कफ
कारण
- विषाणुजनित इनफ़ेक्शन
- प्रदूषकों के कांटेक्ट और एलर्जी ( allergy ) की रिएक्शन
- फेफड़ों के जीर्ण बीमारी
- दाह या कंठनली में इनफ़ेक्शन
- शीत और फ्लू ( flu )
- एलर्जिक राइनाइटिस और साइनोसाइटिस
- हृदय से रिलेटेड वेंट्रिकल या वाल्व की समस्या
लक्षण
- कफ, बलगम के साथ खाँसी ( cough ) या सूखी खाँसी ( cough )
- खांसते अवधि ( समय ) छाती में पीड़ा
- दाह के साथ कंठनली का लाल होना
- सांस लेने में कष्ट
- निरन्तर गला साफ करना
- खांसने के कारण आमाशय में पीड़ा
छाती में पीड़ा और एंजाइना
कारण
- इनफ़ेक्शन से हृदय की समस्या
- बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर
- खांसने/छींकने जैसी सांस की कष्ट
- अम्लता ( खट्टापन ) / नाराज़गी
- पसली की कष्ट या चोटें
लक्षण
- हाथों तक फैले चेस्ट प्रदेश में परिपूर्णता और अकड़न
- छाती में दाह के साथ नाराज़गी
- उल्टी और मतली के साथ बदहजमी
- सांस लेने में कष्ट
- साँसों की अभाव
- पीड़ा जो गर्दन ( neck ) के जबड़े और कंधों तक जाता है
Name | केरल आयुर्वेद ( ayurveda ) पार्थ्यारिष्टम (435 मि.ली.) |
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Other Names | Parthadyarishta |
Brand | केरल आयुर्वेद ( ayurveda ) |
MRP | ₹ 155 |
Category | आयुर्वेद ( ayurveda ), आसव अरिष्ट और कढाई |
Sizes | 435 मिली |
Prescription Required | No |
Length | 0 सेंटिमीटर |
Width | 0 सेंटिमीटर |
Height | 0 सेंटिमीटर |
Weight | 0 ग्राम |
Diseases | कफ, छाती में पीड़ा और एंजाइना |
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केरल आयुर्वेद ( ayurveda ) पार्थ्यारिष्टम के बारे में
पार्थ्यारिष्टम एक आयुर्वेदिक द्रव दवा है, जिसका इस्तेमाल हर्बल हार्ट टॉनिक के रूप में किया जाता है। अर्जुनारिष्ट में 6 से 12% स्वयं निर्मित शराब होता है। यह स्वयं उत्पन्न शराब और उत्पाद ( product ) में उपस्थित जल बॉडी ( body ) में जल और शराब घुलनशील एक्टिव हर्बल अवयवों को वितरित करने के लिए एक साधन के रूप में काम करता है। पार्थद्यारिष्टम द्रव रूप में स्वयं उत्पन्न शराब है। इसे अर्जुनारिष्ट, पार्थरिष्टम के नाम से भी जाना जाता है।
केरल आयुर्वेद ( ayurveda ) पार्थ्यारिष्टम के लिए इलाज इशारा
यह के ट्रीटमेंट ( treatment ) में सहायक है
छाती में चोट
निर्बलता, थकान, कमजोरी
हर अवधि ( समय ) थकान महसूस करना
क्रोनिक सांस की कष्ट
कंठनली से रिलेटेड बीमारी
हार्ट रिलेटिव डिसऑर्डर
यह हल्के से मीडियम हाई ब्लड प्रेशर में भी सहायक है
हार्ट बिमारियों और रक्ताल्पता में उपयोगी।
केरल आयुर्वेद ( ayurveda ) पार्थ्यारिष्टम के लिए मटेरियल
अर्जुन ट्वक (टर्मिनलिया अर्जुन)
मृदविका फला (वाइटिस विनीफेरा)
Madhuka pushpa (Madhuka indica)
Dhataki pushpa (Woodfordia fruticosa)
गुडा (गुड़)
केरल आयुर्वेद ( ayurveda ) पार्थ्यारिष्टम के लिए डोज़
10-25 मिलीलीटर ( ml ) दिन में एक या दो बार, आमतौर पर आहार ( food ) के बाद परामर्श दी जाती है।
इसे बराबर मात्रा ( quantity ) में जल के साथ मिला सकते हैं
5 वर्ष से कम आयु के शिशुओं के लिए डोज़ - 3 - 5 मिली, 10 मिली जल में मिलाकर, आहार ( food ) से पहले या बाद में, या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार
5 से 12 साल की उम्र के शिशुओं के लिए डोज़ - 5 मिली, दिन में एक या दो बार, या आयुर्वेदिक डॉक्टर के निर्देशानुसार।
केरल आयुर्वेद ( ayurveda ) पार्थ्यारिष्टम के लिए सतर्कता
चिकित्सक के प्रिस्क्रिप्शन ( prescription ) के बुनियाद पर इस औषधि का उपयोग अनेक महीनों ( कई माह ) तक किया जा सकता है।
3 वर्ष से ज्यादा आयु के शिशुओं के लिए कम डोज़ में सुरक्षित।
आकस्मिक अति-डोज़ से सख्ती से बचा जाना चाहिए।
प्रेग्नेंसी ( pregnency ) के दौरान बचना सबसे बढ़िया है।
चिकित्सक से परामर्श लेने के बाद स्तनपान ( breastfeeding ) की अवधि के दौरान लिया जा सकता है।
गठन की तारीख से 10 साल।
कसकर बंद एम्बर कलर की बोतल में ठंडी जगह पर स्टोर ( store ) करें, प्रकाश और नमी से बचाएं।