मसूढ़े से रक्त आना / पायरिया
कारण
- ओरल ( oral ) गुहा में बैक्टीरिया इनफ़ेक्शन
- बुरा ओरल ( oral ) सफ़ाई
- एसिडिटी ( acidity )
- स्मोकिंग
- दांतों पर टार्टर
लक्षण
- ब्रश करते अवधि ( समय ) मसूढ़ों का लाल होना या रक्त बहना
- सूजे हुए मसूड़ों के साथ मुँह में सांसों की दुर्गंध
- चबाने में मुसीबत
- बुरा ओरल ( oral ) सफ़ाई के कारण भूख में अभाव
कम ऊंचाई
कारण
- आहार-पोषण रिलेटिव डिसऑर्डर
- पारिवारिक छोटा कद
- बचपन से ही जीर्ण बीमारी जो हाज़मा योग्यता को प्रभावित करते हैं
- आहार ( food ) का अनुचित हाज़मा और आत्मसात करना
- वृद्धि हॉर्मोन की अभाव
- थायरॉइड ( thyroid ) डिसऑर्डर
लक्षण
- छोटा कद
- यौवन तक ऊंचाई में कोई वृद्धि नहीं
- कसरत करने के बावजूद कद में छोटा
Name | Baidyanath Lauh Bhasma (Sahastraputi) (1g) |
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Brand | Baidyanath |
MRP | ₹ 340 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), Bhasm & Pishti |
Sizes | 1g |
Prescription Required | No |
Length | 2.5 सेंटिमीटर |
Width | 2.5 सेंटिमीटर |
Height | 5 सेंटिमीटर |
Weight | 8 ग्राम |
Diseases | मसूढ़े से रक्त आना / पायरिया, कम ऊंचाई |
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लोहा भस्म (सहस्त्रपुत्री) के बारे में
लोहा भस्म (मैग्नेटिक आयरन कैल्क्स) आयरन ऑक्साइड से तैयार एक आयुर्वेदिक खनिज आधारित औषधि है। यह आयरन की अभाव से होने वाले खून की कमी, जॉन्डिस, इर्रिटेबल बोवेल सिंड्रोम ( syndrome ) और हेमोलिटिक खून की कमी के स्थितियों में इलाज रूप से सहायक है। बैद्यनाथ लोहा भस्म आयरन की अभाव, रक्ताल्पता, बीमारी-प्रतिरोधक योग्यता, शक्ति और स्मरणशक्ति, कमजोरी में इम्प्रूवमेंट के लिए सहायक है।
Ingredients of Loha Bhasma (Sahastraputi)
- लोहा (शुद्ध ( pure ))
- Hingool churna
- Ghrit kumari ras
- Gomutra
- छाछ
- कुलथी (मैक्रोटिलोमा यूनिफ्लोरम) काढ़ा
- एलोवेरा जूस
- जंबुल ट्री बरकी
Indication of Loha Bhasma (Sahastraputi)
- रक्तगुल्म
- प्रदर
- एन्टी आमवाती
- आमवात
- डायबिटीज
- चिरकालीन
- जॉन्डिस
Medicinal Properties Of Loha Bhasma (Sahastraputi)
लोहा भस्म में निम्नलिखित ट्रीटमेंट ( treatment ) गुण हैं।
- हेमेटिनिक (हीमोग्लोबिन ( hemoglobin ) के स्तर को बढ़ाता है)
- हेमटोजेनिक (लाल ब्लड कोशिकाओं के गठन में सहायता करता है)
- बिलीरुबिन को कम करता है
- चिकनाई दाहक
लोहा भस्म (सहस्त्रपुत्री) के इलाज इशारा
लोहा भस्म निम्नलिखित बिमारियों में सहायक है।
- लोहे की अभाव से खून की कमी
- हीमोलिटिक अरक्तता
- साधारण कमजोरी
- जॉन्डिस
- सेंसिटिव आंत्र की रोग
लोहा भस्म की डोज़ और प्रशासन (सहस्त्रपुत्री)
लोहा भस्म की डोज़ करीब-करीब 50 मिलीग्राम ( mg ) से 250 मिलीग्राम ( mg ) दिन में दो बार है। लोहा भस्म की डोज़ प्रति दिन 500 मिलीग्राम ( mg ) से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
Precautions For Loha Bhasma (Sahastraputi)
- यह औषधि केवल सख्त औषधीय निगरानी में ही ली जानी चाहिए।
- इस औषधि के साथ स्व-औषधि जोखिमभरा साबित हो सकती है।
- शिशुओं और प्रेग्नेंट और स्तनपान ( breastfeeding ) कराने वाली माताओं में इससे बचना चाहिए।
- ज्यादा मात्रा ( quantity ) में गैस्ट्र्रिटिस के साथ अनेक दुष्प्रभाव ( side effect ) हो सकते हैं।
- इस औषधि को चिकित्सक की परामर्श के अनुरूप ( accordingly ) सटीक ( exact ) मात्रा ( quantity ) में और सीमित अवधि ( समय ) के लिए ही लें।
- शिशुओं की पहुंच और नजर से दूर रखें।
- सूखी ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें।