बदहजमी/अम्ल/गैस
कारण
- खा
- चिंता ( anxiety )
- लगातार व्रत
- मसालों से भरा आहार ( food ) का ज्यादा सेवन
- पीड़ा निरोधक एंटीबायोटिक्स ( antibiotics ) अम्लता ( खट्टापन ) का कारण बन सकते हैं
लक्षण
- ऊपरी आमाशय में आकुलता ( बेचैनी )
- आमाशय पीड़ा और परिपूर्णता की मनोवृत्ति
- उल्टी
- मतली के एपिसोड
- स्वेलिंग की अनुभूति
Name | Baidyanath Moti Pishti (1g) |
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Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 564 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), Bhasm & Pishti |
Sizes | 1g |
Prescription Required | No |
Length | 2 सेंटिमीटर |
Width | 2 सेंटिमीटर |
Height | 6 सेंटिमीटर |
Weight | 11 ग्राम |
Diseases | बदहजमी/अम्ल/गैस |
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मोती भस्म के बारे में
मोती भस्म मोती से तैयार की जाने वाली एक आयुर्वेदिक दवा है। इसका इस्तेमाल आयुर्वेद ( ayurveda ) में कफ, शीत, दमा, हाज़मा डिसऑर्डर आदि के लक्षणों पर काबू पाने के लिए किया जाता है। इस औषधि को केवल औषधीय निगरानी में ही लेना चाहिए। मोती भस्म में स्वेलिंग-रोधी प्रभाव ( effect ) होते हैं, जो गैस्ट्रिक ( gastric ) म्यूकोसा (आमाशय की परत) पर ज्यादा दिखाई देते हैं। ) जठरशोथ के अनेक कारण हो सकते हैं जिनमें इनफ़ेक्शन, अल्सर ( ulcer ), चोट, मदिरा आदि शामिल हैं। मोती भस्म किसी भी अंतर्निहित कारण के जठरशोथ से आराम देता है। मोती भस्म दोनों तरह के तेज़ और जीर्ण जठरशोथ में सहायता करता है। यह दाह, पीड़ा, जी मिचलाना और आमाशय के ऊपरी हिस्से में भरा हुआ महसूस होना जैसे लक्षणों से फ़ौरन आराम देता है।
मोती भस्म की मटेरियल (रचना)
- Moti (Mukta) Pearl
- गुलाब जल
मोती भस्म के इशारा
मोती भस्म में निम्नलिखित ट्रीटमेंट ( treatment ) गुण हैं।
- एंटासिड
- सूजनरोधी
- एन्टी आमवात
- ज्वर हटानेवाल
- एन्टी हाई ब्लड प्रेशर से ग्रस्त
- ऑस्टियोपोरोसिस ( osteoporosis )
- अस्थिमृदुता
- कम हड्डी खनिज घनत्व
- जॉइंट्स का पीड़ा या ऑस्टियोपोरोसिस ( osteoporosis )
- गाउट
- रजोनिवृत्ति
- बहुत गर्भाशय ब्लीडिंग
- हाइपोपैरथायरायडिज्म (पैराथायरायड ग्रंथि की चाल-चलन में अभाव)
मात्रा ( quantity ) बनाने की पद्धति
- न्यूनतम प्रभावशाली डोज़-25mg
- मीडियम डोज़ (वयस्क) -60 मिलीग्राम ( mg ) से 125 मिलीग्राम ( mg ) दिन में दो बार
- मीडियम डोज़ (बच्चे) -25 मिलीग्राम ( mg ) से 125 मिलीग्राम ( mg )
एहतियात
यह औषधि केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही ली जानी चाहिए।
इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है।
ओवरडोज से संजीदा दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं।
प्रेग्नेंसी ( pregnency ), दुद्ध निकालना और शिशुओं में इसका बहुत एहतियात से इस्तेमाल किया जाना चाहिए, केवल तभी जब अवधारित डॉक्टर द्वारा बहुत अनिवार्य पाया जाता है
इस औषधि को सटीक ( exact ) डोज़ में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए लें, जैसा कि चिकित्सक ने परामर्श दी है।
शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें। सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।