव
  • आमाशय बुरा
  • निर्बलता के साथ गर्दन ( neck ) में अकड़न
  • शोर, ध्वनि और स्मेल के प्रति संवेदनशीलता ( sensitivity )
  • सुन्नता ( numbness ) के साथ सरदर्द और काम करने की चाह न होना

Nameधूतपापेश्वर रसराजरस (प्रीमियम) (10 टैब)
BrandDhootapapeshwar
MRP₹ 1330
Categoryआयुर्वेद ( ayurveda ), रास और सिंदूर
Sizes10टैब, 30टैब, 300टैब
Prescription RequiredNo
Length4.5 सेंटिमीटर
Width4.5 सेंटिमीटर
Height1.5 सेंटिमीटर
Weight14 ग्राम
Diseasesसरदर्द और अधकपारी

धूतपापेश्वर रसराज रास (स्वर्ण युक्ता) के बारे में

रसराज जूस जड़ी-बूटियों की आयुर्वेदिक दवा है। यह दवा त्रिदोषनाशक है और बॉडी ( body ) की शक्ति में इम्प्रूवमेंट करती है। रसराज जूस भिन्न-भिन्न बिमारियों के ट्रीटमेंट ( treatment ) में इशारा दिया गया है। यह दवा वात बिमारियों, विशेषकर लकवा, आमवाती पीड़ा, जॉइंट्स का पीड़ा, चेहरे की नर्व पक्षाघात आदि के ट्रीटमेंट ( treatment ) में बहुत सहायक है। यह हार्ट और ब्रेन से रिलेटेड सब के सब बिमारियों में भी सहायक है। यह औषधि वयस्क पुरुषों और स्त्रियों में रिप्रोडक्शन अंग बिमारियों के उपचार के लिए भी दी जाती है। रसराज जूस गोली ( tablet ) रास सिंदूर, मकोई जूस, अभ्रक भस्म, स्वर्ण भस्म, लौहा भस्म, रौप्य भस्म, बंग भस्म, अश्वगंधा, लौंग, जावित्री, जयफल, काकोली और घृत कुमारी का एक सम्मिश्रण है।

धूतपापेश्वर रसराज जूस (स्वर्ण युक्ता) की मटेरियल

  • रास सिंदूर
  • अब्रख भस्म
  • Swarn Bhasma
  • Moti Pisthi
  • प्रवल भस्म
  • लोह भस्म |
  • Raupya Bhasma
  • वांग भस्म
  • अश्वगंधा
  • लवांगी
  • Kakoli
  • Javitri
  • Jaiphal

धूतपेश्वर रसराज जूस (स्वर्ण युक्ता) के इशारा

  • पक्षाघात
  • जॉइंट्स का पीड़ा
  • अर्दित (चेहरे की नर्व पक्षाघात)
  • आपतंत्रक (मरोड़)
  • टिनिटस (कान ( ear ) में बजना)
  • घुमेरी ( dizziness ) आना
  • हाई ब्लड चाप
  • रिप्रोडक्शन अंग बीमारी
  • वीर्य सम्बंधित प्रॉब्लम ( problem )
  • शुक्राणु की क्वालिटी में इम्प्रूवमेंट

धूतपापेश्वर रसराज जूस (स्वर्ण युक्ता) की डोज़

  • 1-2 टैबलेट ( tablet ) दिन में एक या दो बार आहार ( food ) से पहले या बाद में या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार।
  • यह औषधि पारंपरिक रूप से मिल्क या जल के साथ दी जाती है, इसमें थोड़ी मात्रा ( quantity ) में शुगर मिलाई जाती है।

सतर्कता धूतपापेश्वर रसराज जूस (स्वर्ण युक्ता)

  • यह औषधि केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही ली जानी चाहिए।
  • इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है।
  • शिशुओं और प्रेग्नेंट स्त्रियों को इससे बचना चाहिए।
  • इस औषधि का चयन किसी अच्छी कंपनी से करना निश्चित रूप से करें।
  • ज्यादा डोज़ लेने से थरथराहट, घुमेरी ( dizziness ) आना आदि जैसे दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं।
  • औषधि में वजनी धातुएं होती हैं, इसलिए इसे सीकेडी, एचटीएन और डायबिटीज में एहतियात के साथ लेना चाहिए।